फोरलेन के दायरे में आने वाले प्रभावित दुकानदारों की पत्र में वर्णित तथ्यों के आधार पर एस डी एम व परियोजना अधिकारी एन एच ए आई करे मदद :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक
फोरलेन के दायरे में आने वाले प्रभावित दुकानदारों की पत्र में वर्णित तथ्यों के आधार पर एस डी एम व परियोजना अधिकारी एन एच ए आई करे मदद :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक

आज पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने फोर लाईन के दायरे में आने वाले दरंग क्षेत्र के प्रभावित दुकानदारों के साथ एस डी एम पालमपुर सुश्री नेत्रा मेते जी से मिलकर वर्णित तथ्यों के आधार पर इस तरह पक्ष रखा । पूर्व विधायक ने एस डी एम महोदया को अवगत करवाते हुए कहा कि जव वह वर्ष 1991 में ग्रांम पंचायत दरंग अन्तर्गत खण्ड विकास कार्यालय भवारना के सबसे कम आयु के प्रधान बने थे । उस वक्त विकास कार्य करवाने लिए पंचायत के पास एक ईंच भूमि शामलात देह तक नहीं थी । सर्वत्र कब्जा वन विभाग लगा था । यहाँ तक कि उस वक्त इस पंचायत क्षेत्राधिकार के साथ गुजरते राष्ट्रीय उच्च मार्ग 20 अव यह 154 बन गया है। यहाँ राष्ट्रीय उच्च मार्ग के साथ ये सभी वर्षों से अपनी अपनी दुकानदारी चलाकर जीविका कमा रहे थे। उस वक्त वन विभाग आए दिन इन दुकानदारों को बहुत तंग कर दुकानें उखाडने की धमकी देता था । पूर्व विधायक ने बताया कि उस वक्त वन विभाग के इस तरह के रुख से आहत ग्रांम पंचायत का मुखिया होने के नाते चिन्ता सता रही थी कि कहीं वन विभाग का बुल्डोजर चला तो इन सभी की रोजी रोटी खत्म हो जाएगी । अन्ततोगत्वा बतौर पंचायत प्रधान पटवार वृत दरंग का राजस्व अभिलेख खंगाला ओर बन्दोवस्त से पूर्व जमाबन्दी 1965 को आधार मानकर राजस्व अभिलेख में दर्ज तह जमीन वर्तनदरान के इस रिकॉर्ड की नियमानुसार प्रतियां ली । तत्पश्चात पालमपुर कोर्ट के सुप्रसिद्ध अधिवक्ता एडवोकेट सुदेश शर्मा जी के साथ भू व्यवस्था अधिकारी कांगड़ा स्थित धर्मशाला के कार्यालय में दुरुस्ति अन्दराज का मामला दर्ज करके गलत अन्दराज को चुनौती दी । पांच साल तक केस लड़ा अन्ततः लम्बी सुनवाई के उपरांत उस वक्त के भू व्यवस्था अधिकारी जो की वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव हैं । श्री प्रबोध सक्सेना जी ने 31 अक्टूबर 1996 को अपना एतिहासिक फैसला देते हुए इस जमीन के स्टेटस को वर्तनदारान/ बंजर कदीम करार दिया । पूर्व विधायक ने बताया इस तरह इस जमीन को वन विभाग से छुडाकर इन सभी दुकानदारों को वन विभाग से मुक्ति दिलाई । उसके उपरांत इन्ही दुकानों के साथ दा कृषि सहकारी सभा , पशु चिकित्सालय व शानदार बहुउद्देशीय भवनो के अतिरिक्त विधुत उप केन्द्र दरंग जैसे विकासात्मक कार्यो को दिशा मिली । पूर्व विधायक ने बताया वर्ष 1998 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार धूमल जी की सरकार में राजस्व मन्त्री डॉ॰ राजन सुशान्त जी अवैध कब्जों के नियमितिकरण की नीति लेकर आए। इसके अन्तर्गत इन सभी दुकानदारों ने भी अपनी अपनी दुकानों के नियमितिकरण के लिए आवेदन किये । पूर्व विधायक ने बताया प्राप्त जानकारी के मुताबिक अवैध कब्जा नियमितिकरण को लेकर एक मामले में मान्य उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश दिये हैं जो कि लम्बित हैं। कुल मिलाकर पूर्व विधायक ने उप मण्डल अधिकारी ( ना ) पालमपुर व परियोजना अधिकारी एन एच ए आई स्थित चिम्वलहार ( पालमपुर ) का ध्यान पत्र में वर्णित तथ्यों की ओर दिलाते हुए कहा है कि जिस तरह आज से 34 वर्ष पहले इन दुकानदारों को वन विभाग की धमकी मिलती थी आज उसी तरह फोर लाईन वाले इन दुकानदारों को इन दुकानों के ऊपर बुल्डोजर चलाये जाने की बार बार धमकी दे रहे है। पूर्व विधायक ने कहा माना की तह जमीन मालिक प्रदेश सरकार है , लेकिन इस पर वर्तनदरानो का भी समानान्तर मालिकाना हक है। ऐसे में इन दुकानदारों को जीविका से बेधर करने से पहले इनके पुनर्वास की व्यवस्था या दुकानों के स्टक्चर का उचित मुआवजा दिया जाए । जिससे कि ये सभी कहीं ओर अपना अपना जीवन यापन शुरु कर सकें ।