नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में रोजाना तकरीबन डेढ़ मिनट में कोरोना से संक्रमित एक मरीज की मौत हो रही है। वहीं डेल्टा प्लस के अलावा दुनिया में फैले बदले हुए स्वरूप से भी खतरे की चिंता बढ़ गई है।
कहने को तो देश के अलग-अलग राज्यों ने अपने हिसाब से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी है लेकिन लोगों की सार्वजनिक जगहों पर बढ़ रही भीड़ से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय की लगातार चिंता बनी हुई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 894 लोगों की मौत हुई। यानी हर डेढ़ मिनट में एक मरीज ने दम तोड़ा। स्वास्थ्य मंत्रालय में दर्ज आंकड़े बताते हैं कि संक्रमित लोगों की मौतों की यह संख्या न सिर्फ चिंता बढ़ाती है बल्कि इस बात के लिए आगाह भी करती है कि संक्रमण की रफ्तार कम भले ही हुई हो लेकिन खतरा टला नहीं है।
देश में संक्रमण से मरने वालों की सबसे ज्यादा संख्या अभी भी महाराष्ट्र में बनी हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में महाराष्ट्र के सिर्फ कुछ जिलों से ही 495 मरीजों की मौत हुई। जबकि केरल में यह आंकड़ा 109 के करीब पहुंच गया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में संक्रमित मरीजों की हो रही मौत पर चिंता जताई है। इसके अलावा तकरीबन दो महीने तक तबाही मचाने के बाद कम हुए मामलों का एक जगह पर रुक जाना भी चिंताजनक बताया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक देश के दो राज्य ही सबसे ज्यादा कोरोना से प्रभावित हैं-महाराष्ट्र और केरल। कोविड मामलों पर नजर रखने वाले वैज्ञानिकों का कहना कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के जारी दिशा निर्देशों के अनुसार दोनों प्रभावित राज्यों के जिले की गहन मॉनिटरिंग हो रही है। संक्रमण का प्रसार इन दोनों राज्यों से बाहर ना हो और इन राज्यों में भी संक्रमण कम हो इसके पूरे प्रयास हो रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक पहली लहर में कोविड के मरीजों की संख्या जब बढ़ाना शुरू हुई तो मौत का प्रतिशत उतना नहीं था। इस बार हालात दूसरे हैं। दूसरी लहर में कोविड के संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 40 से 50 हजार के बीच में अटका हुआ है और मौत के आंकड़े भी औसतन रोजाना 800 के बीच में ही बने हुए हैं।
कोरोना पर नजर रखने वाली कमेटी कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर एनके अरोड़ा कहते हैं कि देश में संक्रमण से हो रही मौत के आंकड़े चिंताजनक हैं। डॉक्टर अरोड़ा के मुताबिक जिन दो राज्यों में कोरोना से मौतें हो रही है वहां पर वैज्ञानिकों की टीम लगातार नजर बनाए हुए है। उनका कहना है इस महामारी में संक्रमित मरीजों की संख्या जितनी तेजी से कम होनी शुरू हुई थी वह एक जगह पर आकर टिक गई है, यह हालात ठीक नहीं है। क्योंकि ऐसी हालात की वजह से ही संक्रमण बढ़ना शुरू होता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और अन्य जिम्मेदार महकमे में इस दिशा में लगातार प्रयास हो रहे हैं कि संक्रमण का प्रसार कैसे रोका जा सके।