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“जीवन पथ पर बस चलते जाना ” यदि इस बात का अर्थ समझना हो तो डॉक्टर गुलशन कुमार धीमान का व्यक्तित्व अपने आप में यह कहानी कहता है।
वर्ष 1993 में उन्होंने शिक्षा विभाग में पहली बार हिमाचल प्रदेश चयन आयोग के माध्यम से टी.जी. टी परीक्षा उत्तीर्ण की और अध्यापक के पद पर राजकीय पाठशाला में कार्यभार संभाला। 1997 में एक बार फिर हिमाचल प्रदेश चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा, लेक्चरर पद हेतु, उत्तीर्ण की एवं राजकीय वरिष्ठ पाठशाला में लेक्चरर के पद पर कार्यभार संभाला।
अक्सर लोग यह कहते हैं कि इच्छाएं मोह जाल बुनती हैं परंतु दूसरा पहलू यह है कि यह इच्छाएं ही मनुष्य को उत्थान के पथ पर अग्रसर करती हैं। वर्ष 1997 में एक बार फिर उन्होंने हिमाचल प्रदेश चयन आयोग द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर के पद हेतु आवेदन किया एवं चयनित हुए। तब से लेकर अब तक उन्होंने शिक्षा विभाग में अपना योगदान बढ़ चढ़ कर दिया एवं विद्यार्थियों के बीच अपनी एक अभिभावक की छवि बनाए रखी।
अब शिक्षा विभाग ने डॉक्टर धीमान को एक नई जिम्मेदारी से नवाजते हुए राजकीय महाविद्यालय सराहन, सिरमौर, हिमाचल प्रदेश में; प्राचार्य का पदभार सौंपा है।
डॉक्टर धीमान का मानना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के उपरांत जो लोग किसी वजह से अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते, वे उनके लिए महाविद्यालय स्तर पर प्रयास करेंगे। इसके साथ ही विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास उनका मुख्य उद्देश्य रहेगा।