कम्बख्त गिड़गिड़ाता चला गया : कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल
कम्बंख्त गिड़गिड़ाता चला गया,
वह चलता चलता हमें बता गया,
वह मूर्खता का परिचय करा गया,
बिन बिचारे सब कुछ तो बता गया।
कामवाली को घरवाली बता गया,
घरवाली को झाड़ू वाली बना गया,
ले बोतल हाथ में वह लहरा चला
पता नहीं जीते जी क्यों मरा चला।
घरवाली ने झाड़ू मंत्र भी मार दिया ,
कम्बंख्तअपना हथियार डाल दिया ,
बोतल घरवाली को थमा डाली,
दे ऊंगली कान महफिल जमा डाली।
रब्ब रखे बचा के इन शराबियों से ,
बाल बच्चे बचे रहें इन खराबियों से,
कह कर आपसे आज जा रहा है जसवन्त,
संभल जाओ जमाना खराब आ रहा है।
कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल
कलोल बिलासपुर हिमाचल