




अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि
कर्मयोगी श्री देसराज बंटा – पत्रकारिता के पितामह के दुःखद निधन सेपत्रकारिता के युग का हो गया अंत

डॉ शिव और बँटा जी का साथ
पत्रकारिता के पितामह श्री देसराज बंटा के निधन के साथ ही पत्रकारिता के एक स्वर्णिम युग का अंत हो गया। उनके संबंध देश के कई दिग्गज राजनेताओं से पारिवारिक स्तर पर रहे। मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह और अन्य बड़े नेताओं के साथ उनका विशेष नाता था। स्वर्गीय कैबिनेट मंत्री जीएस बाली को राजनीति में स्थापित करने और उन्हें राजा वीरभद्र सिंह से मिलवाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
एक विशिष्ट पत्रकारिता सफर
89 वर्षीय देसराज बंटा ने पिछले 67 वर्षों तक पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। उन्होंने कई राष्ट्रीय समाचार पत्रों में कार्य किया और अपनी लेखनी से समाज को दिशा देने का कार्य किया। उनके व्यक्तित्व में स्वाभिमान, दृढ़ता और मानवीय संवेदनाएं कूट-कूट कर भरी थीं। वे गरीबों और असहायों के सच्चे मददगार थे। शनि सेवा सदन, पालमपुर के साथ उनका गहरा जुड़ाव रहा, और वे हमेशा जरूरतमंदों की सहायता के लिए तत्पर रहते थे।
श्री देसराज बंटा ने पूर्व विधायक व अंर्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त समाजसेवी तथा रोटरी आई फाऊंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय डॉक्टर शिव कुमार के साथ मिलकर कई भलाई के कार्य किया उन्होंने डॉक्टर शिव के द्वारा ना जाने कितने ही लोगों का घर सवारा, उन्हें रोजगार दिलाया। उनके द्वारा आरोपित पौधे आज भी फलफूल रहे हैं तथा दिवंगत डॉक्टर शिव कुमार जी और बंटा जी से प्रेरणा लेकर अन्य दुखी लोगों की मदद भी कर रहे हैं। जनसेवा हेतु किए गए कार्यों के लिए भी इन दोनों को सदा याद रखा जाएगा।
केजी बुटेल का शोक संदेश
पालमपुर रोटरी आई फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री केजी बुटेल ने अपने बचपन के मित्र और पारिवारिक सदस्य श्री देसराज बंटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बंटा जी की मृत्यु से पत्रकारिता जगत को अपूरणीय क्षति हुई है, जिसे भर पाना असंभव है। वे न केवल नेकदिल इंसान थे, बल्कि जीवन के हर संघर्ष को डटकर सामना करने वाले योद्धा भी थे। उन्होंने अपने परम मित्र की आत्मबकी शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना की।
उनके सुपुत्र श्री अर्चित बुटेल ने भी दिवंगत आत्मा की शांति हेतु दुआ करते हुए अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए तथा शोकग्रस्त परिवार को इस गहरे दुःख से उबरने की शक्ति देने हेतु परम पिता परमात्मा से प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता जगत में स्वर्गीय बंटा जी की उपलब्धियों को सदा याद रखा जाएगा।
दिनेश बुटेल की संवेदनाएँ
अग्रणी चाय उत्पादक और प्रतिष्ठित उद्योगपति श्री दिनेश बुटेल ने भी श्री बंटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनकी सादगी, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा उन्हें सदैव यादगार बनाए रखेगी। उनकी मृत्यु से जो रिक्तता उत्पन्न हुई है, उसे भरा नहीं जा सकता।
विधायक आशीष बुटेल व कैबिनेट मंत्री गोकुल बुटेल ने जताया मृत्यु पर गहरा शोक
दुख की इस घड़ी में स्थानीय विधायक वह पूर्व चीफ पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी श्री आशीष बुटेल ने व कैबिनेट मंत्री श्री गोकुल बुटेल ने अपने संदेश में दिवंगत आत्मा की शांति हेतु परमपिता परमात्मा से प्रार्थना की है। उन्होंने कहा कि श्री देशराज बंटा जी की दुखद मृत्यु से समाज को तथा खासकर पत्रकारिता जगत को भारी नुकसान पहुंचा है। उनकी मृत्यु से जो स्थान रिक्त हुआ है उसे कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय देसराज बंटा एक पुण्य आत्मा थे। उन्होंने यह भी कहा कि स्वर्गीय बंटा जी सैकड़ो पत्रकारों के लिए पथ प्रदर्शक थे। उनसे प्रेरित होकर न जाने कितने ही युवाओं ने पत्रकारिता को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाया।
राजेश सूर्यवंशी की श्रद्धांजलि
हिमाचल रिपोर्टर मीडिया ग्रुप के एडिटर इन चीफ एवं मिशन अगेंस्ट करप्शन सोसाइटी के फाउंडर चेयरमैन श्री राजेश सूर्यवंशी ने भी श्री देसराज बंटा की आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की और दुखित परिवार को हौसला देने हेतु अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि श्री देसराज बंटा ने पत्रकारिता को जन्म लेते हुए देखा और डिजिटल पत्रकारिता में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने पत्रकारिता के हर उतार-चढ़ाव में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। श्री सूर्यवंशी ने कहा कि उनकी प्रेरणा सदैव जीवंत रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को मार्गदर्शन देती रहेगी।
शनि सेवा सदन पालमपुर की श्रद्धांजलि
शनि सेवा सदन पालमपुर के संस्थापक अध्यक्ष श्री परविंदर भाटिया ने भी श्री देसराज बंटा जी के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने बंटा जी को एक सच्चे दानवीर बताया, जो हर वर्ष शनि सेवा सदन में समाज कल्याण के लिए उदारतापूर्वक दान दिया करते थे। उन्होंने न केवल जरूरतमंदों की सहायता की, बल्कि समाज सेवा को अपने जीवन का अभिन्न अंग बना लिया था। श्री परविंदर भाटिया ने बताया कि बंटा जी ने आजीवन दान देने का संकल्प लिया था और इस व्रत को निभाते हुए समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बने। उनकी यह दरियादिली और सामाजिक योगदान हमेशा याद किए जाएंगे।
पत्रकारों की गैरमौजूदगी सबको खली
संस्कार स्थल पर लोग पत्रकारों को जिन्हें वह अपने जन्मदिन पर अक्सर आमंत्रित करते रहते थे उनके अनुपस्थित रहने से हैरान थे, हालांकि, यह अत्यंत दुखद रहा कि जिन पत्रकारों के हितों और उनके भविष्य की सुरक्षा के लिए श्री देसराज बंटा ने अपना जीवन समर्पित किया, वही पत्रकार उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए। यह न केवल निंदनीय है, बल्कि पूरे पत्रकारिता जगत के लिए शर्मनाक भी है। पालमपुर के प्रतिष्ठित पत्रकारों का इस अवसर पर अनुपस्थित रहना उनके कर्तव्यहीनता को दर्शाता है। इस घटना की सर्वत्र आलोचना की जा रही है। वरिष्ठ पत्रकारों रविंद्र सूद, होटल चामुंडा के मालिक पत्रकार अनिल सूद और संजीव बगला ने ही अंतिम संस्कार में उपस्थिति दर्ज करवाई, जबकि अन्य पत्रकारों की अनुपस्थिति ने सभी को स्तब्ध कर दिया। यह देखकर बहुत हैरानी और दुख हुआ कि जो लोग अपने निजी कार्य करवाने के लिए श्री देसराज बंटा जी के आगे-पीछे घूमते रहते थे, वे उनके अंतिम संस्कार में भी नहीं पहुंचे, जो कि बड़े शर्म की बात है।
आत्ममंथन की आवश्यकता
पत्रकारिता जगत को इस घटना से आत्ममंथन करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी शर्मनाक स्थितियाँ दोबारा उत्पन्न न हों। श्री देसराज बंटा जीवन के अंतिम समय तक पत्रकारिता से जुड़े रहे, और उनकी प्रेरणा हमें सदैव मार्गदर्शन देती रहेगी।

