खाद्य प्रसंस्करण, धातु शिल्प, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और खिलौना निर्माण को लेकर स्थापित किए जाएंगे क्लस्टर सेंटर- उपायुक्त

चंबा जिला के कुछ क्षेत्रों में बांस के शिल्प से तैयार होने वाले घरेलू उत्पादों की भी अच्छी संभावनाएं मौजूद हैं।

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खाद्य प्रसंस्करण, धातु शिल्प, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और खिलौना निर्माण को लेकर स्थापित किए जाएंगे क्लस्टर सेंटर- उपायुक्त

INDIA REPORTER TODAY.com
CHAMBA : VIJAY CHAUDHARY
उपायुक्त डीसी राणा ने कहा कि चंबा जिला में खाद्य प्रसंस्करण, धातु शिल्प, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और खिलौना निर्माण को लेकर कलस्टर सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इन क्लस्टर सेंटरों के माध्यम से शिल्पकारों, कलाकारों और खाद्य प्रसंस्करण उद्यम से जुड़ने वाले व्यक्तियों को कॉमन सुविधा केंद्र की सुविधा मिल पाएगी। उपायुक्त ने यह बात आज आत्मनिर्भर भारत अभियान के कार्यान्वयन की समीक्षा को लेकर बचत भवन में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।उन्होंने बताया कि हैंडलूम सेक्टर में चंबा जिला के कुछ क्षेत्र विशेष में बुनकरों द्वारा पारंपरिक रूप से तैयार की जाने वाली कोट की पट्टी भी शामिल रहेगी। उन्होंने उद्योग विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि इस पट्टी को किन्नौर की तर्ज पर बुनने, रंगने और फिनिशिंग देने के लिए भी विभाग एक कार्य योजना तैयार करे ताकि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बाजार की मांग के अनुरूप इसे बड़े पैमाने पर तैयार करवा कर इसकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग  की जाए।
उपायुक्त ने यह भी बताया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की एक जिला एक उत्पाद(ओडीओपी) योजना के तहत चंबा जिला में सेब आधारित चार माइक्रोफूड प्रोसेसिंग यूनिट भी स्थापित किए जाएंगे। इन माइक्रो फूड प्रोसेसिंग यूनिटों  के साथ उन किसान उत्पादक संघों(एफपीओ) को जोड़ा जाएगा जो सक्रिय तौर पर इस क्षेत्र के साथ अपने आप को जोड़कर व्यवसायिक सोच के साथ अपना आर्थिक स्वावलंबन सुनिश्चित करने के प्रति पूरी तरह से जागरूक हों। किसान उत्पादक संघों को जागरूक करने के अलावा उन्हें प्रशिक्षित करने में बागवानी विभाग के अलावा नाबार्ड भी अपनी सहभागिता निभाएगा।
उपायुक्त ने बागवानी विभाग के अधिकारियों को कहा कि वे अपनी स्कीमों का कन्वर्जेंस भी इस अभियान के साथ कर सकते हैं ताकि लक्षित व्यक्तियों तक आत्मनिर्भर भारत अभियान का समग्र लाभ मिल सके।
बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि चंबा जिला के कुछ क्षेत्रों में बांस के शिल्प से तैयार होने वाले घरेलू उत्पादों की भी अच्छी संभावनाएं मौजूद हैं। इस पारंपरिक शिल्प से  जुड़े लोगों को मार्गदर्शन और प्रशिक्षण देने से विभिन्न तरह के उपहार इत्यादि पैक करने के पैकिंग बॉक्स और किचन में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न तरह के अन्य उत्पाद भी तैयार हो सकेंगे।
उपायुक्त ने रंग महल में पासपोर्ट सुविधा केंद्र तैयार करने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इसे आने वाले समय में जल्द पूरा किया जाएगा। उन्होंने उद्योग विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए की आत्मनिर्भर भारत अभियान की समीक्षा को लेकर आयोजित होने वाली आगामी बैठक तक विभाग अपनी कार्य योजना को व्यवहारिक दृष्टिकोण के साथ तैयार करना सुनिश्चित करे ताकि अपेक्षित नतीजों को हासिल किया जा सके। बैठक में उपायुक्त मुकेश रेपसवाल, सहायक आयुक्त रामप्रसाद, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र राजिंद्र कुमार, वरिष्ठ प्रबंधक चंद्रभूषण, परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण योगेंद्र कुमार, उपनिदेशक पशुपालन डॉ राजेश सिंह, जिला रोजगार अधिकारी अरविंद चौहान, जिला भाषा अधिकारी तुकेश शर्मा, कार्यवाहक संग्रहालय अध्यक्ष सुरेंद्र ठाकुर, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी रवि मीणा के अलावा अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।

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