नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार धीमी पड़ गई है, लेकिन केरल और महाराष्ट्र में स्थिति इसके विपरीत है। 11 दिन यानी 11 जुलाई तक केरल में 1.28 लाख से अधिक और महाराष्ट्र में 88,130 से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं, जिसे देखकर विशेषज्ञों का कहना है कि सावधानी बरतने की जरूरत है। यह केरल और महाराष्ट्र में कोरोना की तीसरी लहर का आगमन है। इससे पहले पहली और दूसरी लहर में भी इसी तरह के रुझान देखने को मिले थे।
केरल देश का इकलौता ऐसा राज्य है, जहां पिछले 11 दिनों में 1,28,951 से अधिक संक्रमण के केस दर्ज किए गए हैं। वहीं दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 25 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमण के केस दर्ज किए गए थे। वहीं देश की राष्ट्रीय राजधानी में 1-11 जुलाई के बीच केवल 870 मामले दर्ज किए गए हैं।
केरल के मल्लपुरम, कोट्टयम, कासरगोड, कोझिकोड और थिसूर समेत 14 जिलों में कोरोना मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे आम लोगों से लेकर प्रशासन तक की चिंता बढ़ गई है। मल्लपुरम, कोट्टयम, कासरगोड में कोरोना वायरस के केस नियमित तौर पर बढ़ रहे हैं, जबकि कोट्टयम और थिसूर में मामले न बढ़ रहे हैं न ही घट रहे हैं।
महाराष्ट्र में पिछले दो सप्ताह में कोविड ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है। मुंबई, पुणे, कोल्हापुर और ठाणे में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जहां हर दिन 8,000 से 10 हजार के बीच मामले आ रहा है।
बता दें कि देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद लोग हिल स्टेशन समेत अन्य जगहों पर घूमने निकल पड़े हैं, जहां कोरोना नियमों की जमकर उल्लंघन हो रहा है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बाजारों और अन्य जगहों पर बढ़ रही भीड़ और लोगों के कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन न करने पर चिंता जताई थी। साथ ही राज्य सरकारों को सतकर्ता बरतने के निर्देश दिए।