भारत में चल रही भयंकर साज़िश का पर्दाफ़ाश किया वरिष्ठ पत्रकार देस राज बंटा ने

Desh Raj Banta, a Veteran Journalist indicates grim conspiracy threat

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भारत में चल रही भयंकर साज़िश का पर्दाफ़ाश किया वरिष्ठ पत्रकार देस राज बंटा ने

INDIA REPORTER TODAY
PALAMPUR : RAJESH SURYAVANSHI

 कानून कानून सरकार बनाती है ताकि समाज के हर वर्ग को उचित संरक्षण मिल सके इससे पूर्व की बनाए गए कानून को क्रियान्वित किया जा सके कुछ राजनेता कैसे कानून को तोड़ मरोड़ कर अपने सांचे में ढाल लेते हैं इसका रोंगटे खड़े कर देने वाला सच सामने आया हैI
देश के एक विशेष समुदाय द्वारा जिस प्रकार कानून से खिलवाड़ किया जा रहा है वह ना तो देश के हित में है और ना ही समुदाय विशेष के हित में एक पार्टी विशेष के हित में आवश्यक है जिसे ना तो कानून से कुछ लेना है और ना ही समुदाय विशेष की चिंता है उसे तो वोट की सरकार है वह उसे जी भर कर मिल रहे हैं मुझे गत 1 वर्ष तक उन लोगों के साथ रहना पड़ा जो आज तक कानून को ठेंगा दिखाते आ रहे हैं समुदाय विशेष से जुड़े इन लोगों को कुछ बड़े राजनेताओं का संरक्षण प्राप्त है जो इनका बाल भी बांका नहीं होने देते I
बात अप्रैल 2019 की है जब 80 वर्ष की आयु में वृद्धावस्था से जुड़ी कुछ बीमारियों के इलाज के लिए नोएडा स्थित अपनी बेटी के यहां मुझे जाना पड़ा नोएडा स्थित जेपी अस्पताल में मेरा इलाज चल रहा था वह मुझे एक केयरटेकर की आवश्यकता थी कुछ मित्रों से इसका जिक्र किया गया यहीं से यूपी में काफी समय से चल रहे एक बहुत बड़े घोटाले का रहस्य उद्घाटन हुआ;
दूसरे दिन प्रातः ही जरा साल की दिखने वाली लड़की सहाना सामने खड़ी थी कानून के मुताबिक 15 साल से कम आयु के किसी भी लड़के ने लड़की को किसी भी घर में बाई का काम करने की इजाजत नहीं थी मैंने सहाना से उसकी आयु पूछी तो उसके जवाब से सारा भेद खुल गया जवाब था 13 साल और प्रमाण पत्र में 15 साल मेरा माथा ठनका यह कैसे बोली बाबूजी यहां 10 से 15 साल की हजारों लड़कियां घरों में काम करती हैं पास 15 साल की आयु के प्रमाण पत्र हैं जो उन्हें कुछ राजनेताओं द्वारा दिलवाए गए हैं जब मैंने इस घोटाले की तह तक पहुंचने का प्रयास किया और कुछ फोटो आदि लेने का प्रयास किया तो लड़की के साथ आए व्यक्ति को संदेह हुआ कि हमारी रिपोर्ट तो नहीं कर रहे हैं कुछ दिन तक एक सुचारू केयरटेकर के रूप में काम करने के बाद जब मेरी खोज में तेजी आई तो सहाना और उसकी बड़ी बहन रहा ना काम पर नहीं आई पता लगा कि घोटाले का भेद खुल जाने के डर से 11 लोगों का पूरा परिवार नोएडा छोड़कर बिना बताए कहीं चला गया तेरा यह कहानी केवल सहाना के परिवार की नहीं बल्कि विभिन्न कालोनियों में काम कर रही हजारों लड़कियों से जुड़ी है सुहाना के अनुसार उसकी एक ही मां कैसे पहने और तीन भाई हैं समुदाय विशेष का एकमात्र उद्योग बच्चे पैदा करना है और परिवारों के लिए अच्छे खासे रोजगार का प्रबंध करना है I
समुदाय विशेष का पढ़ाई लिखाई से दूर-दूर का रिश्ता नहीं होता देश की हजारों कालोनियों में काम करने वाली नई लड़कियों को घ्10000 तक तथा पुराने लड़कियों को घ्20000 तक का वेतन आसानी से मिल जाता है इस प्रकार 11 लोगों के इस परिवार को प्रतिमाह एक से डेढ़ लाख रुपए की आय हो जाती है इन परिवारों के बच्चों को मिले 15 साल के आयु प्रमाण पत्रों के आधार पर उनकी शादी भी 15 साल 16 साल की उम्र में करके अलग से झुकी बना दी जाती है और बाद में इन झुग्गियों में बसाई गई एक ही परिवार के लोग पक्के मकान की मांग करने लगते हैंI
देश में चुनावों के निकट उनकी यह डिमांड भी पूरी कर दी जाती थी इतना कुछ होने के बाद ही सत्ता में बैठी सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगती कुछ इन गिने-चुने लोगों द्वारा धर्म परिवर्तन का रोना तो सरकार होती है परंतु इस विशेष समुदाय द्वारा जो खेल खेला जा रहा है आने वाले समय में गंभीर खतरों को देखकर भी सरकार आंखें मूंदे बैठी हैद्य तेरा देश के बहुसंख्यक समुदाय को हम दो हमारे दो का नारा देखकर बढ़ती आबादी पर अंकुश लगाने की शिक्षा दी जाती है परंतु जिस समुदाय में हम दो हमारे 10 का नारा चल रहा है उस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार क्या कर रही है यह समझ से बाहर है बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा शायद उन्हीं लोगों के लिए है जिन्हें हम दो हमारे दो की सीख दी जाती है समुदाय विशेष में बच्चे बढ़ाने का काम तो जोरों पर है परंतु बच्चों को पढ़ाना यह समुदाय उचित नहीं समझता क्योंकि जब 10 वर्ष की आयु के बच्चों को आसानी से सात आठ हजार की पगार मिल जाती है तो पढ़ाई से क्या फायदा यहां हिंदू मुस्लिम भाईचारे पर चोट करना चाहते हैं ऐसे कुछ लोगों पर सरकार को नजर रखने की आवश्यकता है हैरानी की बात तो यह है कि अब देश के कुछ बुद्धिजीवी भी पाकिस्तान की भाषा बोलने लगे हैं उनका यह रोल क्या है इसकी जांच की भी आवश्यकता है देश की हजारों 10ः00 12 साल की बच्चियों को 15 साल के आयु के प्रमाण पत्र कौन और कैसे दे रहा है यह भी जांच का विषय है।

पत्रकारिता के पितामह हैं श्री देस राज बंटा

पत्रकारिता जगत में बंटा जी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता

पालमपुर हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाले बीएससी वर्षीय वयोवृद्ध पत्रकार देशराज बंटा गत 60 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं 18 वर्ष की आयु में उन्होंने हिंदी दैनिक वीर प्रताप से अपना सफर प्रारंभ किया बाद में वह अंग्रेजी दैनिक बैटरी और से जुड़े अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस तथा हिंदी दैनिक जनसत्ता के लिए पालमपुर से समाचार भेजते रहे 1965 में लाला जगत नारायण ने हिंदी पंजाब केसरी तथा उर्दू दैनिक समाचार प्रारंभ किया जिसमें श्री बंटा जी की नियुक्ति विशेष संवाददाता के रूप में की गई देशराज बंटा 5 वर्ष तक हिमाचल प्रदेश यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
हिमाचल प्रदेश यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने यूनियन के महासचिव हमीरपुर के रेवती रमण के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से भेंट करके पत्रकारों को निशुल्क बस यात्रा की सुविधा के साथ कई और मांगे रखी जिसमें निशुल्क बस यात्रा सुविधा को तुरंत मान लिया गया इस दौरान केंद्र सरकार ने श्री बंता को जोनल रेलवे कंसलटेंट कमेटी का राष्ट्रीय सदस्य मनोनीत किया केंद्र के दूरसंचार विभाग ने 8 वर्ष तक उन्हें हिमाचल टेलीकॉम सर्किल का टेलीफोन एडवाइजरी कमेटी का सदस्य मनोनीत किया जिसके वे 8 वर्षों तक सदस्य रहे पैरा इन की तीन बेटियां हैं तीनों की शादी हो चुकी है 2013 में पत्नी की मृत्यु के बाद अकेलापन दूर करने के लिए वह आज भी लिखते हैं जिसका प्रमाण उनकी यह विस्तृत रिपोर्ट है वह काफी समय से अस्वस्थ चल रहे हैं जिसका इलाज नोएडा के एक अस्पताल में हो रहा है जहां उनकी छोटी बेटी उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए 10 वर्ष तक टीम संदेश नाम सप्ताह ही का संपादन किया
1 Comment
  1. RAJESH SURYAVANSHI says

    Nice

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