नई नगर निगम तो बने मगर पुरानी बनी नगर निगमों की दुर्दशा पर काश चर्चा भी होती : प्रवीण कुमार, पूर्व विधायक
19 नवम्बर को मंगलवार को पालमपुर में
नई नगर निगम भी बने ओर बनी नगर निगम की दुर्दशा पर भी मन्त्रिमण्डल में चर्चा होती :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक...
यह प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने कहा कि मन्त्रिमण्डल की बैठक में बददी, ऊना व हमीरपुर को नगर निगम बनाने का निर्णय लिया गया।
इसी के साथ बेहतर होता केविनट मीटिंग में बनी नगर निगमों की दुर्दशा के ऊपर भी चर्चा होती ।
पूर्व विधायक ने सुक्खू सरकार को स्मरण करवाते हुए कहा जव जय राम शासन काल के दौरान मन्त्रिमण्डल में पालमपुर को नगर निगम बनाने का निर्णय लिया गया था तो प्रदेश के इन्ही सरकार के सत्ताधारी नेताओं ने चीख चीख कर ढिढोंरा पीटना शुरू कर दिया था कि अव तो हर घर , घराल, गली , पशुओं , विजली , पानी पर टैक्स लगेगा , मनरेगा खत्म हो जाएगी ।
परिणामस्वरूप इस तरह उकसाई गई जनता सड़कों पर उतर आई थी । अन्ततोगत्वा तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर जी को घोषणा करनी पडी थी कि नगर निगम के क्या फायदे हैं निकट भविष्य में जनता सोचने पर मजबूर होगी ।
ऎसे में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि पांच वर्ष तक सरकार नगर निगम के दायरे में आने वाली पंचायतों के ऊपर किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन सुक्खू सरकार ने आते ही जहाँ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की लोकप्रिय योजनाओं में से एक जल जीवन मिशन के अन्तर्गत जल शक्ति विभाग द्वारा पूरे भारत वर्ष में हर घर नल लगाया जा रहा है वहीं नगर निगम के क्षेत्र में इसी नल के हर घर से 1650 रुपये विभाग ने वसूले जा रहे हैं ।
यही नहीं जय राम सरकार द्वारा लगाई गई स्ट्रीट लाईटें ख़राब पड़ी हैं ।
मसलन के तोर पर नगर निगम के प्रवेश द्वार चिम्बलहार से लेकर पालमपुर तक अधिकांश लाईटें रात के अंधेरे में जगती ही नहीं है।
गलियों , नालियों में नगर निगम एक एक सप्ताह के बाद झाड़ू लगवाती है। सीवरेज अर्थात मल निकासी की व्यवस्था पर किसी प्रकार का कोई चिन्तन मनन नहीं उल्टा नगर निगम ने जहां सार्वजनिक शौचालय बनवाये करोड़ो रुपये बर्बाद करके रख दिये । पूर्व विधायक ने कहा वे नई निगम बनाने के कतई विरोधी नहीं हैं लेकिन इस तरह के अनेकों उदाहरण हैं । ऎसे में बेहतर होता सुक्खू सरकार नगर निगम बनाने की प्रतिस्पर्धा के चलते जो नगर निगम बनी हैं। वहाँ की जनता को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के ऊपर भी मन्त्रिमण्डल में व्यापक एवं विस्तृत चर्चा करके खाका तैयार करती।