क्या विश्व शीघ्र कोरोना मुक्त हो जाएगा?

G7 शिखर सम्मेलन में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला

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बीके सूद चीफ एडिटर
Bksood: Chief Editor

G 7 देशों के पास पूरे विश्व की जीडीपी का 40% और जनसंख्या का केवल 10% हिस्सा है। G 7 देश दुनिया की सबसे अमीर देशों की सूची में शामिलहैं। इन देशों ने पीएम मोदी को भी G7 सम्मिट में आने का न्योता दिया।

मानवाधिकारों की सुरक्षा, लोकतंत्र, कानून का शासन, सतत विकास, और समृद्धि जैसे मुद्दों पर काम करने वाले इस संगठन में 1976 में कनाडा को भी शामिल किया गया था। 49 सालों से प्रत्येक वर्ष जी-7 समिट का आयोजन किया जाता है।

भारतीय प्रधानमंत्री मोदी व्यक्तिगत रूप से तो इस सम्मेलन में नहीं जा रहे परंतु जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे भारत के लिए जी 7 देशों के सम्मेलन में विशेष अतिथि के रुप में निमंत्रण मिलना एक गर्व की बात है।

जी-7 की अध्यक्ष यूनाइटेड किंगडम (यूके) ने भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को अतिथि के रूप में इस सम्मेलन में आमंत्रित किया है।

संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए), फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम (यूके), कनाडा, इटली, जर्मनी और जापान जैसे सात सबसे विकसित देशों का समूह है, ग्रुप ऑफ सेवेन (जी-7)

इन देशों के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों ने कोरोना महामारी का भय लोगों के मन से निकालने की कोशिश की है । सम्मेलन में नो मास्क no distancing देखने को मिली ।
ऐसी उम्मीद है कि G7 सम्मेलन कोरोना महामारी के अवतार देश चीन को कोई कड़ा संदेश देंगे या कड़ी करेंगे जिसमे आर्थिक व्यापारिक बहिष्कार हो सकता है।
इन देशों के प्रमुखों ने मास्क न पहन कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि जिन लोगों ने वैक्सीनेशन कर ली है उन्हें मास्क लेने मि जरूरत नही है और दुनिया शीघ्र ही मास्क फ्री हो जाएगी। G 7 देशों में जिस तरह से राष्ट्रपति/ प्रधनमंत्री मस्ती करते हुए दिखे उससे यही लग रहा है कि दुनिया अपने पुराने रूप में शीघ्र आने वाली है।

Bksood

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