अगर डॉ. शिव आज हमारे बीच होते तो राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होते देख कयने प्रसन्न और गौरवान्वित होते, पालमपुर के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि श्री राम मंदिर बनाने का प्रस्ताव यहीं रोटरी भवन में पारित हुआ था
Rotary Bhavan का नाम "डॉ. शिव रोटरी भवन पालमपुर'
डॉक्टर शिव के नाम पर ही रखा जाना चाहिए रोटरी भवन का नाम यानि डॉ शिव रोटरी भवन *Dr. Shiv Rotary Bhawan* पालमपुर
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर शुरू हुए आंदोलन में शिरकत करने के लिए पालमपुर के तत्कालीन् विधायक डा. शिव कुमार के नेतृत्व में पालमपुर विधानसभा से भी चार लोग गए थे।
उस समय राम मंदिर के प्रति लोगों में बहुत अधिक उत्साह था तथा हर कोई अयोध्या में जाकर इस पुण्य कार्य में अपनी आहुति डालना चाहता था परंतु उत्साह के साथ- साथ लोगों को धैर्य भी रखना था इसलिए कुछ चुनिंदा लोगों को ही अयोध्या जाने की सहमति बन पाई थी और इसमें डॉ. शिवकुमार सबसे अग्रणी थे क्योंकि विधायक रहते सभी को उन पर विश्वास था कि वह किसी को भी उम्र नहीं होने देंगे और वह सभी को अपने विवेक बल से नियंत्रण में रख पाएंगे इसीलिए डॉक्टर सब को यह जिम्मा सौंपा गया था।
अयोध्या की निरंतर बिगड़ती स्थिति के बीच तत्कालीन ि शिव के साथ पालमपुर हल्के से तीन लोग गए थे, जिनमें आईम भारद्वाज, घुग्गर से रणजीत सिंह ठाकुर और प्रवीण कुमार शामि सुलह हल्के से पंडित विष्णु दत्त, छँछड़ी से चंदू लाल, त्रिलोक धीमान, खैरा से राजेश व्यास व मनोज व्यास केवल दस लोगों ने डॉ. शिव कुमार के नेतृत्व में अयोध्या के लिए कूच किया पालमपुर से जाने वाली टीम का नेतृत्व किया था। अयोध्या ज सहारनपुर में गिरफ्तार कर लिया गया और वहां पर कुछ दिन
में रहे। परंतु डॉक्टर साहब के मन में अयोध्या कार सेवा करने की प्रबल इच्छा थी तो वह किसी तरह से अयोध्या पहुंच ही गए।
ज्ञात रहे कि पालमपुर में 11 जून, 1989 को अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और शांता कुमार ने राम मंदिर के निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया था।
इस दिन राष्ट्रीय भाजपा कार्यसमिति की तीन दिन तक बैठक पालमपुर में हुई थी। इस तीन दिवसीय बैठक में राम मंदिर निर्माण को लेकर पार्टी ने मंथन किया और तय हुआ कि अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा।
शांता कुमार उस समय प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष थे। बैठक के तीसरे दिन जब लालकृष्ण आडवाणी ने सबकी सहमति से राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव रखा था तो अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में चुप होकर मुस्कराते हुए अपनी सहमति जताई थी। हिमाचल के पालमपुर में हुई इस बैठक के सूत्रधार रहे पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार उस समय प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष थे। उन्होंने पालमपुर में भाजपा कार्यसमिति का न्यौता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार का कहना है कि पालमपुर में जून 1989 में राम मंदिर बनाने का संकल्प लिया गया था जिसे आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरा कर रहे हैं। इससे उन्हें गर्व महसूस हो रहा है, क्योंकि राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव पालमपुर में ही पारित हुआ था इसलिए पालमपुर के लिए गर्व की बात है।
डॉ शिव कुमार को उन 4 सदस्यों की टीम में शामिल किया गया जिन्हें कारसेवक बन कर अयोध्या में जा कर सेवा का मौका मिला।
बैठक में अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, विजयाराजे सिंधिया, मुरली मनोहर जोशी समेत पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पालमपुर में था।
आज यदि डॉ. शिव जीवित होते, तो उनके चेहरे पर राम मंदिर के निर्माण और उसमें भगवान राम की प्रतिमा स्थापित होने व प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर पर अप्रतिम प्रसन्नता देखी जा सकती थी।