जिलाधीश कांगड़ा श्री हेम राज बैरवा, IAS द्वारा टी.बी. मुक्त अभियान के अंतर्गत 100 दिवसीय टीबी मुक्त अभियान का शुभारंभ, निक्षय वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना, टी.बी. मुक्त भारत पर प्रदर्शनी का किया शुभारंभ, सभी प्रतिभागियों को दिलवाई निक्षय शपथ, टीबी चैंपियन भी सम्मानित, अभियान का नारा “जनजन का रखें ध्यान -टीबी भारत अभियान”, जनभागीदारी अभियान के लिए सभी हितधारकों से पूर्ण सहयोग देने का किया आह्वान, जिला रेडक्रॉस सोसाईटी ने टीबी के साथ जी रहे 50 रोगियों को पोषण किटें की वितरित, नुक्कड़ नाटक द्वारा जागरूकता

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जिलाधीश कांगड़ा श्री हेम राज बैरवा द्वारा टी.बी. मुक्त अभियान के अंतर्गत 100 दिवसीय टीबी मुक्त अभियान का शुभारंभ –

निक्षय वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना,

टी.बी. मुक्त भारत पर प्रदर्शनी का किया शुभारंभ –

सभी प्रतिभागियों को दिलवाई निक्षय शपथ, टीबी चैंपियन भी सम्मानित
अभियान का नारा “जनजन का रखें ध्यान -टीबी भारत अभियान”जनभागीदारी अभियान के लिए सभी हितधारकों से पूर्ण सहयोग देने का किया आह्वान।
जिला रेडक्रॉस सोसाईटी ने टीबी के साथ जी रहे 50 रोगियों को पोषण किटें की वितरित।

नुक्कड़ नाटक द्वारा जागरूकता

RAJESH SURYAVANSHI, Editor-in-Chief, HR Media Group, Founder Chairman Mission Against Corruption Society, H.P. Mob 9418130904

जिला कांगड़ा स्वास्थ्य एवम परिवार कल्याण विभाग द्वारा 7 दिसम्बर को टीबी मुक्त अभियान के अंतर्गत 100 दिवसीय अभियान का शुभारंभ उपायुक्त कांगड़ा श्री हेम राज बैरवा ने आतमा हॉल पालमपुर में किया।

इस अवसर पर श्री हेम राज बैरवा ने निक्षय वाहन को हरी झंडी दिखाकर दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता के लिए रवाना किया तथा टीबी मुक्त अभियान पर प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

उपायुक्त महोदय ने बताया कि अभियान के अंतर्गत टीबी रोग और जांच व उपचार से जुड़ी जागरूकता बढ़ाने के लिए गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

इस अभियान के अंतर्गत जागरूकता गतिविधियों को जिला, ब्लाक व ग्राम पंचायत स्तर तक कार्यान्वित कर, निक्षय शिविरों का आयोजन भी किया जाएगा।

श्री बैरवा ने बताया कि राज्य व जिला स्तर पर टीबी उन्मूलन की ओर सार्थक प्रयास हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन्हें गति देने के लिए 100 दिवसीय निक्षय शिविर अभियान 7 दिसम्बर से 24 मार्च तक चलाया जा रहा है।

जानकारी देते हुए श्री बैरवा ने बताया कि जिला कांगड़ा में घर-घर सर्वे के बाद 2.75 लाख चिन्हित जोखिमपूर्ण आबादियों में जाकर टीबी से जुड़े 10 बिंदुओं की जानकारी आशा कार्यकर्ता व स्वास्थ्य टीमें एकत्रित करेंगी तथा शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए आधुनिक न्युक्लिक जांच, एक्सरे व सायी टीबी द्वारा सक्रिय व निष्क्रिय टीबी जांच, उपचार व टीबी केयर की सुविधा दी जाएगी।

श्री बैरवा ने बताया कि इस अभियान का नारा “जनजन का रखें ध्यान -टीबी भारत अभियान” है। इस जनभागीदारी के अभियान के लिए सभी विभागों, पंचायत प्रतिनिधियों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), औद्योगिक प्रतिष्ठानों, और सभी नागरिकों को पूर्ण सहयोग देने का आह्वान किया गया।


श्री बैरवा ने कहा कि इस जनभागीदारी का लक्ष्य रोग से जुड़े भेदभाव के कलंक को दूर करने के लिए सार्थक प्रयास करना है। उन्होंने बताया कि टीबी के साथ जी रहे लोगों को निक्षय मित्र पोषण सहायता से जोड़ा जाएगा।

इस अभियान के तहत सभी विभागों के कर्मचारी व आम जनमानस निक्षय शपथ लेंगे तथा सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में निक्षय शिविर भी आयोजित किये जायेंगे।

इस दौरान उपायुक्त ने टीबी चैंपियन सुनील कौंडल, संजीव चौधरी, बबीता व अंचिता कपूर को भी सम्मानित किया जोकि टीबी रोग के साथ जीवन जी चुके हैं तथा टीबी जागरूकता बढ़ाने में जिनका उल्लेखननीय योगदान रहा है। उपायुक्त ने बताया कि वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर के अंतर्गत 70 चैंपियन हैं।

उन्होंने बताया कि टीबी रोग कुपोषण के कारण भी बढ़ता है जिसके लिए जिला रेडक्रॉस सोसाईटी ने टीबी के साथ जी रहे 50 रोगियों को टीबी पोषण किटें भी वितरित की।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ राजेश गुलेरी ने इस अवसर पर बताया कि अभियान में आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर जाकर टीबी के लक्षणों की पहचान की जाएगी। लक्षण पाए जाने पर तुरंत जांच एवं उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा ने जिला वासियों से स्वयं आगे आकर टीबी जांच कराने का अनुरोध किया ताकि समय पर बीमारी का निदान और उपचार किया जा सके।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर राजेश सूद ने बताया कि जनभागीदारी अभियान के तहत टीबी के लक्षणों और प्रारंभिक निदान के महत्व के बारे में जागरूकता लाने और टीबी से जुड़ी जानकारी समुदाय तक पहुंचाने और इससे संबंधित भ्रांतियां दूर करने पर बल दिया जाएगा। इसके साथ ही टीबी पर खुलकर चर्चा को सामान्य बनाने और भेदभाव खत्म करने तथा कमजोर और जोखिमग्रस्त समुदायों को टीबी स्क्रीनिंग और समय पर इलाज के लिए प्रेरित करने का काम किया जाएगा।

त्रिगर्त वसुंधरा रंगमंच के कलाकार रोहित वोहरा व टीम द्वारा नुक्कड़ नाटक द्वारा मनोरंजन व् जागरूकता शो किया गया व दर्शंकों का मन मोह लिया।

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यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर एसडीएम पालमपुर नेत्रा मेती, कमिश्नर एमसी पालमपुर डॉ आशीष शर्मा, मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश गुलेरी, जिला टीबी कार्यक्रम अधिकारी डॉ राजेश सूद, पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन से श्री विनुल कौल, श्री परवीन कुमार, श्री देवेंद्र कुमार, श्री बैलाद सी पी व श्री धामेश्वर दत्त, एमएस पालमपुर डॉ मीनाक्षी, जिला पंचायत अधिकारी नीलम कटोच , जिला प्रोजेक्ट ऑफिसर आईसीडीएस कांगड़ा धर्मशाला अशोक कुमार, प्रवीण चौहान वरिष्ठ कार्यक्रम कोआर्डीनेटर टीफा प्रोजेक्ट कांगड़ा, जिला लीड डब्ल्यू एच पी कांगड़ा, व् विभागों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

बॉक्स: जोखिमपूर्ण जनसंख्या
जोखिमपूर्ण जनसंख्या में बुजुर्ग (60 वर्ष से अधिक), मधुमेह रोगी, गर्भवती महिलाएँ, धूम्रपान करने वाले, कुपोषण से प्रभावित (BMI <18) अत्यन्त दुबले पतले व्यक्ति, पिछले दो वर्ष से टीबी रोगियों के सम्पर्क में रहे व्यक्ति, 5 वर्षों के पूर्व टीबी रोगी, मदिरापान करने वाले व्यक्ति, सामूहिक निवास स्थान जैसे जेल में बंद कैदी, वृद्धाश्रम के निवासी, अनाथालय के निवासी, निराश्रित गृह के निवासी, रात्रि आश्रय गृह के निवासी, आवासीय विद्यालयों के छात्र, उद्योगों में कार्यरत या अस्थायी आवासीय स्थान में रहने वाले श्रमिक, आदिवासी जनसंख्या, झुग्गी बस्ती की जनसंख्या, अन्य संवेदनशील जनसँख्या जैसे कैन्सर रोगी, गुर्दा रोगी (किडनी रोग से पीड़ित), इम्यूनोस्प्रेसेंट दवाओं पर उपचार लेते रोगी, सीओपीडी(क्रोनिक ऑब्स ट्रेक्त्वपलमोंरी डिजीज) रोगी, दमा (अस्थमा) रोगी, सिलिकोसिस रोगी, नशामुक्ति केंद्र के निवासी, उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) के रोगी, निर्माणस्थलों पर कार्यरत्त श्रमिक, व एंटी-टीएनएफ (गठिया) पर उपचाररत रोगी शामिल हैं।

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