कई राज्यों में स्कूल खोले जा चुके हैं वहीं अगस्त महीने में केवल आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूल खुलने की संभावना है, ये जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सोमवार को लोकसभा में दी है.
देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जहां कमजोर पड़ रही है तो वहीं तीसरी लहर की संभावना भी बनी हुई है. इन सबके बीच एक बार फिर से देश के कई राज्यों में लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील के साथ स्कूल-कॉलेज भी खोल दिए गए हैं. वहीं कई अन्य स्कूल-कॉलेज आने वाले दिनों में खोलने जा रहे हैं. इस महीने यानी अगस्त महीने की बात करें तो केवल आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूल खुलने की संभावना है, ये जानकारी सरकार ने सोमवार को लोकसभा में दी है.
शिक्षा मंत्रालय ने लोकसभा में स्कूल खोलने को लेकर जानकारी दी
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा लोकसभा में शेयर किए गए एक लिखित उत्तर के अनुसार, लक्षद्वीप, पुडुचेरी, नागालैंड, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश ने 2 अगस्त से स्कूलों को फिर से खोल दिया है. वहीं आंध्र प्रदेश में 16 अगस्त तक स्कूल फिर से खुलने की संभावना है. वहीं केंद्र शासित प्रदेशों में सिर्फ लक्षद्वीप और पुडुचेरी ने सभी क्लासेज के लिए फिर से स्कूल खोले हैं. बाकी ने केवल कक्षा 9 और उससे ऊपर की क्लासेज के लिए मंजूरी दी है.
गोवा, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल आदि उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं जिन्होंने 2 अगस्त तक स्कूल नहीं खोले हैं.
मंत्रालय ने कहा कि इस महीने के अंत तक कई राज्य स्कूल खोल देंगे
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस नेता शशि थरूर के एक सवाल के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि नागालैंड में पहले ही 26 जुलाई से 11वीं और 12वीं के स्कूल खोल दिए गए थे. हरियाणा में भी 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए 16 जुलाई से स्कूल फिर से खुल गए हैं. वहीं इस महीने के पहले सप्ताह में लक्षद्वीप में सभी ग्रेड्स के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं. 2 अगस्त को पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 10वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं. बाकी के राज्यों द्वारा इस महीने के अंत तक स्कूल खोले जा सकते हैं.
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते, शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा और खेल पर संसदीय स्थायी समिति ने एक रिपोर्ट में कहा था कि स्कूलों को बंद करने की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए और स्कूलों को फिर से खोलने के लिए एक संतुलित, तर्कसंगत दृष्टिकोण लिया जाना चाहिए.