मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दरबार के अनमोल रत्न, ग़रीबों की आंखों के तारे हैं डिप्टी कमिश्नर, हेमराज बैरवा, IAS
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दरबार के अनमोल रत्न, ग़रीबों की आंखों के तारे हैं डिप्टी कमिश्नर, हेमराज बैरवा, IAS
ले रहे लोगों की दिल से दुआएं
राजेश सूर्यवंशी,
एडिटर-इन-चीफ
यूँ तो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दरबार में कई रत्न हैं लेकिन IAS HR Bairwa, डीसी कांगड़ा में गरीबों और असहाय लोगों के प्रति जो भावना है वह उन्हें एक अलग श्रेणी में खड़ा करती है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री महाराजा सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रशासनिक अमले में, डिप्टी कमिश्नर कांगड़ा, IAS हेमराज बैरवा, एक अनमोल रत्न के समान हैं।
उनकी कर्मठता, न्यायप्रियता और गरीबों के प्रति सच्ची सेवा भावना उन्हें जनता का सच्चा सेवक बनाती है और सिविल सर्विसेज के वास्तविक मकसद को अक्षरश रूप प्रदान करती है।
हेमराज बैरवा जी की एक खासियत है कि वे सिर्फ अपने प्रशासनिक कर्तव्यों का पालन नहीं करते, बल्कि इंसानियत और संवेदनशीलता के साथ काम करते हैं, खासकर जब बात गरीबों, जरूरतमंदों और असहायों की हो।
उनकी न्याय की लड़ाई में तत्परता और पारदर्शिता का उदाहरण हाल ही में रानीताल के पटवार कार्यालय में हुई घटना से स्पष्ट होता है।
80% विकलांग राम चंद, जिन्होंने 2001 के एक भयावह ट्रक हादसे में अपनी एक टांग और एक हाथ खो दिए थे, अपनी ज़मीन का परचा लेने के लिए पटवार कार्यालय पहुंचे। बैसाखियों के सहारे चलने वाले राम चंद सुबह 9:45 बजे पहुंचे, लेकिन उन्हें उस समय निराशा का सामना करना पड़ा, जब उन्हें बताया गया कि पटवारी पहले ही वहां से जा चुके हैं।
घंटों तक इंतजार करने के बाद, जब पटवारी ने शाम को 3.45 बजे जब अपना मोबाइल ऑन किया तो बात करने पर, उन्होंने राम चंद से कहा कि वे एक सप्ताह तक उपलब्ध नहीं होंगे, जिससे राम चंद को बिना किसी सहायता के भूखे-प्यासे रह कर पूरे दिन परेशानी झेलनी पड़ी।
इस घटना के बाद, समाजसेवी और मिशन अगेंस्ट करप्शन के अध्यक्ष, श्री राजेश सूर्यवंशी ने तत्काल IAS हेमराज बैरवा जी को इस मामले की सूचना दी।
यह जानकर कि एक विकलांग व्यक्ति को दिनभर इस प्रकार की तकलीफ झेलनी पड़ी, हेमराज बैरवा ने न केवल इस शिकायत को गंभीरता से लिया, बल्कि छुट्टी के समय रात में भी तुरंत प्रशासनिक कार्रवाई की।
उन्होंने पटवारी को आदेश दिया कि वह विकलांग राम चंद के घर जाकर उनका काम तुरंत पूरा करे। आज लगभग साढ़े बारह बजे उनके डाक्यूमेंट्स उनके घर पहुंच गए। रामचंद ने बैरवा जी को दिल से दुआएं दीं, उनके उज्ज्वल भविष्य और दीर्घायु की कामना की।
ऐसे न जाने कितने ही उपकार के कार्य डीसी साहिब अक्सर करते रहते हैं। वह एक दरियादिल अधिकारी हैं जिनकी प्रशंसा करने हेतु शब्द कम पड़ रहे हैं। ईश्वर का आशीर्वाद उन पर सपरिवार सदा बना रहे।
यह बैरवा जी की संवेदनशीलता और जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का उत्कृष्ट उदाहरण है। उनके इस त्वरित और मानवीय निर्णय से न केवल राम चंद को न्याय मिला, बल्कि पूरे क्षेत्र में यह संदेश गया कि उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक सच्चा अधिकारी हर समय तत्पर है।
बैरवा जी ने यह साबित कर दिया कि प्रशासनिक अधिकारी जनता के सेवक होते हैं, और उनकी जिम्मेदारी केवल प्रशासन चलाने तक सीमित नहीं होती, बल्कि जनता की सेवा करना उनका सर्वोपरि कर्तव्य है।
डिप्टी कमिश्नर हेमराज बैरवा: गरीबों के मसीहा
हेमराज बैरवा जी को लोग सच्चा मसीहा मानते हैं। उन्होंने यह सिद्ध किया है कि जब जनता को न्याय की जरूरत होती है, तो वे कभी भी पीछे नहीं हटते। उनकी त्वरित और प्रभावशाली कार्रवाई न केवल लोगों को न्याय दिलाने में मदद करती है, बल्कि प्रशासनिक ढांचे में जनता का विश्वास भी बनाए रखती है। उनके काम करने का तरीका एक आदर्श प्रस्तुत करता है, और लोग यही कहते हैं, “काश, सभी प्रशासनिक अधिकारी हेमराज बैरवा जी जैसे हों, तो देश का नक्शा ही बदल जाए।”
उनकी कार्यशैली न केवल कानून के पालन में समर्पित है, बल्कि उनके काम में मानवीय दृष्टिकोण की भी झलक मिलती है। गरीबों और जरूरतमंदों के प्रति उनकी गहरी संवेदनशीलता और न्याय की त्वरित प्रक्रिया के कारण, लोग उनके प्रति गहरा सम्मान और भरोसा रखते हैं।
अधिकारी की कर्मठता का प्रभाव:
राम चंद और उनके परिवार को जिस प्रकार बैरवा जी ने तुरंत राहत प्रदान की, उसने यह साबित कर दिया कि प्रशासन में ऐसे अधिकारियों की उपस्थिति समाज के लिए कितनी अनमोल होती है। क्षेत्र के लोग इस घटना के बाद बैरवा जी का हार्दिक धन्यवाद कर रहे हैं और उनकी प्रशंसा में कहा जा रहा है कि अगर सभी अधिकारी हेमराज बैरवा जी जैसे कर्मठ और न्यायप्रिय हों, तो न केवल प्रदेश का, बल्कि देश का भी भविष्य उज्जवल हो सकता है।
बैरवा जी की न्यायप्रियता और प्रशासनिक कुशलता ने उन्हें एक ऐसा नेता बना दिया है, जो जनता के दिलों में हमेशा के लिए बसा रहेगा। उनकी त्वरित कार्रवाई ने साबित कर दिया है कि वह सिर्फ प्रशासनिक पद पर नहीं बैठे हैं, बल्कि लोगों की समस्याओं को अपनी जिम्मेदारी मानकर उनका समाधान करते हैं।