उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर जारी है. हमीरपुर जिले के लगभग 100 गांव पानी में डूब चुके हैं. बाढ़ग्रस्त इलाकों में घरों के भीतर पानी घुस गया है. जान बाचने के लिए के लिए लोगों को अपने घरों को छोड़कर ऊपरी इलाकों में जाना पड़ा है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें जरूरी चीजें भी नसीब नहीं हो रही हैं. बाढ़ की चपेट में कई घर जमींदोज भी हो गए हैं.
बाढ़ की वजह से बीमारियां भी बढ़ी हैं लेकिन लोगों तक न डॉक्टर पहुंच पा रहे हैं, न हीं दवाइयां मिल रही हैं. लोगों का कहना है कि खाना तो पहुंच जाता है लेकिन राशन की किल्लत लगातार बनी हुई है. गांवों में बिजली पूरी तरह से ठप है, जिसकी वजह से राहत शिविरों में भी अंधेरा ही रहता है.
हमीपुर के बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत और बचाव कार्य जारी है. जिनके घर डूबे हैं उन्हें, अलग रख कर खाना देने का काम किया जा रहा है. वहीं, जानवरो के लिए भी व्यवस्था की गई है, जिन्हें चारा दिया जा रहा है. यमुना और बेतवा नदियों के उफान पर होने की वजह से अभी राहत मिलती नजर नहीं आ रही है.
बीजेपी जिलाध्यक्ष पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा
हालांकि, जब बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के जिला अध्यक्ष ब्रज कुमार गुप्ता पहुंचे तो लोग गुस्से में आ गए. ग्रामीणों ने उन पर ही आरोप लगाया. ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें खाना तो मिल रहा है पर राशन की कोई व्यवस्था नहीं है. उनके सवालों के सामने जिला अध्यक्ष घबराए से नजर आए और डीएम से व्यवस्था कराने की बात कह चल दिए.
प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव कार्य जारी
हमीरपुर के एसपी कमलेश दीक्षित ने आजतक से बातचीत में कहा कि बाढ़ की त्रासदी में पुलिस का मानवीय चेहरा नजर आता है. उन्होंने कहा कि लगातार पुलिस और प्रशासन बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य चला रही है. एसडीआरएफ की टीमें भी काम में बचाव कार्यों में जुटी हैं.