रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा में भारत के चोटी के रेटिना सर्जन व अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. सुधीर सल्होत्रा नेत्र रोगियों के लिये साबित हो रहे वरदान
डॉ. सुधीर सल्होत्रा: रेटिना सर्जरी के माहिर, गरीबों के लिए वरदान
भारत के टॉप टेन रेटिना सर्जनों में से एक, डॉ. सुधीर सल्होत्रा ने अपने जीवन को नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में समर्पित किया है। उन्होंने अपने कौशल और अनुभव का उपयोग गरीबों और वंचितों के लिए किया है, जो अन्य अस्पतालों में लाखों रुपये खर्च नहीं कर सकते हैं।
पहले, रेटिना का इलाज बाहरी प्रदेशों में लाखों रुपया खर्च करके होता था और मरीजों को दूर-दराज़ के राज्यों में जाना पड़ता था। लेकिन अब, मारंडा-पालमपुर के चैरिटेबल रोटरी आई हॉस्पिटल में अत्याधुनिक उपकरणों से आंखों के जटिल से जटिल रोग का इलाज होता है, जिनकी कीमत करोड़ों में है।
मात्र 20 रुपये की पर्ची बना कर रोगी अपनी आंखों की जांच गहराई से करोड़ों रुपए की मशीनों से करवा सकता है। ऐसी खास सुविधा केवल इसी अस्पताल में देखी जा सकती है।
आज तक, आधा करोड़ से अधिक लोग इस अस्पताल में आंखों की रोशनी प्राप्त कर चुके हैं। यह एक अद्भुत उपलब्धि है, जो डॉ. सल्होत्रा और उनकी टीम की मेहनत और समर्पण को दर्शाती है।
अस्पताल के डायरेक्टर के रूप में, डॉ. सल्होत्रा का स्टाफ के साथ मृदुल व्यवहार है। वे अपने स्टाफ को प्रेरित और प्रोत्साहित करते हैं ताकि वे अपनी सेवाओं का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।
डॉ. सल्होत्रा के काम की सराहना पूरे देश में की जाती है। उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, लेकिन उनके लिए सबसे बड़ा पुरस्कार यह है कि वे लोगों की मदद कर पा रहे हैं।
उनकी देखरेख में अस्पताल ने कई नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। अस्पताल में मरीजों को सस्ते में ईलाज मिलता है, जो एक वरदान है। डॉ. सल्होत्रा का मानना है कि हर किसी को अच्छी देखभाल मिलनी चाहिए, चाहे वे कितने भी गरीब क्यों न हों।
अस्पताल में स्टाफ का व्यवहार मरीजों के प्रति बहुत ही दयालु और सहयोगी है। वे मरीजों की हर संभव मदद करते हैं, उनकी शिकायतों को सुनते हैं और उनका समाधान निकालते हैं।
डॉ. सल्होत्रा की कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे एक व्यक्ति अपने कौशल और अनुभव का उपयोग दूसरों की मदद करने के लिए कर सकता है। उनका काम एक सच्चा उदाहरण है कि कैसे एक व्यक्ति अपने जीवन को दूसरों के लिए समर्पित कर सकता है।