डा राजीव भारद्वाज द्वारा माता चिन्तपूर्णी , वगलामुखी , ज्वालामुखी, ब्रजेशवरी व चामुण्डा देवी के चर्णों तक रेल पहुंचाने की मांग काबिले तारीफ :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक…..
खुशखबरी
डा राजीव भारद्वाज द्वारा माता चिन्तपूर्णी , वगलामुखी , ज्वालामुखी, ब्रजेशवरी व चामुण्डा देवी के चर्णों तक रेल पहुंचाने की मांग काबिले तारीफ :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक…..
भले ही पठानकोट – जोगिंदर नगर रेलवे ब्रॉड गेज लाईन की मांग लम्बे समय से चली आ रही थी वहाँ कांगड़ा व मण्डी की जनता को बहुत निराशा मिली । हलाँकि बतौर सांसद एवं केन्द्रीय मन्त्री के नाते श्री शान्ता कुमार जी ने भी जनता की इस मांग की लोकसभा व राज्य सभा में जोरदार ढंग से पैरवी अर्थात वकालत की थी । यहाँ तक कि प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारत सरकार के आंतरिक सुरक्षा सलाहकार ने सामरिक दृष्टि से श्री शान्ता कुमार जी की इस प्रस्तावना पर दृढ़ता से अनुशंसा की थी । लेकिन रेल मंत्रालय ने शायद इस रेलवे ब्रॉड गेज मार्ग पर आने वाले भारी भरकम खर्चे का आंकलन करके इसे हैरिटेज रेलवे ट्रैक की संज्ञा देकर अपना पल्लू झाड़ लिया था । यह विस्तृत प्रति प्रक्रिया व्यक्त करते हुए पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने कहा कि अव श्री शान्ता कुमार जी के ही उत्तराधिकारी के रुप में इसी भारतवर्ष के सर्वोच्च सदन में कांगड़ा – चम्वा के सांसद डाक्टर राजीव भारद्वाज ने जिस प्रभावी ढंग से विकल्प के रूप में कांगड़ा की आवाज को बुलन्द किया है। काबिले तारीफ़ है। पूर्व विधायक ने कहा जिस तरह से डाक्टर राजीव भारद्वाज जी ने सदन में माननीय अध्यक्ष महोदय के माध्यम से रेल मन्त्री जी से आग्रह किया कि वन्दे भारत अम्व ( ऊना ) तक तो पहुँच चुकी है। आगे यही मार्ग अम्व से मात्रा माता चिन्तपूर्णी व जिला कांगड़ा के एतिहासिक एवं सुप्रसिद्ध शक्ति पीठों ज्वालामुखी , वगलामुखी , ब्रजेशवरी व चामुण्डा नन्दिकेश्वर धाम की ओर जाता है। ऐसे में यह बन्दे भारत ट्रेन इन देवियों के चर्णों को छू कर जाए तो इस क्षेत्र की जनता धन्य हो जाएगी ।
पूर्व विधायक ने कहा सांसद महोदय ने रेलमन्त्री जी को यह भी स्मरण करवाया कि हिमाचल प्रदेश को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी अपना दूसरा घर मानते हैं । पूर्व विधायक ने दावे ओर विशवास के साथ कहा कि जिस तर्क संगत एवं वजन दार ढंग से डाक्टर राजीव भारद्वाज जी ने लोकसभा में कांगड़ा की आवाज़ बनकर इस दमदार मांग को रखा है। निकट भविष्य में इसके रचनात्मक परिणाम होंगे क्योंकि अगर जम्मू से उधमपुर तक ट्रेन पहुँच सकती है तो उस एवज़ में माता चामुण्डा देवी के चर्णों तक बन्दे भारत ट्रेन का पहुंचना कोई बड़ी मुश्किल बात नहीं ।