Eye Hospital आरोपों के घेरे में, पालमपुर बाजार में नया खुला यह अस्पताल हिम केयर की आड़ में इमोशनल ब्लैकमेल करके हर रोगी से 8 हज़ार रुपये वसूल कर कूट रहा चांदी, मुख्यमंत्री से लोगों ने लगाई गुहार
“न काहू से दोस्ती
न काहू से वैर”
पालमपुर
एक ओर जहां अपने प्रमुख पुराने आई हॉस्पिटलों के बंद होने पर उनसे टूट कर अनेक डॉक्टर गली-कूचों और दूर-दराज़ के गांवों में छोटे-छोटे क्लिनिक खोलकर उन्हें आई हॉस्पिटल्स का नाम देकर रोगियों से प्रतिमाह लाखों रुपए लूट कर चांदी कूट रहे हैं।
ऐसा ही एक आई क्लिनिक जोकि छोटे-मोटे उपकरण लगा कर छोटी सी बिल्डिंग में थोड़े से स्टाफ के सिर पर आई हॉस्पिटल चलाने का दावा करके मासूम गरीब रोगियों को खूब चूना लगा रहा है।
मामला कुछ इस प्रकार है …
कर्ग आई हॉस्पिटल (fictitious name) नज़दीक विशाल मेगामार्ट जोकि रोगियों के अभाव में जैसे-तैसे अपने हॉस्पिटल का खर्चा निकालने का प्रयास कर रहा है, कथित आरोपों के घेरे में है।
कुछ रोगियों और उनके अभिभावकों ने लिखित रूप से इंडिया रिपोर्टर टुडे को बताया कि जब वह हिमाचल प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हिम केयर के तहत आंखों का ऑपरेशन करवाने के लिए उक्त आई हॉस्पिटल में गए तो अस्पताल मालिक डॉक्टर ने पहले हिम केयर योजना की खूब बदनामी की, उनकी कॉउंसलिंग करते। हुए हिम केयर योजना की जम कर कमियां गिनाईं और 16 हज़ार रुपये की मांग की, एक आंख के सफेद मोतिया का आपरेशन करने के, लेकिन रोगी इतने गरीब थे कि उन्होंने 16000 रुपये देने से इन्कार कर दिया। तब डॉक्टर ने उन्हें यह कह कर कन्विन्स करना चाहा कि आप 8 हज़ार दे दो बाकी के 8 हज़ार हम हिम केयर योजना के तहत सरकार से वसूल कर लेंगे, अगर सरकार से मिले तो…वरन कोई आशा नहीं है सुक्खू सरकार से।
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बाकी सभी आई अस्पतालों का भी यही हाल है। अंत में उन्होंने आई हॉस्पिटल मारंडा की शरण ली जहां अस्पताल के जीएम राघव शर्मा ने उनकी दिक्कत को समझ कर मजबूर रोगियों का आपरेशन मुफ्त में करवा दिया हालांकि जानकारी के मुताबिक 3 करोड़ से अधिक रोटरी आई हॉस्पिटल का हिम केयर योजना के अंतर्गत सरकार के पास लंबित पड़ा है।
लोगों ने हिमाचल प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया है कि इन तमाम निजी आई क्लीनिक जो आई हॉस्पिटल होने का दावा करके गरीब रोगियों को लूट रहे हैं, और सरकार की बदनामी करके अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं, उन पर शिकंजा कसा जाए तथा उन्हें हिम केयर योजना के अंतर्गत उपचार करने हेतु बाध्य किया जाए ताकि प्रदेश के गरीब लोगों को राहत मिल सके।