खुलेआम बिक़ रहीं पीएचडी की डिग्रियां हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में
एस0एफ0आई ने चिंता जाहिर की है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पी0एच0डी0 प्रवेश में धांधलियों का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा। पिछले प्रकरण में वि0वि0 के डीन ऑफ स्टडीज माननीय न्यायालय में बिना बुलाए कबूल करते हैं कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने यू0जी0सी0 के नियमानुसार पी0एच0डी0 प्रवेश प्रकिया का अनुसरण नहीं किया है जिसमें प्रश्न-पत्र में 50 प्रतिशत विषय से संबधित और 50 प्रतिशत शोध सबंधि प्रश्न पूछे जाने चाहिए थे। लेकिन डीन ऑफ स्टडीज माननीय न्यायालय में अधूरा तथ्य पेश किया क्योंकि 23 विभागों करीब 147 सीटों के लिए कराई गई पी0एच0डी0 प्रवेश परीक्षा में किसी भी विषय के प्रष्न पत्र यू0जी0सी0 के नियमानुसार सेट नहीं थे जिसमें रिसर्च मैथडोलॉजी के 50 प्रतिषत प्रष्न पूछे हों। तो सिफ एक विषय सिर्फ शारीरिक की परीक्षा को ही क्यों रद् किया गया। इससे यह प्रतीत होता है कि डीन ऑफ स्टडीज बी0के0 शिवराम किसी भ्रष्ट कार्यप्रणाली का हिस्सा है और इन्हें तुरन्त पद से हटा देना चाहिए।
आज पी0एच0डी0 प्रवेश में फर्जीवाडे़ का प्रकरण सामने आया वायोसांइस विभाग में जहां 12.3.2024 के विज्ञापन के मुताबिक विज्ञप्ति तीन सीटों को 12.6.2024 को भर लिये जाने के बाद एक महीना बीत जाने के बाद 18.7.2024 को एक और सीट को भरा गया।
मामला बहुत संघीन है जब किसी विभाग को प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो गई तो एक महीने के बाद सीट भरने का सपना कहां से आया। विभागध्यक्ष और डीन ऑफ स्टडीज बी0 के0 शिवराम के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। क्यों यह लोग आम छात्रों के साथ धोखधड़ी कर रहें हैं। कोई पूछने वाला नहीं है यह फायल बनाते हैं और उधर से आनलाईन धर्मशाला से नियमानुसार कार्यवाही करे लिख देते हैं लेकिन होता सारा नियमों के विरूद्ध है। यह इतने ढीठ हो गए हैं कि किसी कानून का डर इन्हें नहीं रहा है और भाई-भतीजावाद के आधार पर पी0 एच0 डी0 सीटों को खरीदा व बेचा जा रहा है। अन्यथा क्यों इतने जिम्मेवार पदों पर डी0 ओ0 नोट के आधार पर बैठने के बाद अनैतिक कार्य करते। एस0 एफ0 आई0 यह मांग करती है कि फर्जी तरीके से की गई इस पी0 एच0 डी0 प्रवेश को तुरन्त खारिज किया जाए और यह भ्रष्ट गतिविधियों पी0एच0डी0 प्रवेश में क्यों हो रही है जांच की जाए और दोषियों को दण्डित किया जाए।
प्रधान सचिव
संतोष कुमार सनी सेक्टा