सी. एस. आई. आर.-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर में फूलों की व्यवसायिक एवं संरक्षित खेती पर पाँच दिवसीय प्रशिक्षण एवं अभिविन्यास कार्यशाला

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सी. एस. आई. आर.-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर में फूलों की व्यवसायिक एवं संरक्षित खेती पर पाँच दिवसीय प्रशिक्षण एवं अभिविन्यास कार्यशाला

RAJESH SURYAVANSHI
Editor-in-Chief
HR MEDIA GROUP

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर में सीएसआईआर-फ्लॉरिकल्चर मिशन के अंतर्गत व उद्यान विभाग, हिमाचल प्रदेश के सौजन्य से “फूलों की व्यवसायिक एवं संरक्षित खेती” विषय पर पाँच दिवसीय प्रशिक्षण एवं अभिविन्यास कार्यशाला दिनांक 6-10 दिसम्बर 2021 को किया गया।

संस्थान पिछले दो दशकों से ज़्यादा समय से व्यवसायिक फूलों की खेती करने की वैज्ञानिक तकनीकों को विकसित करने पर शोध कार्य कर रहा है।

यहाँ व्यवसायिक फूलों जैसे लिलियम, कैला लिली, गुलदाऊदी, कार्नेशन, बर्ड ऑफ पैराडाइज़, एल्स्ट्रोमेरिया, ग्लैडियोलस एवं गैंदा की खेती की तकनीकों को लगातार प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन के माध्यम से किसानों तक पहुँचाने का कार्य किया जा रहा है।

इस प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन कार्यक्रम के लिए संस्थान के निदेशक डॉ संजय कुमार ने आशा व्यक्त की कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम, जिला कांगड़ा के बैजनाथ, पंचरुखी व भवारना ब्लॉक से आए हुए 60 प्रतिभागियों के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा।

प्रशिक्षण के संयोजक डॉ भव्य भार्गव ने बताया की फ्लॉरिकल्चर मिशन के अंतर्गत कारनेशन, गुलदाउदी, जरबेरा, ग्लेडियोलस, राजनीगंधा, गुलाब, गैंदा और कैलालिली की पौध सामग्री किसानों तक पहुँचाई जा रही है। उन्होने बताया की इस प्रशिक्षण में पुष्पों की संरक्षित खेती की तकनीक एवं रखरखाव, उत्तम किस्मों, ऊत्तक संवर्धन, शुष्क फूल, मौनपालन व अनुपयोगी फूलों का मूल्यवर्धन पर विस्तार से प्रदर्शन एवं व्याख्यान द्वारा चर्चा की गयी।

डॉ. राकेश कुमार सूद ने विभिन्न पंचायतों से आए किसानों का आभार व्यक्त कर, कहा कि किसानों को बाज़ार की माँग के अनुरूप फूलों की खेती करनी चाहिए।

उद्यान विभाग, हि. प्र. से विषय विशेषज्ञ डॉ राजेश शर्मा, उद्यान विकास अधिकारी, डॉ नेहा डोगरा, डॉ शेलजा राणा व डॉ आशीष शर्मा उपस्थित रहे।

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