गुवाहटी: असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव अपूर्व कुमार भट्टाचार्जी ने आज थौरा विधायक सुशांत बोरगोहेन का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। कांग्रेस ने शनिवार को असम विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी को पत्र लिखकर पार्टी से उनके इस्तीफे के बाद दलबदल विरोधी कानून के तहत विधायक के रूप में सुशांत बोरगोहेन को अयोग्य घोषित करने के लिए कहा है।
सुशांत बोरगोहेन के भाजपा में जाने की चर्चा जोरों पर है। इसी सिलसिले में पार्टी ने 28 जुलाई को उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उन्हें 31 जुलाई या उससे पहले अपनी स्थिति स्पष्ट करनी थी लेकिन उन्होंने जवाब देने के बजाए पार्टी ही छोड़ दी।
असम कांग्रेस प्रमुख भूपेन बोरा ने शुक्रवार को बताया था कि सुशांत बोरगोहेन को कारण बताओ नोटिस दिया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। हम इस मामले पर कानूनी विशेषज्ञों से बात कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक को कारण बताओ नोटिस में पूछा गया था कि असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संज्ञान में यह बात आई है कि आप जल्द ही भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। ऐसा बयान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भाबेश कलिता ने दिया है। इसलिए आप 31 जुलाई से पहले अपना रूख साफ करें।
बोरगोहेन दूसरे विधायक हैं जो कांग्रेस छोड़ कर चले गए। इससे पहले जब मई में हेमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में असम में सरकार बनी तो चार बार के विधायक रूपज्योति कुर्मी, जो कांग्रेस में चाय जनजाति समुदाय के एकमात्र विधायक थे, ने 18 जून को विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया था। वे 21 जून को भाजपा में शामिल हो गए थे।
एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता, जूरी शर्मा बोरदोलोई, जो गुवाहाटी जिला अध्यक्ष थे, ने भी कुर्मी की तरह उसी दिन पार्टी छोड़ दी थी और दो जुलाई को सत्ताधारी पार्टी की सदस्यता ली थी। पूर्व मंत्री राजीव लोचन पेगू ने भी भाजपा में जाने की चर्चा के बीच छह जुलाई को कांग्रेस की माजुली जिला इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।