महिलाओ जागो! घरेलू हिंसा के खिलाफ चुप्पी तोड़ो ! मलका देवी की ख़ौफ़नाक हत्या के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाओ…

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आइये हम सभी बहने जो घरेलू हिंसा के खिलाफ लड़ रही हैं, मलका देवी की कहानी से अपने आप को जानने की कोशिश करते हैं! घरेलू हिंसा के खिलाफ चुप्पी तोड़ो !

मलका देवी का जन्म बैजनाथ कीझिकली भेट पंचायत मेंएक गद्दी परिवार कमलादेवी आत्मा राम की बेटी के रूप में हुआ मलका देवी ने दसवीं की पढ़ाई पूरी की और उसने स्कूल के दौरान खेल और पाठ्येतर गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल हुई उसकी शादी 18 साल की उम्र में 15 से 17 जनवरी 2001 को गांवघडूंह डाकखाना दहन ग्राम पंचायतों रमेहड़ में देशराज के साथ कर दी थी शादी के करीब 1 साल बाद सबसे पहले बच्चे के जन्म के दौरान मलका देवी के भाई का कहना है कि मलका देवी की देखभाल ठीक से नहीं करता तंग,  उसे खाना सही समय पर न देता था तथा परिवार के सदस्यों ने अस्पताल में भी बच्ची का चेहरा देखने से मना कर दिया था।

बच्ची के जन्म के 22 दिन के बाद मलका परेशान होकर इस स्थित में बच्चे को लेकर अपनी बुआ के घर चली गई वहाँ पर तीन-चार दिन अपनी बुआ के घर पर भर पेट खाना खाया और थोड़ा आराम करके वहाँ से वापिस ससुराल घडूंह आ गई! हालांकि जब बच्चा 6 महीने का था तब मलका अपने पति के हाथों बढ़ते मानसिक दबाव, तनाव और घरेलू हिंसा के कारण बच्चे को लेकर मायके आ गई।

मलका देवी जब मायके में रह रही थी तो देशराज कभी भी उससे मिलने नहीं आया ।

जब बच्चा डेढ़ साल का हो गया तब देशराज एक अन्य महिला रिश्तेदार के साथ मलका देवी के मायके आ गया, तब सर्दी का मौसम था। दोपहर के करीब 12:00 बजे मलका देवी को उसके मायके के आंगन में गाली-ग्लौज और मारपीट की।

गवाह रवि कुमार ने देशराज को मलका देवी की पिटाई करने से रोका लेकिन रवि कुमार पर भी देशराज ने  हमला कर दिया।

इस बीच मलका के बड़े भाई जो वहाँ मौजूद थे और उस समय मलका इस बीच मलका के बड़े भाई का बेटा उस समय मलका की बेटी के साथ खेलने के लिए आंगन में था, उसने अपने पापा को बुलाया और कहा कि ‘बुआ को पीटा जा रहा है।

राजेन्द्र भाग कर घर के बरामदे की ओर भागा जहाँ उसने देखा कि देशराज ने मलका को बालों से पकड़ लिया था और उसे जोर से थप्पड़ मार रहा था… उसने मलका को पीट रहे देशराज को रोकने की कोशिश की और दोनों के बीच मारपीट हुई।

इस दौरान देशराज के साथ आई महिला भाग गई। राजेंदर ने देशराज के मुंह पर दो बार थप्पड़ मारे और उस समय देशराज भी घर से निकल गया।

इस घटना के बाद मल्का अपने माता-पिता के घर और 6 महीने तक रहीं। माता-पिता इस समय तक कह रहे थे कि मलका को अपने ससुराल वापस घर लौट जाना चाहिए।

राजेंद्र की पत्नी सुलोचना बार-बार देशराज की जांचनें की कोशिश करती रही कि क्या वह मलका को घर ले जाएगा।

देशराज ने मलका के पास वापस आने का कोई प्रयास नहीं किया और कहा कि उसे माता-पिता मलका को घर पर छोड़ दें! मलका अपनी भाभी सुलोचना के साथ के लिए रवाना हो गई।

कुछ समय बाद फिर से घरेलू हिंसा शुरू हो गई और इन परिस्थितियों में मल्का दूसरी बार गर्भवती हुई। यहां तक कि जब वह गर्भवती थी तब मलका फिर से अपने पैतृक घर लौट आई क्योंकि वह अपने दूसरे बच्चे के साथ 6 महीने की गर्भवती थी। उसके माता-पिता के घर एक पुत्र का जन्म हुआ। बच्चे के जन्म के 5 दिन बाद देशराज की मासी और भाभी गुड़-चने लेकर आई थीं। देशराज की परदादी ने एक महीने बाद आकर कहा कि थोड़े दिन बाद जब बच्चा थोड़ा बड़ा हो जाएगा तो मलका (देशराज के लिए) घर वापस जा आ सकती हैं। लेकिन इस दौरान देशराज दूसरे बच्चे को देखने नहीं आए।

इस बार फिर राजेंद्र की पत्नी सुलोचना मलका को छोड़ने गई जब बच्चा तीन महीने का था।

इसके बाद घरेलू हिंसा का सिलसिला जारी रहा। तीसरा बच्चा, एक लड़की दो या ढाई साल बाद पैदा हुई थी। तीसरे बच्चे का जन्म ससुराल में (2007 के आसपास) हुआ था। इसके बाद मलका के पिता अपने ही गांव के एक बुजुर्ग के साथ मलका के ससुराल चले गए थे कि वह निरंतर घरेलू हिंसा पर मार्गदर्शन कर पाए, जब मलका ने फोन करके कहा कि उन्हें उनके पति द्वारा पीटा जा रहा है। इस यात्रा के दौरान पिता ने बताया कि देशराज की परदादी बात कर रही थीं लेकिन देशराज उनके सामने तक नहीं आए और बात करने से इनकार कर दिया।

सबसे छोटी बेटी जब एक साल की थी तो मलका एक बार फिर मायके लौट आई। इस बार वह सबसे छोटी बेटी के साथ आई और उसे अपनी बेटी और बेटे को पीछे छोड़ना पड़ा। मलका ने खुद को आर्थिक रूप से सहारा देने के लिए एक निजी स्कूल में चपरासी की नौकरी कर ली।

माता-पिता बताते हैं कि शादी के शुरुआती सालों में देशराज आर्थिक रूप से सक्षम नहीं थे। पिछले दस वर्षों में ही वह एक ठेकेदार बन गया और ठीक से कमाई करने लगा। मलका ने निजी स्कूल में 7 -8 महीने काम किया और उसे छोड़ना पड़ा क्योंकि देशराज एक बार नहीं बल्कि 3 बार (एक दोस्त के साथ) मलका पर नौकरी छोड़ने और घर आने का दबाव बनाने के लिए स्कूल पहुंचा। इसके बाद वह नौकरी छोड़कर देशराज के साथ ससुराल चली गई। लेकिन घरेलू हिंसा जारी रही। हालांकि, इस बार वह अपने पैतृक घर नहीं लौटी। वह कभी-कभार मिलने आती थी। जब पैतृक घर में दो मौतें हुई तो मलका ने दौरा किया लेकिन देशराज उनके घर नहीं आया। 2010 के बाद मलूका देशराज उनकी बहन के साथ घोल में शिफ्ट हो गई। देशराज की बहन वहां (एमईएस) में सेना छावनी में काम करती है। देशराज और मलका की सबसे बड़ी बेटी अपनी बुआ के साथ रहती है। (उसे उसकी बुआ ने गोद लिया है और पिछले पांच-सात सालों से उसके साथ रह रही है)। देशराज की बहन ने कभी मलका से बात नहीं की जबकि बचपन से ही अपाहिज है। मलका 2 से 3 साल बाद पोल से घडू (Dehan) लौटी।

देशराज और मलका बच्चों के साथ रहे थे! इन वर्षों में उनके पास ‘शांति’ की कुछ संक्षिप्त अवधि थी लेकिन मलका के माता-पिता और बहन को इस समय का बहुत कम पता था क्योंकि उसकी लंबी यात्रा बंद हो गई थी। मलूका अपनी मां से फोन पर बात करती रहती थी और कभी-कभी लगातार गाली-गलौज का जिक्र करती थी।

पिछले साल 2021 के अंत में जब मलका की मां का पैर टूट गया, तो मलका उनसे मिलने नहीं जा सकीं। वह 7 फरवरी 2022 को अपने माता-पिता के घर आई जब उसकी मौसी की बेटी की मृत्यु हो गई। उसने घर पर कुछ दिन बिताए और लोगों ने कहा कि वह सामाना से थोड़ी शांत थी 9 मार्च की लापता होने से पहले यह उनकी आखिरी यात्रा थी।

8 मार्च को दोपहर करीब 2.30 बजे उसने अपनी मां से बात की… उसने कहा कि वह बर्तन धो रही थी। उसने कहा कि कुछ मेहमान थे और उन्हें •फिर से खाना बनाना माँ से यह आखिरी बातचीत थी (वे रोज फोन पर बात करते थे और मां को उसकी मानसिक स्थिति के बारे में कुछ भी असामान्य नहीं लगा था।

9 मार्च को गायब हुई मलका परिवार के सदस्यों द्वारा सुनाई गई घटनाओं का क्रम

9 मार्च को मलका की मां ने सुबह 8.30 या 9.00 बजे मलका के फोन पर फोन किया और उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया। लेकिन फोन की घंटी बजी! उसने एक दो बार कोशिश की। फिर उसने मलका (शिबू) के बेटे से बात की जिसने कहा कि मां घर पर नहीं है। वह सुबह से लापता है’। बाद में मां ने मलका की बहन विनीता को सूचित किया, जो मलका के बेटे को फोन करती रही और बाद में दोपहर में देशराज को मलका का ठिकाना पता चला लेकिन उसे कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला देशराज ने कहा उसके दिमाग में क्या फर्क पड़ गया होगा… पता नहीं कहा चली गई होगी। विनीता ने उससे कहा कि वह कम से कम अपना पर्स और घर पर अन्य सामान की जांच करे, जहां वह जा सकती थी। लेकिन उनके पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं था। मलका का फोन बज रहा था लेकिन वह दिन भर जवाब नहीं दे रही थी। रात 9 बजे उसका फोन स्विच ऑफ बताया। रात में शुभम (मलका का बेटा ) ने बताया

कि पिता भवारना थाने गए थे। देशराज ने एक बार भी माइके के परिवारजनों को फोन नहीं किया।

प्रश्नः वह कितने बजे घर से निकली ? उसे आखिरी बार किसने देखा था? क्या परिवार ने उसकी तलाश करने की कोशिश की? क्या उन्होंने उसके सामान की जांच की ?

•अगले दिन बिनता और मलका के माता-पिता के रिश्तेदार सुबह भवारना थाने जा रहे थे। 10 मार्च को सुबह करीब 11 बजे देशराज ने फोन किया जब वह हमारे भवरना के रास्ते पालमपुर पहुंचे थे। तभी उन्होंने कहा कि वापिस लौट जाइए और बैजनाथ चले जाइए। उन्हें बैजनाथ अस्पताल से फोन आया और उन्होंने कहा कि उन्हें मलका का बैग मिला है। उन्होंने उन्हें बैजनाथ अस्पताल जाने को कहा। बैजनाथ पुलिस ने अस्पताल से बैग (पैसे और सामान के साथ) और मलका की एक सैंडल बरामद की। बैजनाथ पुलिस ने बैग को देशराज को सौंप दिया। देशराज जोर देकर कहता रहा कि उसे मानसिक असंतुलन है और वह चला गया। 13 मार्च को वे बैजनाथ अस्पताल में सीसीटीवी फुटेज देखने गए और सीसीटीवी फुटेज में मलका की पहचान की। फुटेज में उसे अस्पताल में आते हुए दिखाया गया है लेकिन हमें उसके अस्पताल छोड़ने के फुटेज नहीं दिखे। मलका के माता-पिता ने बताया कि देशराज ने पुलिस और उन्हें बताया कि उसने 9 मार्च की सुबह मलका को संदेश भेजा था कि ‘तुम्हारी माँ की तबीयत खराब है और वह बैजनाथ अस्पताल में है’।

सवाल: बैजनाथ अस्पताल क्यों गई थी? देशराज ने उसे वहाँ क्यों भेजा?

उसने अस्पताल कब छोड़ा? क्या सीसीटीवी फुटेज में यह कैद है? क्या देशराज का फोन भवारना पुलिस ने कॉल और मैसेज रिकॉर्ड चेक करने के लिए लिया था ? सीडीआर रिपोर्ट क्या दर्शाती है? अगर मलखा खुदकुशी करने गई थी तो अपने साथ पैसे और बैग क्यों ले गई ? उसने अस्पताल में अपनी सैंडल क्यों उतारे ?

14 मार्च को फोन कर बताया कि वह बनुरी में स्थित है। इसके बाद बीनता और बाकी परिजन सभी बनुरी चले गए। उनका आरोप है कि देशराज उन्हें यह कहकर गुमराह करता रहा कि वह अलग-अलग जगहों पर मिली है। जब उन्होंने उससे पूछा कि उसे जानकारी कहाँ से मिल रही है तो उसने दावा किया कि उसने सोशल मीडिया पर डाल दिया था और उसे फेसबुक पर उसके ठिकाने के बारे में संदेश प्राप्त हुए। ऐसा कई बार हुआ… एक बार उन्होंने कहा कि वह पंचरुखी में, एक बार सलियाना में, एक बार पालमपुर में और आखिरी बार चामुंडा में मिलीं। यह वही था जिसने परिवार के लिए सबसे अधिक संदेह पैदा किया था ‘कपड़े बदल बदल के घूम रही है’ देशराज ने मलका की बहन से कहा। लेकिन उसे सारी जानकारी कौन दे रहा था यह स्पष्ट नहीं है। फिर वह कहता रहा कि वह किसी के साथ भाग गई है।

प्रश्नः यह स्पष्ट नहीं है कि देशराज को सारी जानकारी कौन दे रहा था? भवारना पुलिस ने इस समय क्या कार्रवाई की? क्या देशराज का सारा फेसबुक/सोशल मीडिया और फोन हिस्ट्री चेक किया गया ? क्या भवारना पुलिस ने इस दौरान देशराज और मलका के परिवार के सभी सदस्यों के बयान लिए?

१ अप्रैल को सुबह 11.10 बजे binta को देशराज का फोन आया कि उनका शव बिनवा खड्ड में मिला है. परिजन के मौके पर पहुंचने से पहले ही पुलिस ने शव को उठा लिया और कुछ मीटर दूर बैंक के आसपास रख दिया. शव के हाथ-पैर गायब थे। बैजनाथ पुलिस ने धारा 498 ए और 306 के तहत प्राथमिकी दर्ज की। परिवार के सदस्यों को देशराज द्वारा गड़बड़ी का संदेह था। शव को पोस्टमॉर्टम के •लिए टांडा ले जाया गया। पूरी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का अभी इंतजार है और एफएसएल का भी इंतजार है। देशराज को हिरासत में ले लिया गया। शव ससुराल पंचायत के प्रधान को सौंप दिया गया। धार्मिक भावनाओं के अनुसार अनुष्ठान करने के लिए मलका की पैतृक साइट पर पहुंचने से पहले ही शरीर जला दिया गया।

प्रश्नः क्या दाह संस्कार के समय पुलिस मौजूद थी? उन्होंने माता-पिता के परिवार द्वारा अनुष्ठानों को पूरा करने की प्रतीक्षा क्यों नहीं की? क्या बैजनाथ पुलिस ने जांच के लिए मलका के माता-पिता पक्ष के परिजनों के बयान लिए?

इस घटनाक्रम के गवाह व अपीलकर्ताः

संख्यानाममलका देवी से रिश्ता

01. आत्मा राम देवी के पिता

02राजिन्द्र कुमार मलका देवी के बड़ा भाई

03. बीनता देवी मलका देवी का बड़ी बहन

04. सलोचना देवी मलका देवी की बड़ी भाबी

05. विनोद कुमारमलका देवी का भाई (मासी का लड़का )

साथ में बैजनाथ विकासखंड के तमाम महिला मंडल मलका देवी को न्याय दिलाने के लिए अपील करते हैं!

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