10 अक्टूबर को दशहरा उत्सव होगा लाडली नृत्य ⛔ पुरानी संस्कृति को संजोए रखने के लिए कुल्लूवी इम्पलाईज वैलफेयर एसोसिएशन का प्रयास सराहनीय
⛔10 अक्टूबर को दशहरा उत्सव होगा लाडली नृत्य
⛔ पुरानी संस्कृति को संजोए रखने के लिए कुल्लूवी इम्पलाईज वैलफेयर एसोसिएशन का प्रयास सराहनीय
मुनीष कौंडल
भुंतर, 7 अक्तूबर । सात दिनों तक चलने वाला कल्लू का दशहरा हिमाचल की धार्मिक और संस्कृति की आस्था का प्रतीक है। इस पुरानी संस्कृति को संजोए रखने के लिए
लिए कुल्लूवी इम्पलाईज वैलफेयर एसोसिएशन कुल्लू प्रयासरत है । बता दें जिला कुल्लू की पुरानी संस्कृति को जीवित रखने के उद्देश्य से कुल्लूवी इम्पलाईज वैलफेयर एसोसिएशन जिला कुल्लू मुहल्ले की रात्री 10अक्तूबर को रथ मैदान देव सदन के सामने लालड़ी नाटी का आयोजन दशहरा उत्सव समिति के सौजन्य से कर रहे हैं। एसोसिएशन ने सभी कला प्रेमियों से निवेदन किया है कि महिला मंडल, स्वयं सहायता समूह, युवक मंडलों व युवा संगठनों के सभी सदस्यों व अपने सगे संबंधियों सहित 6 बजे साय रथ मैदान में पहुंच कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएं।
कुल्लूवी इम्पलाईज वैलफेयर एसोसिएशन के महासचिव बीडी कुलवी ने कहा कि कुल्लू का दशहरा अपनी पुरातन संस्कृति को लेकर देश विदेश में मशहूर है । कुल्लू वासी इस लालड़ी नृत्य में भाग लेकर इसे सफल बनाएं। उन्होंने कहा किपुरुष पजामा कमीज जैकेट टोपी में और महिला पटटु घाटू जो कुल्लू की वेशभूषा है उसमें आएं । वहीं समस्त देव समाज से भी निवेदन किया है कि समस्त हारियान सहित इस कार्यक्रम में भाग लेने की कृपा कृपा।
देवभूमि कुल्लु में अनोखे मेले का आयोजन किया जाता है। यहां ना तो रावण का जलाया जाता है और ना ही कोई कहानियां होती हैं। कुल्लू के इस उत्सव को देखने को लिए देश ही नहीं विदेशों से भी लोग आती हैं। मान्यता है इस मेले में भाग लेने के लिए देवलोक से सभी देवी-देवता पृथ्वी पर आते हैं।
पूरे देश में जब दशहरा का पर्व मना लिया जाता है, तब एक अनोखा दशहरा होता है, जिसमें न तो रावण का पुतला जलाया जाता है और न ही उसकी कहानियां कही जाती हैं।
देवताओं के मिलन और उनके रथों को खींचते हुए ढोल-नगाड़ों की धुनों पर नाटी नाचते लोगों का यह दिलचस्प मेला कुल्लू के दशहरे के रूप में पूरी दुनिया में मशूहर है। आश्विन मास की दशमी तिथि से इस त्योहार की शुरुआत होती है। पुरानी परम्परा को कायम रखते हुए दशहरे में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किए जाते हैं।