डरते क्यों हो मृत्यु से, आएगी हर हाल : डॉक्टर सत्येन्द्र शर्मा

Dr. Prem Raj Bhardwaj
BMH
Dr. S.K. SHARMA, DIRECTOR
Dr S K Sharma
Dr S K Sharma

धोखा दोहावली

धोखा है या प्यार है , बदल गई अब रीत । 

ढूँढ़े से भी ना मिले ,वही पुरानी प्रीत।।

डरते हो क्यों मृत्यु से ,आएगी हर हाल।

दान पुण्य कुछ तो करो, होगे मालामाल।।

अहंकार को त्याग दो, बन जाओ इन्सान। 

सभी किराएदार हैँ, दो दिन के महमान।।

सबका मालिक एक है ,भेदभाव से दूर ।

जान मनुज की एक सी, जीने दें भरपूर ।।

झूठ बोलते गर्व से ,झूठा सब संसार। 

” सत्ये ” बुद्धू खा रहा,हार हार या मार ।।

दर्पण झूठ न बोलता , चेहरा असली देख ।

चाहे हो कंगाल का ,या हो अरबी शेख ।।

आंसू क्यों तू ढ़ारता ,कलियुग की है चोट ।

झूठी बातें प्यार की ,नीयत में है खोट ।।

चला-चली का वक्त है , त्यागो अब अभिमान ।

जर्दा खाना त्याग दो , त्यागो मदिरापान ।।

स्वरचित, मौलिक 11-04-25

डा.सत्येन्द्र शर्मा, पालमपुर, हिमाचल।

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