कोरोना से अनाथ होने वाले बच्चों को मिलेंगे 2500 रुपये

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चंडीगढ़: अनिल विज ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को सुरक्षित भविष्य देने के दृष्टिगत ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ शुरू की है। इस योजना के तहत ऐसे बच्चों के पालन-पोषण और पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी

उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत जिनके माता-पिता की मृत्यु के बाद बच्चों की देखभाल परिवार के अन्य सदस्य कर रहे हैं, ऐसे बच्चों के पालन पोषण के लिए 18 वर्ष तक 2500 रुपये प्रति बच्चा प्रति मास की दर से राज्य सरकार की ओर से संबंधित परिवार को दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त 18 वर्ष तक की आयु होने तक पढ़ाई कर रहे ऐसे बच्चों को 12000 रुपये प्रति वर्ष अन्य खर्चों के लिए भी दिए जाएंगे।

जिन बच्चों के देखभाल करने के लिए परिवार का कोई सदस्य नहीं है, उनकी देखभाल ‘बाल देखभाल संस्थान’ करेंगे। आर्थिक सहायता के रूप में 1500 रुपये प्रति बच्चा प्रति महीना 18 वर्ष की आयु होने तक राज्य सरकार की ओर से प्रदान किए जाएंगे। यह राशि आवर्ती जमा के रूप में बैंक खाते में डाल दी जाएगी और 21 वर्ष की आयु होने पर बच्चे को मैच्योरिटी राशि दे दी जाएगी।

हरियाणा भवन दिल्ली में रुके स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अपने स्वभाव के मुताबिक भवन की कैंटीन का निरीक्षण करने पहुंच गए। विज के कैंटीन पहुंचने से वहां काम करने वाले स्टाफ में हड़कंप मच गया। इस दौरान विज ने कैंटीन कर्मचारियों को सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा। विज के पहुंचने की सूचना के साथ ही हरियाणा भवन में मौजूद मीडिया भी कैंटीन में पहुंच गया। विज ने यहां मौजूद खाने पीने के चीजों और साफ सफाई का निरीक्षण किया।

सूत्रों के मुताबिक असल में विज कैंटीन परिसर में भीषण गर्मी में खाना खाने वाले लोगों का हालचाल देखने पहुंचे थे। उन्हें शिकायत मिली थी कि कैंटीन में पांच एसी लगने के लिए आए हैं लेकिन लगे नहीं हैं। इसके चलते लोगों को गर्मी में खाना खाना पड़ता है। वेंटिलेशन न होने के कारण कर्मचारियों का पसीना टपकता है और उसी में खाना बनाना पड़ता है। अब इस मामले में किसी भी समय जांच बैठ सकती है।

चंडीगढ़ स्थित हरियाणा सचिवालय की कैंटीन ऐसी नहीं है। यहां की सफाई व्यवस्था और कर्मचारियों के लिए लगे एयरकंडीशन काफी कारगर हैं। कैंटीन में खाने वाले कर्मचारियों के लिए भी वातानुकूलित सुविधा है। इसके कारण पंजाब के अधिकतर कर्मचारी इसी कैंटीन में आते हैं। कैंटीन में साफ-सफाई भी बढ़िया रहती है।

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