बड़े बेरहम हैं मेरे कुछ जानने वाले

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कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल

दुःखी रहते हैं तराजू बनाने वाले,
बेबजह मुझे तोलते रहते हैं,
साथ चला रास्ता दिखाता रहा,
ज़रूरत पड़ी सहलाता रहा।

नहीं याद मुझे कि मैंने कभी,
किया बकवास है,
सोच समझ कर बोलता हूं हमेशा,
कुशब्दों का उपवास है।

बड़े बेरहम हैं मेरे कुछ जानने वाले,
बड़बोल ही बोलते रहते हैं।
कभी भूलने नहीं दिया मैंने दोस्तों को,
बेशक जसवन्त को तोलते रहे।
कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल कलोल बिलासपुर हिमाचल

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