आंखों के आप्रेशन के बाद ध्यान देने योग्य बातें :-
दवाई निर्देशानुसार नियमित रूप से प्रयोग करें।
दवाई डालने की विधि :
* सबसे पहले साबुन से हाथ धो लें। गाढ़ी दवाई को अच्छी तरह हिला कर ही डालें। एक बार में एक बूंद डालना ही काफी है। डालते समय निचली पलक को नीचे की ओर खींचे और खाली जगह बना कर उसमें दवा की बूंद डालें। यह ध्यान रखें कि दवा की बोतल आंख को न छुऐं।
* दवा की नई बोतल खोलते समय उसके ढक्कन को कस कर बंद करने से उसमें छेद बन जाता है। उसके बाद अलग से छेद करने की जरूरत नहीं है। *यदि दो प्रकार की दवाई हो तो एक बूंद डालने के कम से कम पांच मिनट
बाद ही दूसरी दवा डालें। * आंखों को न मलें। दिन के समय काली ऐनक लगाएं व रात को प्रथम सप्ताह तक हरी शील्ड का प्रयोग करें।
* पहले दो सप्ताह तक आंखों पर सीधा पानी न डालें। गीले कपड़े से चेहरे को साफ रखें। दाढ़ी बना सकते हैं। गले से नीचे शुरू से ही नहाया जा सकता है। * रोजमर्रा का काम जैसे चलना-फिरना, पढ़ना, टेलीविजन देखना शुरू से ही किया जा सकता है। लेकिन भारी काम जैसे भागना, व्यायाम या खेतीबाड़ी 1 महीने तक न करें। गाड़ी डॉक्टर की सलाह के बाद ही चलाएं धूम्रपान व शराब पीने से नुक्सान हो सकता है।
* खाने पीने का विशेष परहेज नहीं है। पहले से किसी और बीमारी का परहेज करते हैं तो उसे जारी रखें। * काम पर जाने से पहले चिकित्सक की सलाह ले लें।
* आंखों में थोड़ी बहुत लाली, चुभन, चौंध या पानी आना सामान्य है और इरासे परेशान न हों परन्तु अचानक बहुत दर्द, लाली या दृष्टि कम हो जाने की स्थिति में शीघ्र नेत्र चिकित्सक के पास जाएं।