घोर अन्याय! हिमाचल भवन के 64 करोड़ जमा करने में तत्परता, लेकिन धर्मशाला सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए 30 करोड़ नहीं: पूर्व विधायक प्रवीन कुमार

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हिमाचल भवन के 64 करोड़ जमा करने में तत्परता, लेकिन धर्मशाला सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए 30 करोड़ नहीं: पूर्व विधायक प्रवीन कुमार

Er. VARUN SHARMA, BUREAU CHIEF, PALAMPUR, Mob : 9817 999992

पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने राज्य सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि दिल्ली स्थित हिमाचल भवन की कुर्की से बचने के लिए 64 करोड़ रुपये तुरंत जमा करने में कोई देरी नहीं की गई, लेकिन धर्मशाला में प्रस्तावित सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए कांगड़ा की जनता की चीखों पुकारों के बावजूद भी 30 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाने में राज्य सरकार असमर्थ नजर आ रही है।

प्रवीन कुमार ने कहा कि कांगड़ा की जनता के धैर्य को राजनीतिक तराजू से तौलने का प्रयास न किया जाए। उन्होंने कहा कि धैर्य की भी एक सीमा होती है।

उन्होंने प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक हाइड्रो पावर इलेक्ट्रिक कंपनी को अपनी देनदारी के लिए न्यायालय का सहारा लेना पड़ा, जिसके बाद कोर्ट ने दिल्ली स्थित हिमाचल भवन की कुर्की के आदेश दिए। कोर्ट के आदेश के डर से सरकार ने तुरंत प्रभाव से 64 करोड़ रुपये जमा करवाए। लेकिन, वहीं दूसरी ओर, कांगड़ा की जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरी करने के लिए 30 करोड़ रुपये सरकार के पास नहीं हैं।

पूर्व विधायक ने कहा कि इस मामले को लेकर वरिष्ठ भाजपा नेता श्री शांता कुमार जूई जी ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 30 करोड़ रुपये जारी करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि श्री शांता कुमार जैसे सर्वमान्य और अनुभवी नेता की तर्कसंगत आवाज को भी सरकार नजरअंदाज कर रही है।

भावुक होकर श्री प्रवीन कुमार ने कहा कि श्री शांता कुमार की ढलती उम्र के चलते अब कांगड़ा नेतृत्व विहीन हो गया है। यदि सरकार उनकी आवाज को नहीं सुनती, तो यह कांगड़ा की जनता के साथ अन्याय होगा।

अन्ततोगत्वा पूर्व विधायक ने कहा कि अब कांगड़ा की सभी एनजीओ को एकजुट होकर जनहित में न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा है।

AP
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