देश में बर्ड फ्लू से पहली मौत होने का मामला सामने आया है। दिल्ली एम्स में भर्ती 11 वर्षीय एक बच्चे ने संक्रमण के चलते दम तोड़ दिया। बच्चे की मौत एक दिन पहले हो चुकी है लेकिन मंगलवार को संक्रमण की रिपोर्ट मिलने के बाद देश के दो अलग-अलग वैज्ञानिक दलों को सक्रिय कर दिया है। वहीं सरकार ने हाई अलर्ट भी जारी कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, बच्चा बीते दो जुलाई को एम्स के डी-5 वार्ड में भर्ती हुआ था। यहां हालत बिगड़ने पर उसे पहले आईसीयू और फिर वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन बीते सोमवार को उसकी मौत हो गई। जांच रिपोर्ट मंगलवार दोपहर को आई तो एम्स में हड़कंप मच गया।
आनन-फानन इलाज करने वाली पूरी टीम को आइसोलेट कर दिया गया। वहीं बच्चे के सैंपल की जांच पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी) और नई दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) ने की और उसे पॉजिटिव बताया।
फिलहाल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाई अलर्ट जारी किया है। बच्चे के पूरे परिवार और संपर्क में आने वालों को आइसोलेशन में रखा गया है। साथ ही इनकी पहचान गोपनीय रखी है। कहा जा रहा है कि जब तक सर्विलांस पूरा नहीं होगा, तब तक पहचान सार्वजनिक नहीं की जा सकती लेकिन एम्स के सूत्रों का कहना है कि बच्चा किसी बाहरी राज्य का निवासी था, वह दिल्ली का निवासी नहीं था।
एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि एवियन फ्लू न सिर्फ तेजी से फैलता है बल्कि यह उच्च जोखिम वाला संक्रमण भी है जिसकी मृत्युदर काफी अधिक है। सालाना देश में पांच हजार के आसपास ऐसे मामले आते हैं लेकिन इस साल का यह पहला केस सामने आया है। यह संक्रमण पक्षियों के अलावा इंसानों में भी तेजी से फैलता है।
एनसीडीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परिवार का अन्य कोई सदस्य बीमार है लेकिन जांच रिपोर्ट के आधार पर आइसोलेट किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने तीन राज्यों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं लेकिन इन राज्यों की पहचान फिलहाल नहीं बताई है। ताकि अभी किसी पैनिक स्थिति होने से बचा जा सके।
दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि H5N1 संक्रमण पक्षियों में बहुत तेजी से फैलता है। इसलिए इसे बर्ड फ्लू के नाम से भी जानते हैं। यह इंसानों में भी तेजी से फैलता है और कोरोना वायरस की तरह यह संक्रमण भी एक से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है।
इस वायरस की पहली बार पहचान 1996 में चीन में की गई थी। इस वायरस की चपेट में आने से पक्षियों की मौत हो जाती है। भारत में यह ऐसा पहला मामला है जब किसी इंसान की मौत इस संक्रमण से हुई है।
इसी साल दिल्ली में बीते जनवरी माह में एवियन इन्फ्लूएंजा के कई मामले आए थे। तब लाल किले में 14 कौवे और संजय झील में चार बत्तख मरी मिलीं थी। लैब में भेजे आठ नमूनों में सबकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
कुछ साल पहले हुए वैज्ञानिक अध्ययन में पता चला था कि बर्ड फ्लू का वायरस बदलकर ऐसा रूप ले सकता है कि वो इंसानों के बीच तेजी से फैल सके। यानी कोरोना की तरह इस संक्रमण में भी म्यूटेशन हो सकते हैं। जिसके कारण यह तेजी से फैल सकता है।
एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कुछ दिन पहले बच्चा एम्स में भर्ती हुआ था। उसकी हालत काफी गंभीर थी। बच्चा ल्यूकेमिया के अलावा निमोनिया की चपेट में भी आ चुका था जिसके चलते उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। फिलहाल बच्चे की एच5एन1 को लेकर रिपोर्ट पॉजीटिव आई है और इसे लेकर आगे की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।