हमारी जाति और धर्म – “हिन्दुस्तानी
जाति और धर्म इन्सान को मानसिक रूप से बांधने के लिए और समज में सामंजस्य स्थापित करने के लिए बनाए गए थे लेकिन समय के साथ जो शक्तिशाली हो गए उन्होंने व्यवस्था को अपने अनुरूप बना लिया।
लेकिन आज *जातिवाद से कहीं ज्यादा ख़तरनाक है ‘वर्गवाद’।*
*1. अमीर वर्ग*
*2. गरीब वर्ग*
*अमीर वर्ग किसी भी जाति का हो, उसे कोई Problem नहीं होती।*
*गरीब वर्ग किस भी जाति का हो, उस की Problem खत्म ही नहीं होती।*
इसलिए *जातिवाद से कहीं ज्यादा आवश्यकता है ‘वर्गवाद’ से लड़ने की।* नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, आंबेडकर व अन्य देशभक्त नेताओं के अनुसार पूर्ण आजादी तब तक नहीं कही जा सकती जब तक राष्ट्र में सामाजिक, आर्थिक और नैतिक समानता नहीं आ जाती। सभी के लिए एक कानून व्यवस्था जमीनी स्तर पर नहीं उतारी जाती है।
*हम ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस’ की विचाराधारा और उन के सपनों का हिन्दुस्तान बनाने के संघर्षरत हैं।* आप सभी से *’नेताजी सुभाष चंद्र बोस’ की ‘ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लाक’* से जुड़ कर राष्ट्र के चहुंमुखी विकास व संगठित समाज के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
*जय हिन्द*
*जेजे सिंह*
*आजाद हिन्द*
*फॉरवर्ड ब्लाक*