क्यों तोड़ डाले मेरी माला के मोती : डॉ,. शिव कुमार शर्मा, डायरेक्टर पूर्व रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा

0
ALPHA ACADEMY

NETAJI SUBHASH COLLEGE OF NURSING
RAJESH SURYAVANSHI
Editor-in-Chief, Mob : 9418130904
HR MEDIA GROUP

Dr. S.K. Sharma, Director, Rotary Eye Hospital, Maranda (Palampur)  जोकि रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा के जनक रहे हैं, सूत्रधार रहे हैं, संचालक रहे हैं, सम्राट रहे हैं, उन्होंने अपनी सारी जवानी, रोटरी आई हॉस्पिटल को जीरो से हीरो बनाने हेतु कुर्बान कर दी, को किन परिस्थितियों में तत्कालीन चेयरमैन #Dr. Shiv Kumar ने अपना स्वार्थ पूर्ण हो जाने पर दूध से मक्खी की तरह निकाल फेंका, यह किसी से छिपा नहीं है।

डॉ शिव कुमार शर्मा ने रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा को एक दूध पीते बच्चे से लेकर उसे जवानी तक पाला-पोसा, बड़ा किया लेकिन उन्हें इसका ईनाम यह मिला कि उन्हें इससे एक पल में जुदा कर दिया, जिसके साथ उनका 34 साल का अटूट नाता था, जहां 100 से अधिक कर्मचारियों के लगभग 1000 लोग पलते थे। उन्हें हर साल इन्क्रीमेंट भी मिलती थी, बोनस भी मिलता था, उनकी हर सुख-सुविधा का ध्यान रखा जाता था। लेकिन आज सब कुछ छूट गया, बिखर गया सा लगता है।

पिछले कई सालों से स्टाफ नाराज़ चल रहा है, आसमान छूती महंगाई के दौर में उनका अत्यन्त कम तनख्वाह में जीना दूभर हो गया है।

आज जब डॉ शिव कुमार शर्मा से अनोपचारिक बातचीत हुई तो पहले तो वह वहुत प्रसन्न नज़र आए, बड़ी गर्मजोशी के साथ मिले लेकिन जैसे जैसे बात बढ़ती गई, उनके चेहरे से मासूमियत और बेचैनी के भाव स्पष्ट झलकने लगे.. वह माथे पर हाथ रखे, कुछ देर तक, कुछ सोचते रहे, फिर भावुकतावश बोले… चाहे मेरे साथ जो कुछ भी हुआ हो, लेकिन मुझे सबसे अधिक दुख यह है कि मेरी माला के अनमोल मोतियों को माला से क्यों जुदा किया गया, क्यों उनकी उम्र भर की तपस्या को भंग करने हेतु तरह तरह के स्वांग रचे गए।

लेकिन मैंने हार नहीं मानी। मैं वो शख्स हुन जो सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक रोगियों की सेवा करता था।

रोटरी आई हॉस्पिटल को खड़ा करने के बाद अब मैंने देवभूमि आई हॉस्पिटल तारागढ़ के उत्थान का जिम्मा उठाया है जिसमें मैं मात्र 5 महीने में 400 से अधिक सफल SURGERIES कर चुका हूं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। मेरा पुराना विश्वास मेरे काम आ रहा है। लोगों की दुआएं मेरे साथ हैं, जिन्होंने 34 साल बाद मेरे साथ विश्वासघात किया और स्वार्थहित की पूर्ति हेतु घृणित से घृणित कार्य किया वे आज अपनी करनी का फल भुगत चुके हैं और भुगत रहे हैं।

देखें देव भूमि नेत्र अस्पताल तारागढ़ की विशेष रिपोर्ट, डॉ एसके शर्मा की जुबानी। कुछ भूला.. कुछ याद किया। आप बीती…. क्रमशः

Leave A Reply

Your email address will not be published.