रोक दो CURRENT विधानसभा सत्र वरना लग जाएंगे लाशों के ढेर

e-vidhansabha Himachal Pradesh would be the best option in Covid times

1

रोक दो CURRENT विधानसभा सत्र वरना लग जाएंगे लाशों के ढेर

INDIA REPORTER NEWS
PALAMPUR : RAJESH SURYAVANSHI
जल्द ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है तपोवन में। 68 विधानसभा सदस्य होंगे, सैंकड़ों/हज़ारों लोग होंगे। एक विधायक के साथ 4-5 लोग तो होंगे ही। कुछ बेचारे सिक्योरिटी वाले कुछ चेले-चांटे भाई। फरियादी भी होंगे सैंकड़ों की संख्या में। ड्यूटी पर तैनात विभिन्न सरकारी विभागों के बेचारे सैंकड़ों अधिकारी और कर्मचारी भी मजबूरन देंगे अपनी सेवाएं।
सर्वविदित है कि कोरोना का कहर सातवें आसमान पर पहुंच चुका है। हालात दिनोदिन भयावह होते जा रहे हैं। महामारी की आक्रमकता भयंकर रूप धारण करती जा रही है। कोविड 19 से होने वाली मृत्यु दर में अचानक उछाल आ गया है। किसी भी कार्यक्रम में 50 से अधिक लोग इकट्ठे नहीं हो सकते। लोग मास्क प्रयोग नहीं कर रहे। जुर्माने का भी डर नहीं। लापरवाही और बेशर्मी की इन्तेहा हो गई है। ऐसे में जब विधानसभा सत्र आयोजित होगा तो सोचिए हश्र क्या होगा। पूरे सत्र के पूरा होते ही लग जाएंगे सैंकड़ों मासूम लोगों की लाशों के ढेर। हाल ही में हुई राजनीतिक रैलियों का अंजाम हम सब देख चुके हैं जहां संक्रमित हुए सैंकड़ों लोग आज भी नेगेटिव होने के बावजूद आंतरिक शारीरिक कमज़ोरी और डिसेबिलिटी का शिकार हुए घूम रहे हैं।
हालात देखिये, एक तरफ तो बाज़ार बन्द किये जा रहे हैं, शादी व अन्य समारोहों में 50 लोगों की उपस्थिति सीमित कर दी गई है। करोड़ों रूपए के व्यापार का नुकसान हो रहा है। हर जगह बंदिशों का माहौल है।
लेकिन दुःख और हैरानी की बात है कि विधानसभा सत्र ज़रूर चलाने की क़वायद चल रही है। ज़ोरशोर से तैयारियां हो रही हैं सरकार के नुमाइंदों की आवभगत करने की। न तो कोई अधिकारियों/कर्मचारियों की सोच रहा है और न ही आम जनता की जान की परवाह है किसी को।
*अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी, टके सेर खाजा*
*मेरी यह बात सरकार को बुरी लग सकती हैं लेकिन अगर तथ्यों की गहराई में जाएंगे तो सहमत हुए बिना नहीं रह पाएंगे। देखिये, में सरकार की कार्यप्रणाली की आलोचना करने के उद्देश्य से अपने भाव व्यक्त नहीं कर रहा। आम जनता के हितों का प्रहरी होने के नाते मुझे सरकार और प्रिय प्रदेशवासियों के हितों और मान-सम्मान का पूरा ख़्याल है। मेरा एक मात्र उद्देश्य जनता व सरकार के बीच सौहार्दपूर्ण कड़ी कायम करना है, उसे बनाये रखना है। सरकार इस बारे में बहुत सजग है लेकिन और अधिक सचेत रहने की विकट स्थिति आन पड़ी है जिसे हल्के में कदाचित नहीं लिया जा सकता*
देखिये, *विधानसभा सत्र* के आयोजन के दौरान हर विधायक के साथ कम से कम चार कर्मचारी तो होंगे ही, चेले चांटे अलग से। 68 विधायकों के साथ कितने लोग होंगे, लगाइए हिसाब। आम जनता और फरियादी कितने होंगे। बताने की आवश्यता नहीं।
सरकार को इस बात का आभास अवश्यमेव होना चाहिये।
सभी अस्पताल कोविड महामारी के चलते मरीजों से अटे पड़े हैं। ऑक्सीजन बेड्स की भारी कमी चल रही है। मरीज़ दम तोड़ रहे हैं। *Health Emergency* जैसे हालात बन चुके हैं। मात्र डॉ राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल टांडा में ही कोविड- 19 का सबसे अच्छा इलाज चल रहा है लेकिन स्टाफ की भारी कमी और ऑक्सीजन बेड्स के नदारद होने से बेचारे डॉक्टर भी बेहाल हैं। अपनी जानों को जोखिम में डाल कर मरीजों को बचाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं डॉक्टर और उनका सहयोगी स्टाफ।
*क्लास फोर* कर्मियों की भारी कमी है जिससे हालात और अधिक बदतर होते जा रहे हैं। जब ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर मंज़िल में सिलिंडर लेकर जाना हो, उसे इनस्टॉल करना हो, सिलिंडर की नोब्स खोलनी और बंद करनी हों, यह सब काम क्लास फोर कर्मचारी ही करते हैं लेकिन जब उनकी संख्या न के बराबर है तो यह काम डॉक्टर
किससे करवाएंगे। जब एक क्लास फोर कर्मचारी 70 लोगों को खाने का टिफ़िन वितरित करेगा तो 70वें मरीज़ को तो ठंडा खाना ही मिलेगा। ऐसे में कर्मचारियों को लोगों की फटकार खानी पड़ रही है। करें तो क्या करें। जाएं तो कहां जाएं। हर कोई मजबूर है।
डॉक्टरों को काम करना मुश्किल हो गया है। संसाधनों की कमी के बावजूद डॉक्टरों की कोविड के खिलाफ जंग जारी है। नार्मल बेड्स तो काफी हैं लेकिन *ऑक्सीजन बेड्स* की भारी कमी चल रही है।

*टांडा अस्पताल के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एक मरीज के लिए एक मिनट में 10 लीटर ऑक्सीजन गैस व्यय हो रही है और लगभग अढ़ाई घंटे में पूरा ऑक्सीजन गैस सिलिंडर खत्म हो जा रहा है। टांडा अस्पताल में भी आसपास के निजी अस्पतालों से हाथ पैर जोड़ कर खाली सिलिंडर मंगवाए गए हैं तब कहीं जाकर cylinders भरवा कर इलाज संभव हो पाया है। हालांकि टांडा अस्पताल कागजों में कोविड ट्रीटमेंट अस्पताल नहीं है फिर भी डॉक्टर *आउट ऑफ द वे* मरीजों का ईलाज करने की हिम्मत जुटा रहे हैं।

हाल ही में कांगड़ा के फतेहपुर में बाजार के व्यापारियों के कोरोना टेस्ट करवाये गए तो आधे से अधिक बाज़ार के लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। अगर इसी तर्ज़ पर अधिक से अधिक टेस्ट किये जायें तो वर्तमान में लाखों लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की आशंका बनी हुई है।

*आर्मी अस्पताल यानी MH HOLTA पालमपुर भी कोविड ईलाज की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बेहतरीन काम कर रहा है। अगर यह न होता तो सरकारी अस्पतालों की कितनी विकराल स्थिति होती, इसका अंदाज़ा आप सहज ही लगा सकते हैं।*

हालांकि एक निर्माण कंपनी ने टांडा अस्पताल में मात्र एक महीने में 66 beds की कोविड बिल्डिंग तैयार करके देने की गारंटी सरकार को दी है लेकिन इस एक महीने में काम कैसे चलेगा। और बिल्डिंग तैयार होने के बाद भी 66 बेड्स से क्या होगा। आज एक्टिव कोविड केस 600 को पार कर गए हैं जोकि मात्रा 200-250 की रेंज में होते थे। आंकड़ा भयानक रूप धारण करता जा रहा है। स्टाफ की appointment करने की तैयारी 3 माह पहले की जानी चाहिए थी। कुल मिला कर हालात बहुत ही नाज़ुक चल रहे हैं। सरकार के हाथों से स्थिति निकल चुकी है।
*अब आते हैं वास्तविक मुद्दे पर*
उक्त नाज़ुक हालात के चलते भी क्या सरकार *विधानसभा सत्र* आयोजित करके *सैंकड़ों लाशें* बिछाने का जोखिम उठाएगी और अपने माथे पर लोगों की मौतों का *कलंक* सहन कर पायेगी?

बरसों पहले *हिमाचल ई विधानसभा* का संचालन किया जा चुका है। आज उसी का भरपूर लाभ उठाते हुए *e-vidhansabha* का आयोजन बखूबी किया जा सकता है। सब कुछ तैयार है। सभी विधायकों को सरकार ने लैपटॉप दे रखे हैं। सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जा चुकी हैं। Assistant दे रखे हैं। कार्यालय दिए हुए हैं। ऐसी स्थिति में *online* विधानसभा का सुचारू एवं सुखद संचालन क्यों नहीं किया जा रहा। अगर आज के हालात के चलते सरकार *e-vidhansabha* का संचालन करती है तो पूरे देश में नाम कमा सकती है। सैंकड़ों जानें बचा सकती है। थके-हारे प्रशासन व अधिकारियों/कर्मचारियों को भी थोड़ा सुकून, थोड़ी राहत प्रदान कर सकती है।
*अगर ऐसा न किया गया तो तमाम अस्पताल लाशों से भरे मिलेंगे। पांव रखने तक कि जगह नहीं होगी, ऐसा डर है।*

सरकार को चाहिए कि संयम और दूरदर्शिता से काम लेने का प्रयास करे। *मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार* दूरगामी सोच के मालिक हैं। वे तमाम हालातों से वाकिफ हैं। समझदार और जनता के सच्चे सेवक हैं। अतः जनता के हित में वे अवश्य सोचेंगे और विधानसभा को online चलाने की अति आवश्यक कार्यवाही अमल में लाएंगे। इससे प्रदेश में सरकार की साख बढ़ेगी, और मजबूत होगी।
*200 करनाल सरकारी भूमि पर बना सकती है सरकार 200 बिस्तरों का multipurpose अस्पताल*
सरकार अगर चाहे तो पालमपुर के पास कंडबाड़ी में अपनी 200 करनाल बंजर पड़ी भूमि पर 200 बिस्तरों का अस्पताल बना सकती है.

*🙏RAJESH SURYAVANSHI*

*EDITOR-in-CHIEF*
– HIMACHAL REPORTER NEWS,
– NEWSTIME REPORTER TV,
– INDIA REPORTER TODAY- NEWS WEB PORTAL,
*CHAIRMAN*
MISSION AGAINST CORRUPTION, N.G.O.
*PALAMPUR*
Mob ;: 9418130904, 8988539600

1 Comment
  1. bk sood says

    Excellent advice same has been considered and followed by the state government well done Rajesh Suryavanshi you have done your duty towards Nation as a journalist well done….

Leave A Reply

Your email address will not be published.