अफगानिस्तान की स्थिति बहुत नाजुक मानवता खतरे में।
विश्व समुदाय का अफगान के ताजा हालात पर पर इस तरह से चुप्पी साधना और मूकदर्शक बने रहना पूरे विश्व के लिए खतरे की घंटी
BK Sood chief editor
Editorial
अफगानिस्तान की स्थिति बहुत नाजुक मानवता खतरे में।
मानव अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन ।भारत में भी तालिबानी खतरा बढ़ा। खौफनाक दौर वापस आने वाला है।
पता नहीं यह रूढ़िवादी सोच महिलाओं और बच्चों को भी क्यों नहीं छोड़ते ।कहां है वह विकसित और महाशक्तिशाली देश जो मानवाधिकारों की दुहाई देते हैं ।महिलाओं के प्रति संवेदना दर्शाते हैं ।आज अफगानिस्तान में जंगलराज है जिसको चाहे मार दे जिसको चाहे छोड़ दें ।
मुंह से जो शब्द निकला वह हुकम ही नहीं, वही कानून है।
वहां पर जन्मे लोगों का क्या कसूर क्योंकि उन्होंने तो स्वयं अफगानिस्तान को नहीं चुना अगर उनके हाथ में होता तो वह अफगानिस्तान में कभी जन्म ना लेते ।अफगानिस्तान की आज की स्थिति भारत के भविष्य के लिए बहुत खतरनाक हो सकती है। जबकि चीन और पाकिस्तान अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने में व्यस्त है वह अफगानिस्तान को अपना मोहरा बनाकर भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने की कोशिश में है। विदेशी लोग तो अफगानिस्तान से भाग ही रहे हैं परंतु वहां के बाशिंदे भी वहां पर रहने से डर रहे हैं और वह भी अफगानिस्तान छोड़ने की फिराक में है। लेकिन गरीब आदमी कहां जाएगा वह या तो गोली खाएगा या उनके जुल्म सहेगा। परंतु हमारी यू एन ओ या अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं आज आंखें मूंदे बैठे हैं तथा इतने जुर्म होने पर भी मूकदर्शक बनी हुई है। पता नहीं इस विश्व की राजनीति इस विश्व को कहां लेकर जाएगी ।क्या आतंकवाद के सहारे ही अब देश चलेंगे। कोई कानून या संविधान नहीं होगा ।आम नागरिकों का जीवन केवल उन लोगों के रहमों करम पर होगा ।वह मुंह से जो शब्द निकालेंगे वही कानून बन जाएगा। सोचिए अगर ऐसे ही भयावह स्थिति अन्य देशो मे होती है तो विश्व कहां जाएगा।
आज विश्व समुदाय का तालिबान के प्रति यह नर्म रुख कल को विश्व के लिए ही खतरा बन जाएगा ।अगर विश्व की महा शक्तियां और विकसित देश चाहे तो अफगानिस्तान के हालात को काबू में कर सकते हैं ।परंतु उनकी चुप्पी विश्व के लिए खतरा अवश्य बनेगी।