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आज स्नो फ़ेस्टिवल आयोजन के लिए गठित समिति की बैठक करते हुए पंकज रॉय ने जानकारी दी की लाहौल-स्पीति की क़बायली कला-संस्कृति व घाटी में मनाए जाने वाले उत्सवों को एक ही पटल के माध्यम से विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
इसके लिए मीडिया व सोशल मोडिया के माध्यम से स्नो-फेस्टिवल में परंपरागत खेलों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। शीत मरुस्थल लाहुल घाटी में पहली बार स्नो फेस्टिवल मनाया जा रहा है। 25 जनवरी को हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था। इस शुभ दिन ही तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉक्टर रामलाल मार्कण्डेय ज़िला मुख्यालय केलांग में विंटर फेस्टिवल का विधिवत शुभारंभ करेंगे। हर घाटी व गांव में स्नो फेस्टिवल की धूम रहेगी। ग्रामीण अपनी-अपनी संस्कृति अनुसार इन उत्सवों का आयोजन करेंगे।
उन्होंने कहा कि इसके लिए आयोजन समिति की बैठक कर विभिन्न उपसमितियां गठित की गई हैं। घाटी के स्तर पर उपसमितियां अपना कार्य कर रही हैं।अटल टनल रोहतांग ने जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति की लाहुल घाटी व चंबा जिला की किलाड़ घाटी के लिए समृद्धि व खुशियों के द्वार खोल दिए हैं। लोगों के लिए अटल टनल रोहतांग वरदान सावित हुई है। लाहुल घाटी के फागली, हालडा, लोसर, कुन्स, जुकारु, गोची, पूना, लामोही जैसे प्रमुख त्यौहार हैं। यह सभी त्यौहार सर्दियों में ही मनाए जाते हैं और हर जगह इनके मनाने का रिवाज
डीसी लाहुल स्पीति पंकज राय ने कहा कि हर साल घाटी के लोग सर्दियों में विभिन्न त्यौहार आयोजित करते है लेकिन इस साल लाहुल -स्पीति प्रशासन इन सब त्योहारों को एक मंच पर लाने जा रहा है। यह स्नो फ़ेस्टिवल लगभग लगभग दो महीने चलेगा। हर गांव में पहले जैसे ही उनकी संस्कृति के मूल स्वरूप में ही इन त्योहारों को मनाया जाएगा। और इन सभी त्योहारों को मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से देश विदेश तक पहुंचाया जाएगा, आने वाले समय में हर त्योहार को पर्यटन से भी जोड़ा जाएगा।
तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ रामलाल मार्कण्डेय ने कहा कि वे अपने पांच दिवसीय दौरे पर 24 जनवरी को केलांग पहुंचेंगे। वे 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की अध्यक्षता, 27 जनवरी को उदयपुर में स्नो फ़ेस्टिवल का शुभारम्भ, तथा अन्य कार्यक्रमों में शरीक होंगे।डॉ मार्कण्डेय ने कहा घाटी में विंटर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा। आने वाले समय मे सर्दियों में भी पर्यटक घाटी में आ सके और यहां के रीति-रिवाज व संस्कृति से रूबरू हो सके इन सब बातों को ही ध्यान में रखकर इस उत्सव को मनाया जा रहा है। अटल टनल से लाहुल घाटी में पर्यटन को बढ़ावा मिला है। स्नो सीजन को बढ़ावा देने की दिशा में भी प्रशासन बेहतर प्लान तैयार कर रहा है। गर्मियों के मौसम में उमड़ने वाले सैलाब को देखते हुए भी प्लान बनाया जा रहा है ताकि देश विदेश का पर्यटक शांति पूर्वक समस्त मूल भूत सुविधाओं के साथ लाहुल घाटी का भ्रमण कर सके।
*EDITOR-in-CHIEF*
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MISSION AGAINST CORRUPTION, N.G.O.
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