Dental Radiance Hospital के सौजन्य से होटल सरोवर पोर्टिको में डॉक्टरों की विशाल कांफ्रेंस में हुई दांतों से सम्बंधित महत्वपूर्ण चर्चा
ASSOCIATION OF ORAL & MAXILLOFACIAL SURGEONS OF INDIA, HIMACHAL PRADESH STATE ने International ORAL & MAXILLOFAL SURGEON DAY होटल सरोवर पोर्टिको पालमपुर में मनाया गया।
इसका आयोजन दांतों के अग्रणी अस्पताल डेंटल रेडिएंस हॉस्पिटल पालमपुर के डॉ सुषमा सूद-स्त्रीरोग विशेषज्ञ, डॉ गंभीर सूद, डॉ स्वाति कटोच सूद व डॉ अनुभव सूद-डेंटल सर्जन द्वारा विधिवत रूप से बहुत सफलता पूर्वक किया गया। उन्होंने कॉन्फ्रेंस को संबोधित भी किया।
कॉन्फ्रेंस के मुख्य वक्ता डॉ. दिव्या मल्होत्रा ने दांतों से संबंधित अत्याधुनिक जानकारी बेहतरीन तरीके से डिजिटल रूप में प्रस्तुत की।
उन्होंने बताया कि भारत जैसे देशों में ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी, जिसे ओएमएफएस के नाम से जाना जाता है, डीसीआई (डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया) द्वारा मान्यता प्राप्त एक शाखा है।
उन्होंने कहा कि भारत में मैक्सिलोफेशियल सर्जन बनने के लिए 5 साल के लिए दंत चिकित्सा की प्रारंभिक डिग्री और उसके बाद अतिरिक्त तीन साल की विशेषज्ञता के बाद स्नातक होना अनिवार्य है।
डॉ दिव्या ने आगे बताया कि भारत में ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी के दायरे में सिर और गर्दन के कैंसर, फेशियल कॉस्मेटिक सर्जरी, माइक्रोवास्कुलर सर्जरी, क्रानियो-मैक्सिलोफेशियल ट्रॉमा और क्लेफ्ट और क्रानियो-मैक्सिलोफेशियल सर्जरी का अभ्यास शामिल है।
सर्जन ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी के इन विशेष क्षेत्रों में से एक या अधिक में प्रशिक्षण और विशेषज्ञता का चयन कर सकते हैं:
सिर और गर्दन के कैंसर का सर्जिकल उपचार – ट्यूमर को हटाना और बाद में पुनर्निर्माण, जिसमें माइक्रोवैस्कुलर फ्री टिश्यू ट्रांसफर शामिल है।
क्रैनियोफेशियल फेशियल डिफॉर्मिटी के लिए सर्जरी – मुख्य रूप से ओरो-फेशियल फंक्शन में सुधार करने के लिए जन्मजात या अधिग्रहीत चेहरे की विकृति का सुधार, लेकिन अक्सर चेहरे की विकृति को दूर करने और जीवन की गुणवत्ता को बहाल करने के लिए भीI ओरल और मैक्सिलोफेशियल – दांतों की सर्जरी (प्रत्यारोपण सहित), जबड़े, टेम्पोरोमैंडिबुलर जोड़, लार ग्रंथियां और चेहरे की त्वचा के घाव। ओरल मेडिसिन – सर्वाइको-फेशियल संरचनाओं में और उसके आसपास पेश होने वाली चिकित्सीय स्थितियों का निदान और प्रबंधन। क्रैनियोफेशियल ट्रॉमा – क्रैनियोफेशियल संरचनाओं के चेहरे की कोमल और कठोर ऊतक चोटों का उपचार। कॉस्मेटिक सर्जरी – चेहरे की सुंदरता बढ़ाने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सर्जरी।
एमडीएस ओरल सर्जरी: नौकरी की संभावनाएं
एमडीएस ओरल सर्जरी के उम्मीदवार प्राइवेट और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
उन्हें नर्सिंग होम, हेल्थ क्लब, डिफेंस सर्विसेज, चाइल्ड केयर यूनिट्स, कम्युनिटी हॉस्पिटल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी के अवसर मिल सकते हैं। वे अपनी शिक्षा और अनुभव के आधार पर शिक्षक / प्रोफेसर के पद के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
एमडीएस ओरल सर्जरी: फ्यूचर स्कोप
एमडीएस ओरल सर्जरी कोर्स पूरा करने पर, उम्मीदवार अपने करियर को बढ़ाने के लिए आगे की पढ़ाई के लिए भी जा सकते हैं। पीएचडी: बेहतर नौकरी के विकल्प के लिए उम्मीदवार संबंधित स्ट्रीम में पीएचडी की डिग्री हासिल कर सकते हैं।
फैलोशिप कोर्स:
उम्मीदवार फेलोशिप प्रोग्राम भी कर सकते हैं जो एक पोस्ट रेजिडेंसी प्रोग्राम हैi
ओरल सर्जरी के साथ जुड़े पेशे -. ओरल सर्जन को मैक्सिलोफेशियल सर्जन भी कहा जाता है।एक ओरल सर्जन सिर , गला , जबड़े और मुंह से संबंधित चोटों का इलाज करता हैI
डेंटोएलवीओलअर सर्जरी (जिसमे मसूड़ों के अंदर फसी टेढ़ी अक्कल दाढ़ या अन्य किसी भी दांत को निकाला जाता है ) , मेडिकल कॉम्प्रोमाइज पेशेंट के दांत निकलना, डेंचर और इंप्लांट लगाना, बोन ग्राफ्टिंग (जिसमे टूटी हुई हड्डी या हड्डी के दोष के आस पास की जगह नई हड्डी लगाई जा सकती है), चेहरे के असहनीय दर्द की सर्जरी की जाती है।
इसके अलावा सॉफ्ट और हार्ड टिशू में ट्रॉमा, जोड़ों (टेंपरोमैंडिबुलर ज्वाइंट ) का फ्रैक्चर , बड़ी वह छोटी विकृतियों का निदान और इलाज किया जाता है ये सुविधाएं अब दुनिया भर के विभिन्न अस्पतालों और क्लीनिकों में उपलब्ध हैं। गौरवशाली राज्य हिमाचल प्रदेश भी इस दौड़ में बहुत पीछे नहीं है। जीडीसी शिमला, हिमाचल डेंटल कॉलेज सुंदरनगर, एचआईडीएस पोंटा साहिब जैसे अस्पताल और कॉलेज सक्रिय रूप से मौखिक और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करते आ रहे हैं।
उन्होनें कहा कि कई निजी और सरकारी संस्थान और अस्पताल इन सेवाओं के साथ आगे आ रहे हैं। कई उल्लेखनीय परोपकारी संगठन दुनिया भर में मानवीय मौखिक और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी प्रदान करते हैं। इन्ही में एक प्रसिद्ध नाम है स्माइल ट्रेन। स्माइल ट्रेन संस्था 1998 में चार्ल्स वैंग द्वारा बचपन के चेहरे की विकृति पर ध्यान केंद्रित करके बनाई गई थी।स्माइल ट्रेन का भारतीय समकक्ष, जिसका मुख्यालय दिल्ली में है, पूरे भारत में लोगों को पुनर्वास सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। ऑपरेशन स्माइल बच्चों में कटे होंठ और तालु को ठीक करने पर केंद्रित है।