प्रदूषण तो जिंदगी भर रहेगा तो क्या हिंदू कभी पटाखे ही नहीं जलाएंगे ?

पटाखा जलाने वाले किसी भी हिंदू पर कोई कार्रवाई ना की जाए

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प्रदूषण तो जिंदगी भर रहेगा तो क्या हिंदू कभी पटाखे ही नहीं जलाएंगे ?

NARENDER PATHANIA

-बदलाव हमारे आस पास कितनी तेजी से हो रहा है और हम लोग उस बदलाव को महसूस भी नहीं कर पा रहे हैं…. दो तीन साल से दिवाली पर पटाखे नहीं जल रहे हैं और क्या आपने अपने बच्चों के अंदर कोई बदलाव महसूस किया ? क्या आपके बच्चों के अंदर दिवाली को लेकर अब पहले जैसा क्रेज है ? नहीं होगा ! इसलिए क्योंकि साजिशन हिंदुओं के त्यौहारों को निशाना बनाया गया और अब दिवाली पर पटाखे भी बैन करवा दिए गए।

-आरएसएस के सह सरसंघचालक दत्तात्रेय होसबोले जी ने ट्वीट किया है कि क्या दिवाली पर पटाखा बैन करना प्रदूषण की समस्या का इलाज है ? RSS ने अपनी लाइन साफ कर दी है वो दिवाली पर पटाखा बैन करने को उचित नहीं मानती है अब बीजेपी की सभी सरकारों को प्रयास करना चाहिए कि वो दिवाली पर पटाखों को बैन ना होने दे…. कोर्ट से भी आदेश आए तो उसको ना माने ! और पटाखा जलाने वाले किसी भी हिंदू पर कोई कार्रवाई ना की जाए।

-दिवाली पर बच्चों की खुशियां छीन लेने वाले… खलनायक इस बार भी पूरे जी जान से लग गए हैं… अदालतों में याचिकाएं दायर करने की तैयारियां की जा रही हैं ताकी पटाखे को सख्ती से बैन किया जा सके

-सुप्रीम कोर्ट पहले इस संबंध में निर्देश देकर दिवाली पर पटाखे बैन करके हिंदुओं की भावनाओं को आहत कर चुकी है…

-इस समय की स्थिति ये है कि दिल्ली में पटाखे पूरी तरह से बैन हैं दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने एक जनवरी 2022 तक राजधानी में पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है… पटाखे की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है

– ओडिशा में भी पटाखे की बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है सरकार ने आदेश जारी करके इसे लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए जरूरी बताया है

-राजस्थान में एक अक्टूबर से पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा हुआ है और दिवाली के दिन सिर्फ रात 8 से 10 बजे तक पटाखा जलाने की इजाजत दी है

-पंजाब में पटाखे पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है… पश्चिम बंगाल में सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति है

-छत्तीसगढ और महाराष्ट्र की सरकारों ने कुछ शर्तों के साथ पटाखा जलाने की अनुमति दी है

(नोट- कई मित्रों ने मेरा नंबर 7011795136 को दिलीप नाम से सेव तो कर लिया है लेकिन मिस्ड कॉल नहीं की है… जो मित्र मुझे मिस्ड कॉल भी करेंगे और मेरा नंबर भी सेव करेंगे… यानी ये दोनों काम करेंगे सिर्फ उनको ही मेरे लेख सीधे व्हाट्सएप पर मिल पाएंगे…क्योंकि मैं ब्रॉडकास्ट लिस्ट से ही मैसेज भेजता हूं और इसमें मैसेज उन्हीं को मिलेगा जिन्होंने मेरा नंबर सेव किया होगा… जिन मित्रों को मेरे लेख व्हाट्सएप पर पहले से मिल रहे हैं वो मिस्ड कॉल ना करें… प्रार्थना है)

-मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी में भी योगी सरकार ने सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी है

– कुल मिलाकर दिवाली की रौनक को पूरी तरह से फीका कर दिया गया है… अब कुछ दिनों में हो सकता है कि ये वामपंथी ऐसा प्रोपागेंडा करें कि रंगीन बल्बों की झालर लगाने से भी पॉल्यूशन होता है और दिवाली पर रोशनी भी बंद करवा दें… हो सकता है कल को ये दिवाली पर दिएं जलाने भी बंद करवाने के लिए झूठे प्रोपागेंडे तैयार करें

– त्यौहार किसी भी धर्म का सबसे बड़ा आकर्षण और श्रृंगार होते हैं… दिवाली हिंदू धर्म का श्रृंगार है… आकर्षण है लेकिन बहुत चालाकी से हिंदू धर्म का आकर्षण खत्म करने के लिए दिवाली के पटाखों पर बैन लगवाया गया

– ज़रा कल्पना कीजिए… आज से 10 साल बाद अगर दिवाली ऐसी ही सूनी होती चली गई तो पटाखों की परंपरा ही खत्म हो जाएगी और हिंदुओं की आने वाली पीढ़ी के मन में दिवाली का क्रेज़-उत्साह ही पूरी तरह खत्म हो जाएगा

– ग़ैर हिंदुओं के सारे त्यौहारों में जब खूब पटाखें जलेंगे तो हमारे बच्चों के मन मस्तिष्क पर इसका क्या असर होगा ? हिंदुओं के मनोविज्ञान पर इसका दूरगामी असर होगा

– इस तरह हिंदू धर्म के लोग खुद ही अपने आप अपने ही धर्म से विरक्त होते चले जाएंगे ? सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि क्या देश की सरकारें बताएँगी कि आखिर हिंदू दिवाली पर पटाखों पर बैन आखिरकार कितने सालों तक झेलेगा ? प्रदूषण तो कभी खत्म नहीं होगा तो क्या हम ये मान लें कि अब आने वाले 25-30 सालों तक। दिवाली सूनी ही रहने वाली है ?

– फिर सवाल ये है कि प्रदूषण की वजह से दिवाली पर प्रतिबंध सिर्फ हिंदू ही क्यों झेले ? अगर प्रदूषण इतनी बड़ी समस्या है तो प्रदूषण करने वाली सभी गतिविधियाँ बंद क्यों नहीं की जाती हैं ?

– सबसे गंभीर बात ये है कि बीजेपी शासित राज्य भी इस तरह की साज़िशों को बिलकुल नहीं समझ पा रहे हैं ।

– सारंश में महत्वपूर्ण बात ये है कि जब किसी के सिर की बलि चढ़ानी होती है तो सिर को झुकवाया जाता है । अभी आपके सिरों को झुकाने का काम ही चल रहा है । तो कृपया ज़रा सावधान रहें और साज़िशों को डिकोड करना सीखें ।

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