आर्यन खान केस

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Bksood chief editor

आज मैं पहली बार आर्यन खान के बारे में बात कर रहा हूं दरअसल मे आर्यन खान की बात नहीं करूंगा वह सच्चा है या झूठा अदालत तय करेगी ।
परंतु मैं उस टीम की प्रशंसा अवश्य करना चाह रहा हूं जिसने इतनी बड़ी हिम्मत करके ड्रग पेडलर्स पर हाथ डाला कोई भी कमजोर दिल का अधिकारी या कर्मचारी खान के आगे कभी भी झुक सकता था, या उसे झुका दिया जा सकता था ,परंतु ऐसे टीम लीडर और उनके सहयोगियों को सेल्यूट है जिन्होंने अंजाम की परवाह किए बिना अपने कर्तव्य का निर्वाहन किया। यदि कोई थोड़ा सा भी लालची इंसान होता है तो वह इस सारे प्रकरण में लाखों नहीं करोड़ों कमा सकता था। परंतु ऐसे कर्मठ और निष्ठावान तथा कर्तव्य के प्रति सजगता रखने वाले अधिकारियों को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए ,जो इतनी बड़ी -बड़ी हस्तियों पर हाथ डालते हैं और झुकते नहीं ।
जबकि कुछ लोग लाखों करोड़ों की बात छोड़ो चंद सैकड़ों रुपए के लिए अपना दीन ईमान बेच देते हैं। सचमुच ऐसे अधिकारी इस देश की धरोहर हैं और वह सम्मान के अधिकारी हैं जो कर्तव्य निर्वहन करते हुए बड़े से बड़े दबाव के आगे भी झुकते नहीं ऐसे इंसानों से नहीं डरते जो बड़े से बड़े वकीलों को एक कॉल पर बुला सकता हो बड़े से बड़े राजनेताओं को झुका सकता हो ऐसे इंसानो के आगे ना झुक कर वे सचमुच एक उदाहरण पेश करते है ।वरना आजकल इस लोकतंत्र में चमचागिरी के आधार पर लोग कहीं से कहीं पहुंच जाते हैं और दो टके में बिक भी जाते हैं। परंतु इन अधिकारियों ने अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा रखी और झुके नहीं। ऐसा नहीं है कि उन्हें कोई ऑफर नहीं आया होगा या उन्हें झुकाने की कोशिश नहीं की गई होगी उन्हें डराने और धमकाने की कोशिश नहीं की गई होगी या उन्हें लालच में फंसाने की कोशिश नहीं की गई होगी सच क्या है झूठ क्या है यह तो अदालत तय करेगी परंतु इन अधिकारियों को सचमुच में सरकार को सम्मान देना चाहिए। सरकार इन्हें सम्मानित करें ना करें परंतु आम नागरिकों को इन्हें सम्मान देना चाहिए उनका सत्कार करना चाहिए।

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