Congress -68, BJP-0 के लग रहे आसार! ओल्ड पेंशन स्कीम से खुश सभी दुःखी सरकारी कर्मचारी कांग्रेस में, कहीं ऐसा न हो कि कांग्रेस 68 और भाजपा जीरो पर सिमट कर रह जाए : जोगटा

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RAJESH SURYAVANSHI
Editor-in-Chief, HR MEDIA GROUP, 9418130904, 8988539600

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता श्री एसएस जोगटा ने जयराम ठाकुर पर कर्मचारियों को प्रताड़ित करने व उनके हितों के साथ खेलने का आरोप लगाया है। उन्होंने सरकार बनते ही ओल्ड पेंशन स्कीम पर मोहर लगा कर कांग्रेस का वादा पूरा करने की बात कही है।

1 जानवरी 2016 से सरकार ने कर्मचारियों को 6 साल बाद जो स्केल देना था वह पूर्ण रूप से जयराम सरकार ने नहीं दिया और उसके अलावा जो एरियर की किश्तें बनती थीं वे भी सरकार ने नहीं दीं।

इसके अलावा जो एक किश्त एक साल के एरियर की सरकार ने बनाई वह भी ट्रेज़री में पड़ी है और ट्रेज़री वाले कह रहे हैं कि उन्हें यह किश्त अदा करने की इजाज़त नहीं है।

इसके अलावा महत्वपूर्ण बात यह है कि कि जो रिटायरी 1 जनवरी 2016 और 30 दिसंबर 2022 के बीच रिटायर हुए हैं उनको पंजाब पैटर्न पर न डीसीआर, न कमोटेशन मिल रही है न डीसीआर, न ग्रेच्युटी मिल रही है और जो 2022 में अभी रिटायर हो रहे हैं, उनको इसका पूरा लाभ मिल रहा है, कर्मचारियों के बीच में कितनी बड़ी दीवार खड़ी कर दी है जयराम सरकार ने।

मतलब सरकार कर्मचारियों को आपस में ही लडवाने के घिनोने प्रयास कर रही है।

सभी कर्मचारियों को आपस में लड़ा कर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इतिहास रचा है। यह जो ऐतिहासिक फैसला जयराम सरकार ने लिया है,लिया है, पूर्ण होने में तो यह भी नहीं आ रहा है लेकिन उसके अलावा जो 6-7 तरह के तमाम भत्ते बनते हैं 1996 से वे भी कर्मचारियों को नहीं मिले हैं ।

हिमाचल प्रदेश के इतिहास में यह एक मिसाल है कि सरकारी कर्मचारी ही प्रदेश में सरकारों को बनाते हैं और गिराते हैं, इसमें कोई दो राय नहीं है। एक एवरेज के हिसाब से 6 लाख से अधिक कर्मचारी बनते हैं प्रदेश में। अगर उन्हें एवरेज 3 से भी मल्टीप्लाई कर दो तो 18 से 20 लाख वोट बनते हैं सरकारी कर्मचारियों के। यानी लगभग 72 लाख की जनसंख्या वाले हिमाचल प्रदेश में 18 से 20 लाख मतदाता जिस ओर घूम जाएंगे वही सरकार प्रदेश में काबिज होगी।

जोगटा ने कहा कि हिमाचल के कर्मचारियों के साथ जितना न्याय ठाकुर जयराम की सरकार में हुआ ही उतना शायद कभी नहीं हुआ।

कर्मचारियों को आपस में लडवा कर सरकार ने इतिहास रच डाला है। कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है।

अब तमाम कर्मचारियों ने अपने व पीने परिवार के भविष्य को संवारने हेतु सरकार को सबक सिखाने की ठान ली है और कहीं ऐसा न हो कि जब चुनाव के परिणाम आएं तो इस बार का आंकड़ा हैरान कर देने वाला हो अर्थात बीजेपी जीरो और कांग्रेस 68 सीटें लेकर बनेगी हीरो ।

सरकारी कर्मचारी सभी सुविधाओं के हकदार हैं। राजा वीरभद्र सिंह हमेशा कर्मचारियों के हितों के बारे में सोचते थे।

भाजपा सरकार ने कर्मचारियों के हितों से खिलवाड़ करके उन्हें पूरी तरह से  प्रताड़ित व बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

ज्यादातर कर्मचारी सड़कों पर हैं। जैसे  करुणामूलक आधार वाले कर्मचारी जो पिछले कई सालों से संघर्ष कर रहे हैं उन्हें सड़कों पर धक्के खाने को छोड़ दिया गया है। कुछ को एडजस्ट कर दिया है। इस तरह उन्हें आपस में लड़वाने की नाकामयाब कोशिश की गई है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने न तो उनके लिए कोई नीति बनाई और न ही कोई ठोस पालिसी।

जोगटा ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस सरकार जैसे ही सत्ता में आएगी सभी कर्मचारियों के साथ-साथ करुणामूलक आधार वाले कर्मचारियों के लिए भी विशेष नीति बनाई जाएगी ताकि आगे के लिए उनका पूरी तरह उद्धार किया जा सके।

जोगटा ने कहा कि हम ऐसा भेदभाव कतई नहीं होने देंगे । जिन आउटसोर्स  लोगों को सरकार ने एडजस्ट नहीं किया है उनके ठेकेदार भाजपा के ठेकेदार हैं, वे खुद भी लाभ कमा रहे हैं और सरकार को भी लाभ दे रहे हैं ।

एक प्रॉपर नीति बनाकर ही इन लोगों का उद्धार होगा। जयराम सरकार ने जो मजाक कर्मचारियों के साथ किया है उसे हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

ठेकेदारी प्रथा को बंद करने की ओर कदम उठाए जाएंगे और आउटसोर्स सिस्टम को भी बंद करने के लिए सरकार कदम आगे बढ़ाएगी।

बैकलॉग को भरा जाएगा रेगुलर बेस पर और भाजपा की तरह शिमल राजधानी में ही कर्मचारियों को 5 हज़ार रुपये से ₹8000 महीना वेतन देकर उनके साथ और उनके परिवार के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाएगा ।

उन्हें रेगुलर बेस पर ही नौकरियां दी जाएंगी। इस बारे में सरकार नहीं सोचेंगी तो कौन सोचेगा ।

बहुत से आउटसोर्स कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें ₹7800 रुपये मासिक मेहनताना मिलता है।

ऐसे में वे क्या करें, कहां जाएं, इस तरह का मजाक और अधिक सहन नहीं किया जाएगा।

जैसे ही कांग्रेस सरकार सत्ता में आएगी कर्मचारियों के हितों को सर्वोपरि रखा जाएगा तथा रेगुलर बेस पर ही बेरोजगारों को नियुक्तियां देकर रोजगार के नए अवसर खोले जाएंगे, नए रास्ते खोले जाएंगे।

अगर सरकार युवा वर्ग के बारे में, बेरोजगार वर्ग के बारे में नहीं सोचेगी तो कौन सोचेगा। समाज का उत्थान सरकारों का ही काम है, इसीलिए सरकार बनाई जाती है।

पुलिस विभाग की तरफ रुख करते हैं पुलिस विभाग को ही देखो। पहले उन्हें 8 साल बाद रह दूर किया जाता था अब 5 साल बाद रेगुलर किया जा रहा है जबकि अन्य युवकों के कई कर्मचारियों को 2 साल बाद ही रेगुलर कर दिया जा रहा है यह कैसी विसंगति है एक कर्मचारी को दूसरे कर्मचारी के साथ लड़वाने की।

पूरे प्रदेश में कर्मचारियों को नियुक्त करने में इतनी अधिक विसंगतियां हैं जो एक मजाक का विषय बन कर रह गई है।

किसी को 8 साल मे रेगुलर किया जा रहा है, किसी को 7 साल में तो किसी को 2 साल में नियमित किया जा रहा है।

पूरे प्रदेश में कर्मचारियों को नियमित करने का एक नियम, एक कानून बनना चाहिए, चाहे कोई भी कर्मचारी किसी भी विभाग से संबंधित क्यों न हो ।

उसे अगर 2 वर्ष में रेगुलर करना है तो सभी को 2 वर्ष में ही रेगुलर किया जाना चाहिए

पुलिस वालों का कॉन्ट्रैक्ट 8 साल का था इन्होंने 5 साल किया किया जबकि और विभागों में 2 वर्ष का है यानी वे 2 साल के बाद कॉन्ट्रैक्ट से रेगुलर होते हैं।

एक प्रदेश में एक ही कानून होना चाहिए कर्मचारियों के लिए ।

भले ही वह कोई वाटर कैरियर है या कोई और।

अगर 40-45 साल की उम्र में नॉकरी मिलती है तो वह कर्मचारी तो रेगुलर होते-होते मर ही जाएगा इसलिए इस तरह की विसंगतियां सरकार को दूर करनी चाहिए तथा सरकारी कर्मचारियों को उनके हर तर्कसंगत लाभ प्रदान करने चाहिए। जैसे हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी कर्मचारियों के हितों में फ़ौरी कदम उठाकर उन्हें न्याय प्रदान किया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता श्री सुरजन सिंह जोगटा ने एक बार पुनः प्रदेश के मतदाताओं से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में मतदान में भाग लेकर हाथ का बटन दबाएं और अपने भाग्य जगाएं। कांग्रेस हर कदम पर, हर मुश्किल में उनके साथ कदम से कदम मिला कर खड़ी थी, खड़ी है और सदा ईमानदारी से खड़ी रहेगी।

जय हिंद- जय भारत!

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