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हिमाचल प्रदेश के समस्त चिकित्सक संघों की संयुक्त संघर्ष समिति (जिसमें प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के शिक्षक चिकित्सक संघ, हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ (HMOA) एवं सभी रेजिडेंट डॉक्टर संघ (RDA) सम्मिलित हैं) की आपातकालीन बैठक का आयोजन किया गया जिसमें सबसे पहले सरकार का नए वेतन आयोग का अधिसूचना जारी करने के लिए धन्यवाद किया गया ।
डॉ राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल टांडा की डॉक्टर एसोसिएशन के प्रवक्ता Dr. Mukul ने जानकारी देते हुये बताया कि मुख्यमंत्री के ध्यान में संघ के सभी सदस्य कुछ महत्वपूर्ण बातें लाना चाहतेहै जिनमें चिकित्सकों के हितों को नजरअंदाज किया गया है।
1) चिकित्सकों के नॉन प्रैक्टिसिंग भत्ते को पंजाब की तर्ज पर 25% से कम कर कर 20% कर दिया गया है और साथ में बेसिक प्लस एनपीए वेतन की अधिकतम सीमा ₹218600 निश्चित कर दी गई है, जबकि पंजाब में यही सीमा ₹237600 है। संघ के सभी सदस्य यह प्रश्न पूछना चाहते हैं कि जब पंजाब की तर्ज पर हमारा एनपीए 25% से कम कर कर 20% कर दिया गया तो अधिकतम सीमा को 237600 से कम करके 218600 क्यों किया गया ?
हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य के क्षेत्र में पंजाब से बहुत बेहतर है और यहां की परिस्थितियां पंजाब से काफी भिन्न एवं कठिन हैं। फिर भी हमारे वेतन प्लस एनपीए की अधिकतम सीमा को पंजाब से ₹19000 कम कर दिया गया है।
संघ के सभी सदस्यों की आपसे करबद्ध निवेदन कि आप इस वेतन विसंगति को दूर करें और बेसिक प्लस एनपीए की अधिकतम सीमा को पंजाब की तर्ज पर ही चिकित्सकों के लिए 237600 की जाए या फिर एनपीए को 25% ही रहने दिया जाये।
2 ) जैसा कि सातवें वित्त आयोग में केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी होने के दिन तक चिकित्सकों को 25% एनपीए दिया उसी तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी चिकित्सकों को 1 जनवरी 2022 तक एनपीए 25% की तर्ज पर पर ही रहना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि 31-12-2015 तक जो चिकित्सकों को एनपीए पर डीए मिल रहा था उसकी गणना के लिए ना कोई गणना टेबल जारी किया और ना ही उसको बेसिक में मर्ज किया गया, जैसा कि केंद्र सरकार ने विशेष रूप से किया था और चिकित्सकों के लिए गणना टेबल अलग से जारी किया था। आपके ध्यानाकर्षण हेतु गणना टेबल भारतीय राजपत्र से लेकर कॉपी लगाई गई है।
3) महोदय जैसा कि आपको ज्ञात ही है कि चिकित्सकों के पास बहुत कम प्रमोशनल पोस्ट हैं, जिसके लिए हमें टाइम स्केल 4-9-14 दिया जाता रहा है । लेकिन इस वेतन आयोग की अधिसूचना में चिकित्सकों का 4-9-14 टाइम स्केल भी बंद कर दिया गया है । महोदय बरसों से हमारे मेडिकल अफसर, बीएमओ पोस्ट की तरक्की के लिए इंतजार कर रहे हैं लेकिन बरसों से कोई भी नियमित पदोन्नति विभाग में नहीं हो पा रही है। ऐसे में 49 14 टाइम स्केल ही हमारे चिकित्सकों के लिए एक आशा की किरण बनी रहती है और एक सांत्वना बनी रहती है कि चलो पदोन्नति नहीं मिली तो कम से कम टाइम स्केल ही मिल गया। तो आपसे संघ के सभी सदस्य करबद्ध निवेदन करते हैं कि चिकित्सकों के टाइम स्केल 49-14 को जारी रखा जाये ।
4) माननीय महोदय नए वेतन आयोग में हमारे अनुबंधित चिकित्सकों के लिए एंट्री लेवल रुपये 56100 का केवल 60% मानदेय तय किया है, जोकि चिकित्सकों के साथ सरासर बे-इन्साफी की है। उनका मानदेय वही होना चाहिए जो एक नियमित डॉक्टर का एंट्री लेवल मानदेय है, क्योंकि एक पद पर दो तरह के वेतन नहीं हो सकते इसलिए इस वेतन विसंगति को दूर करते हुए अनुबंधित चिकित्सकों का वेतन 56,100 प्लस एनपीए किया जाए। 5) माननीय महोदय विशेषज्ञ चिकित्सा अलाउंस पिछले कई वर्षों से ₹7000 प्रतिमा दिया जा रहा है इसलिए आपसे अनुरोध है इसको 7000 से बढ़ाकर 20000 प्रतिमाह किया जाए और इसे महंगाई दर से जोड़ कर समय समय पर इस भत्ते की वृद्धि की जानी चाहिए। इसका भत्ते का सभी विशेषज्ञ चिकित्सकों को मिलना चाहिए चाहे वह फील्ड में अपनी सेवाएं दे रहे हैं चाहे वह मेडिकल कॉलेजेस में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
माननीय महोदय हमें आपसे पूर्ण आशा है कि आप हमारे इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देंगे और इन वेतन विसंगतियों को तुरंत दूर करेंगे ताकि सभी का वेतन न्यायोचित बन सके।
संघ के सभी सदस्यों ने एकमत से यह निर्णय लिया है कि अगर हमारे साथ इसी तरह का अन्याय जारी रहेगा तो संघ के सभी सदस्य संघर्ष की राह पर चलने पर विवश हो जाएंगे जिसका प्रारूप निम्नलिखित समय सारिणी के अनुसार होगा:
I. 7 फरवरी 2022 (सोमवार) से प्रतिदिन प्रातः 09:30 से 11:30 तक 2 घंटे पेन डाउन स्ट्राइक (Pen down strike) का आयोजन किया जाएगा जिस दौरान प्रदेश के समस्त चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत चिकित्सक काले बिल्ले लगा कर एवं गेट मीटिंग कर के अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे। II. सभी मुद्दों का समाधान न होने पर 14 फरवरी 2022 (सोमवार) को प्रदेश के सभी चिकित्सक एक दिन के सार्वजनिक आकस्मिक अवकाश (Mass Casual Leave) पर चले जाएंगे ।
III. इसके बाद भी सभी मांगों का समाधान न होने पर संघर्ष को और उग्र रूप दिया जाएगा जिसकी घोषणा 14 फरवरी को की जाएगी ।
पेन डाउन स्ट्राइक एवं सार्वजनिक आकस्मिक अवकाश के दौरान आपातकालीन सेवाएं बाध्य नहीं होंगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के परिवार में 33 डॉक्टर हैं और डॉक्टरों की समस्याओं से वह उनसे भली-भांति अवगत हैं।
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