कहां सुनते थे जब जनाब जवान थे…कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल

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कहां सुनते थे जब जनाब जवान थे,
हम ठहरे अनपढ़ और अनजान थे।

हम तो पहाड़ की पगडंडियां चढ़ते थे,
वो मोटर वाले मजाक हमारा करते थे।

फिर हम भी चलने लगे अपने पांव पर,
कभी नहीं छिड़का नमक उनके घावों पर।

थे अकेले पर पीछे हमारे लाईन बनती गई,
मोटर वालों की गिनती आजतक गिरती गई।

कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल
कलोल बिलासपुर हिमाचल।

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