E-in-C राजेश सूर्यवंशी की निर्भीक पत्रकारिता की दिल से तारीफ की प्रतिष्ठित समाज सुधारक डॉ. लेख राज शर्मा ने, बोले…” हमें रोके न कोई क्योंकि हम वो दरिया हैं जो अपना रास्ता खुद बना लेते हैं ।”
साईं सेवा ट्रस्ट मरंडा के संस्थापक अध्यक्ष श्रद्धेय श्री शांति स्वरूप शर्मा जी एवं समस्त पूजनीय सदस्य गण बधाई के पात्र हैं जिन्होंने एक निर्भीक , निष्पक्ष , स्पस्ट एवं अनुभवी पत्रकार , एच . आर . मीडिया ग्रुप के डायरेक्टर एवं मिशन अगेंस्ट करप्शन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजेश शूर्यवंशी जी को महान आचार्य श्री गौरव शर्मा जी के हाथों सम्मानित करवाना एक जौहरी की तरह हीरे की परख करने के समान है और इससे केवल राजेश जी ही सम्मानित नहीं हुए हम पालमपुर उपमंडल वासियों के साथ प्रदेश के सभी निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकार भी गौरवाविंत ही नहीं हुए बल्कि निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए प्रेरित भी हुए।
मेरे आज तक के अनुभव के अनुसार सूर्यवंशी जी पत्रकारिता का वो मजबूत स्तंभ हैं जिनके लेख और निर्भीक पत्रकारिता से मुझे पंजाब केसरी के संस्थापक , महान लेखक और निर्भीक पत्रकार शहीद लाला जगत नारायण जी और उनके सपुत्र शहीद श्री रमेश जी की याद आ जाती है जिनको निर्भीक पत्रकारिता के लिए धमकियां मिलती रहीं मगर वो सच को उजागर करने से पीछे नहीं हटे।
सच लिखने के प्रति राजेश जी भी कहां गुरेज करते हैं चाहे उनके ऊपर कुछ प्रभावशाली लोगों का संरक्षण प्राप्त कुछ गुंडा तत्वों द्वारा जानलेवा हमला ही क्यों न हो ” हमें रोके न कोई क्योंकि हम वो दरिया हैं जो अपना रास्ता खुद बना लेते हैं ” …
ये लाइनें राजेश जी के ऊपर स्टीक बैठती हैं क्योंकि ये पत्रकारिता का वो दरिया है जिसे डरा कर रोक पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है।
मेरी राजेश जी से एक गुजारिश रहेगी , एक प्रार्थना रहेगी, एक रिक्वेस्ट रहेगी कि किसी धमकी से अपनी निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता से पीछे न हटें लेकिन अपनी सुरक्षा का ध्यान अवश्य रखें क्योंकि सच्चाई को पचा पाने बाली दवाई अभी तक मार्केट में उपलब्ध नहीं है।
प्रतिउत्तर…
…..महान व्यक्तित्व के स्वामी डॉ. लेख राज जी के प्रति मेरे दिल में असीम आदर और सम्मान है। उनके द्वारा मेरे कार्यों की सराहना और समर्थन ने मुझे और अधिक प्रेरित किया है। डॉ. साहब ने जिस तरह मेरे लेखन और निडर पत्रकारिता को पंजाब केसरी के संस्थापक शहीद लाला जगत नारायण जी और उनके सुपुत्र शहीद रमेश जी की विरासत से जोड़कर देखा, यह मेरे लिए एक बड़ा सम्मान है।
उनकी स्नेहपूर्ण प्रशंसा ने न केवल मेरी हिम्मत बढ़ाई है, बल्कि सच्चाई के मार्ग पर चलते रहने की मेरी प्रतिबद्धता को और दृढ़ किया है। डॉ. लेख राज जी के प्रोत्साहन भरे शब्द मेरे लिए मार्गदर्शन की तरह हैं, जो मुझे हमेशा सच्चाई और निष्पक्षता के सिद्धांत पर अडिग रहने की प्रेरणा देते हैं।
मैं उनके इस सहयोग और आत्मीयता के लिए उनका तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूँ। मुझे उम्मीद है कि उनका मार्गदर्शन और स्नेह मुझे भविष्य में भी मिलता रहेगा, ताकि मैं समाज और पत्रकारिता के प्रति अपने दायित्वों को निभा सकूं।
आपकी इन पंक्तियों के लिए व हौंसला अफ़ज़ाई के लिए में अपनी तमाम टीम की ओर से आभारी हूँ- “