डॉ. एस.के. शर्मा , डायरेक्टर देवभूमि आई हॉस्पिटल आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत कर रहे मानव सेवा, केंद्र की मोदी सरकार के सपनों को कर रहे साकार, डॉ. शर्मा जैसे डॉक्टर का होना किसी वरदान से कम नहीं
- Dr. Swati Katoch Sood, & Dr. Anubhav Sood, Gems of Dental Radiance
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डॉ. एस.के. शर्मा: देवभूमि के सच्चे सेवक
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हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, पालमपुर, गग्गल और आसपास के क्षेत्रों में जहां अन्य नेत्र अस्पताल आंखों के इलाज और मोतियाबिंद सर्जरी के लिए भारी रकम वसूल रहे हैं, वहीं डॉ. एस.के. शर्मा ने मानव सेवा का अनूठा उदाहरण पेश किया है। ये तथाकथित चैरिटेबल अस्पताल मरीजों पर दबाव डालते हैं कि वे तुरंत नकद भुगतान करके सर्जरी करवाएं।
अगर मरीज आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त सर्जरी की बात करते हैं, तो उन्हें तीन महीने या उससे अधिक समय तक इंतजार करने के लिए कहा जाता है। यह न केवल मरीजों को मानसिक रूप से परेशान करता है, बल्कि उनकी जरूरत का भी फायदा उठाने जैसा है।
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इन हालात में, देवभूमि आई हॉस्पिटल, तारागढ़, बैजनाथ के निदेशक और रोटरी आई हॉस्पिटल, मारंडा के पूर्व निदेशक डॉ. एस.के. शर्मा ने मरीजों को राहत की सांस दी है। उन्होंने अपने अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत तुरंत मोतियाबिंद सर्जरी और आंखों के अन्य रोगों का इलाज उपलब्ध करवा कर साबित कर दिया है कि मानव सेवा से बढ़कर कुछ नहीं।
तटहल निवासी सुरेश कुमार ने बताया कि उनकी बहन की आंखों का ऑपरेशन करवाने के लिए उन्होंने एक चैरिटेबल अस्पताल का रुख किया, लेकिन वहां उन्हें तीन महीने का समय दिया गया। इस देरी से परेशान होकर उन्होंने देवभूमि आई हॉस्पिटल के डॉ. एस.के. शर्मा से संपर्क किया।
डॉ. शर्मा ने न केवल तुरंत उनकी बहन का ऑपरेशन किया, बल्कि उन्हें मानसिक और आर्थिक राहत भी दी।
सुरेश कुमार कहते हैं, “डॉ. शर्मा जैसे डॉक्टर का होना किसी वरदान से कम नहीं है। उनकी सेवाएं सच्चे मायनों में प्रशंसा के काबिल हैं।”
यह विडंबना है कि कुछ चैरिटेबल अस्पताल, जो सेवा का दावा करते हैं, मरीजों को भटकाकर केवल नकद सर्जरी के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ये अस्पताल न केवल आयुष्मान भारत योजना की अनदेखी कर रहे हैं, बल्कि इसे लागू करने में भी लापरवाही बरत रहे हैं। इसके विपरीत, डॉ. शर्मा का प्रयास एक मिसाल बनकर सामने आया है।
लोगों का कहना है कि डॉ. एस.के. शर्मा ने न केवल उनकी आंखों की रोशनी लौटाई, बल्कि उनके दिलों में भी जगह बनाई। वे उन्हें देवभूमि का सच्चा सेवक मानते हैं। जहां अन्य अस्पताल पैसा कमाने में लगे हैं, वहीं डॉ. शर्मा मानव सेवा के सही अर्थों को परिभाषित कर रहे हैं।![]()
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