सरकार द्वारा 259 वस्तुओं पर की जाने वाली फ़ीस वसूली  हिमाचल की जनता और व्यापारियों से सरासर अन्याय : सुमेश शर्मा, अध्यक्ष,  हिमाचल प्रदेश व्यापार मंडल

0
सरकार द्वारा 259 वस्तुओं पर की जाने वाली फ़ीस वसूली  हिमाचल की जनता और व्यापारियों से सरासर अन्याय : सुमेश शर्मा, अध्यक्ष,  हिमाचल प्रदेश व्यापार मंडल
PALAMPUR
VED PARMAR

VED PARMAR
Correspondent
प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुमेश शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री वरिंदर कंवर जी को हिमाचल प्रदेश की अनुसूची के प्रस्तावित प्रतिस्थापन कृषि और बागवानी उत्पाद (विपणन विकास और विनियमन) के विरुद्ध आपत्ति दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा कि आधिकारिक राजपत्र में मार्किट फीस एक्ट में कुछ प्रस्तावित संशोधन किए गए थे जिस के लिए 6 जनवरी तक आपत्तियां मांगी गई थीं ।
उन्होंने कहा कि  सभी हिमाचल के व्यापार मंडलों और  लघु उद्योग संघ ने कृषि मंत्री , कृषि सचिव और कृषि निदेशक को इस के लिए आपत्तियां लिखित रूप से भेज दी हैं। उन्होंने बताया कि एच.पी.एम सी एक्ट में संशोधन करके  गेहूं , मक्का और तिलहन से निर्मित उत्पादों, आटा, खाद्य तेल और दूध इत्यादि वस्तुओं को भी इस एक्ट में शामिल किया गया है जो बिल्कुल असंवैधानिक है क्योंकि इस से कई वर्ग के लोगों को प्रभाव पड़ेगा।
सुमेश शर्मा ने बताया कि  इस से पहले लिस्ट में सिर्फ 132 वस्तुओं पर मार्किट फीस  थी, जो अब नई लिस्ट के मुताबिक  259 वस्तुओं पर वसूल की जाएगी जो हिमाचल की जनता और व्यापारियों से सरासर अन्याय है। इस से हिमाचल के व्यापारियों और आम जनता पर आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा।
उन्होंने कहा है कि सभी व्यापारियों को व्यापार करना बहुत मुश्किल हो रहा है खास करके जो लोग बॉर्डर पर काम कर रहे हैं उन सभी का कारोबार बहुत ही प्रभावित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन और मल्टी स्टोर्स खुलने से पहले ही व्यापारियों का कारोबार  कम हो गया है।
उन्होंने कहा  है कि अन्य प्रदेशों में सिर्फ कुछ ही वस्तुओं पर मार्केट फीस लगती है और वो भी किसी मंडी या मार्किट, यार्ड के अंदर बिकने बाली वस्तुओं पर ही जबकि हिमाचल सरकार ने पूरे प्रदेश को ही यार्ड  घोषित करते हुए सभी मार्केटों से फीस चार्ज की जा रही है तथा जगह जगह हर जिला में मार्केट फीस के बैरियर लगाए हुए हैं ।  

व्यापार मंडल प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से इस नए प्रस्तावित संशोधित कानून को खत्म करने का अनुरोध किया है और कहा है कि कृषि मंत्रालय व्यापारियों एवं अन्य हितधारकों से  मिलकर एक समिति का गठन करे ताकि आगामी  महत्वपूर्ण निर्णय मिल-बैठ कर किये जा सकें।

Leave A Reply

Your email address will not be published.