मेरा और रोटरी क्लब पालमपुर और दी पालमपुर रोटरी आई फाउंडेशन के संस्थापक चेयरमैन डॉ. शिव कुमार के साथ एक अद्वितीय और मधुर संबंध था।
डॉ. शिव कुमार एक ऐसे समाजसेवी थे जिन्होंने अपने जीवन को समाज की सेवा में समर्पित किया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति हासिल कर हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया। हम सबका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।
रोटरी क्लब पालमपुर की स्थापना उन्होंने कई सपनों को संजो कर की थी, और यह संगठन समाज की भलाई और सेवा के क्षेत्र में उनके संघटित प्रयासों का परिणाम है। सामुदायिक सेवा में हमारा संयोजन सफल रहा।
डॉ. शिव कुमार के साथ, हमने कई दूरस्थ स्थानों पर समाजसेवा के उद्देश्य से यात्राएं की जैसे किन्नौर, बसोली, चंडीगढ़ आदि। उन्होंने सदैव इस उद्देश्य के लिए अपना समय और श्रम समर्पित किया और हमें भी अपने साथ शामिल किया।
उनकी प्रेरणा से हम ने कई सामाजिक समस्याओं का समाधान ढूंढा और अपनी समर्पणशीलता के साथ काम किया।
पत्रकारिता क्षेत्र में भी डॉ. शिव कुमार ने मेरे साथ गहरा संबंध बनाया। उन्होंने मुझे पत्रकारिता के माध्यम से समाज की समस्याओं को उजागर करने और समाधान की दिशा में मदद करने का मौका दिया। हम ने साथ में कई महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों का मीडिया में प्रसारण किया और जागरूकता फैलाने का कार्य किया।
डॉ. शिव कुमार की विशेषता यह थी कि उन्होंने किसी का कभी बुरा नहीं किया, किसी की बद्दुआ नहीं ली।
उनका मानना था कि समस्याओं का समाधान आपसी सहयोग से हो सकता है, वैमनस्यता से नहीं और वह हमेशा इसी दिशा में काम करते थे।
डॉ शिव कहते थे कि एक समजसेवी और प्रशासक व्यक्ति को बहुत लचीले स्वभाव का होना चाहिए। उसमें सनस्याओं को त्वरित रूप से उसी समय हल करने की लियाकत होनी चाहिए। कोई भी क्रोधित और ईगोइस्टिक व्यक्ति अपनी ज़िम्मेदारी को ईमानदारी से नहीं निभा सकता।
कभी भी कोई समस्या उत्पन्न होती, तो वह मुझ जैसे अपरिपक्व व्यक्ति से सलाह-मशविरा करने से भी पीछे नहीं रहते थे और उस समस्या का हल करने की योजना बनाते थे।
उनके साथ समय बिताना हमेशा एक आत्मा संतुष्टि और समृद्धि भरा अनुभव था। वे न केवल समाजसेवा में अग्रणी थे, बल्कि एक अच्छे मित्र के रूप में भी हमें भरपूर मान देते थे।
हम ने मन की गहरी बातें भी की और एक दूसरे के साथ अच्छे सम्वन्ध बनाए रखने का प्रयास किया।
उनमें सभी अच्छे गुण थे जो एक सनजसेवी, डॉक्टर और प्रशासक में होने चाहिएं। उनकी एक खास खूबी थी कि वह बड़ी से बड़ी सनस्याओं का अपनी सूझबूझ से तुरन्त, किसी को नुकसान पहुंचाए बिना ही, हल निकाल लिया करते थे। ईश्वर उनकी योजनाओं को और अधिक विस्तृत रूप प्रदान करें।
हालाँकि चंद स्वार्थी प्रवृत्ति के लोग हमारे प्रगाढ़ सम्बन्धों में खटास डालने हेतु प्रयत्नशील रहते थे। उनमें से कुछ आज भी डॉक्टर शिव जी के दुनियां से जाने के बाद भी अपनी आदत अनुसार इसी दिशा में अग्रसर हैं लेकिन सच्चाई की ही सदा जीत होती है। बुराई कितनी ही बलशाली क्यों न हो, उसे धराशायी होना ही पड़ता है, यह प्रकृति का अटूट नियम है। डॉ साहिब ने उस सच्चाई को साकार और वृहद रूप दिया।
डॉ. शिव कुमार एक महान समाजसेवी और मेरे आदरणीय थे, हैं और रहेंगे।