डॉ. शिव कुमार आज भी कर रहे हैं लोगों के दिलों पर राज़,…महसूल होते हैं कहीं आस-पास, सुपुत्र राघव शर्मा और जीवनसंगिनी डॉ विजय शर्मा आगे बढ़ा रहे डॉ साहिब की विरासत
जन सेवा की क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त युग पुरुष डॉक्टर शिव कुमार एक ऐसी हस्ती थे, ऐसी महान विभूति थे जो न केवल अपने जीवन काल में बल्कि अपने जीवन काल के पश्चात भी लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं, लोग उनसे प्रेरणा लेते हैं और उनके पदचिन्हों पर चलने की कोशिश करते हैं।
जब उनके अनुयाई, उनके चाहने वाले उनके पदचिन्हों पर चल रहे हैं तो उनका परिवार इस महान कार्य में कैसे पीछे रह सकता है।
उनके सुपुत्र श्री राघव शर्मा में उनके पूज्य पिता का अक्स झलकता है। राघव भी अक्सर ज़रूरतमंद लीगो का दर्द बांट कर डॉ शिव की राह का अनुसरण करते दिखाई देते हैं। उनका दिल भी गरीबों के लिए ठीक वैसे ही धड़कता है जैसे उनके पिताश्री का। उनकी माताश्री डॉ विजय शर्मा भी उनका इस दिशा में मार्गदर्शन करती हैं तथा डॉ साहिब के अधूरे कुछ रह गए सपनों को पूरा करने नें अपना पुरज़ोर सहयोग प्रदान कर रही हैं। ईश्वर उन्हें बेहतर स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करें।
जिस तरह से डॉक्टर शिव कुमार बिना किसी लोभ-लालच और प्रसिद्धि या ख्याति की चाह के बिना निःस्वार्थ रूप से लोगों की सेवा में लगे रहते थे और लोगों की सेवा को ही अपना परम धर्म समझते थे उसी तरह से उनका परिवार भी उनकी इस विरासत को आगे बढ़ा रहा है।
कितने ही संस्थानों के माध्यम से स्वयं दान करते हैं। लोगों की सहायता करते हैं। समाजसेवी संस्थाओं को सपोर्ट करते हैं।
शनि सेवा सदन पर डॉक्टर शिव कुमार की विशेष मेहरबानी थी क्योंकि वह हर रोज अपने क्लीनिक में आते-जाते इसी शनि मंदिर के रास्ते से होकर जाते थे।
कभी-कभार समय मिलने पर भाटिया जी को अपने मार्गदर्शन, सलाह-मशविरा और उत्साह वर्धन से अनुगृहीत भी करते थे ।
इसी तरह से डॉक्टर शिव कुमार का परिवार भी शनि सेवा सदन से तन-मन-धन से जुड़ा हुआ है ।
उनके सपोर्ट पर माननीय राघव शर्मा जी बहुत सेवा करते हैं, अपना मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, यहां तक कि शनि सेवा सदन को उनके परिवार के सदस्य जो पालमपुर से बाहर रहते हैं वे भी शनि सेवा सदन को सैकड़ो किलोमीटर दूर चलकर अपना योगदान देते हैं। इस तरह डॉ शिव हर क्षण, हर पल राघव जी के रूप में हमारे चारों ओर अपनी उपस्थिति का एहसास दिलाते रहते हैं। ऐसा लगता है मानो वह किसी भी वक्त शनि देव की कृपा से हमारे सामने प्रकट हो जाएंगे तथा अपने आशीर्वाद से हमारी हौसला अफजाई करेंगे।
डॉक्टर शिव कुमार की सुपुत्री मोना जी भी अग्रिम पंक्ति में रह कर अपने पिताश्री की विरासत को निरंतर आगे बढ़ा रही हैं।
हाल ही में मोना जी जालंधर से पालमपुर आई थीं तथा उन्होंने कहा कि मुझे शनि सेवा सदन जाकर कुछ सहयोग करना है ।
राघव जी ने भाटिया जी को फोन किया और कहा कि आप कब मिलोगे। भाटिया जी से बात करने के बाद दोनों भाई-बहन शनि सेवा सदन आए और 1100000 का चैक शनि सेवा सदन की सेवा में प्रस्तुत कर गए जिससे गरीबों, लाचारों और ज़रूरतमंद लोगों की सहायता की जाएगी । यही मोना जी की भी इच्छा है।
उल्लेखनीय है कि डॉक्टर साहब की सुपुत्री जोकि जालंधर में रहती हैं, उन्हें पालमपुर के शनि सेवा सदन से क्या लेना-देना लेकिन इसी को तो कहते हैं संस्कार ।
डॉक्टर शिव कुमार साहब और उनकी धर्मपत्नी डॉ विजय जी ने अपनेने अपने परिवार में ऐसे संस्कार कूट-कूट कर भरे हैं कि वह पालमपुर से अपना नाता कभी नहीं तोड़ सकते ।
पालमपुर के हर दुख-सुख में वे शामिल होते हैं और लोगों की सहायता के लिए आगे आते हैं।
डॉक्टर शिव कुमार ने पालमपुर के आसपास जो समाज सेवा के पौधे लगाए हैं उन पौधों की छांव में आज पूरे हिमाचल के लोग ठंडी छाया का अनुभव कर रहे हैं।
डॉ शिव उ जाने कितने ही लोगों की रोजी-रोटी का साधन बने। उनके संस्थानों से कितने ही लोगों के दुख दूर हो रहे हैं , कितने ही लोगों की सहायता हो रही है, कितने ही लोगों को रोजगार मिला हुआ है ।
मैंने पहले भी कई बार कहा कि अगर डॉक्टर साहब चाहते तो केवल इमानदारी से अपने ही चिकित्सा व्यवसाय में तरक्की करते, जितना ध्यान उन्होंने समाज सेवा में दिया उतना अपने डॉक्टरी प्रोफेशन में देते तो आज वह बहुत बड़ा मेडिकल साम्राज्य खड़ा कर सकते थे। करोड़ों-अरबों की निजी संपत्ति इकट्ठी कर सकते थे लेकिन अरबों रुपये के संस्थान तो वनाए लेकिन असम जनता के सुख के लिए।
हो सकता है कि वह आज फोर्टिस जैसे या अन्य किसी बड़े हॉस्पिटल जैसे निजी साम्राज्य की स्थापना कर चुके होते परंतु उन्होंने केवल जनसेवा को ही महत्व दिया और ऐसे संस्थान खड़े कर दिए जिससे देश के लाखों रोगी लाभ उठा रहे हैं।
और यह तभी होता है जब ईश्वर की किसी पर विशेष कृपा हो । डॉक्टर साहब पर भगवान की विशेष कृपा थी और भगवान ने उन्हें किसी विशेष उद्देश्य के लिए इस संसार में भेजा था जिसे उन्होंने पूरा करके ही दम लिया।
हम सभी शनि सेवा सदन के सदस्यों की और इस संस्थान से सहायता प्राप्त करने वाले लोगों की दुआएं हैं कि डॉक्टर साहब जहां कहीं भी हों वह प्रभु चरणों के समीप हों और ईश्वर उनकी सेवाओं का भरपूर लाभ ले रहे हों।
जय श्री कृष्णा जय शनि देव