आम आदमी पार्टी हिमाचल में एडवोकेट राजिन्द्र घोघरा ने भरा नया जोश, बोले मुझ 73 वर्षीय बुजुर्ग को देखो जो रोजाना दो घन्टे पार्टी को अवश्य देता हूँ

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एडवोकेट राजिन्द्र घोघरा ने कहा

…..पहले हम लोग बोल रहे थे कि संगठन नहीं बन रहा। अब संगठन बन गया तो “मुझे संगठन में शामिल क्यों नहीं  किया”। बात बनी नहीं।
मैं भी संगठन में किसी पद पर नहीं हूं और यदि होता तो क्या होता। यदि नहीं हूं तो क्या हो जायेगा। सरकार बनाना घर चलाने से कहीं बहुत बड़ा काम है।

यदि ये सोचूं कि मेरे नहीं होने से कुछ नहीं होगा तो ये मेरी गलतफहमी होगी।
कुछ कार्यकर्ता पार्टी को छोड़ देने तक की बात कर रहे हैं। बात इसी लिए हो रही है क्योंकि उन्हें सगठन में स्थान नहीं मिला।

ऐसा कभी सोचो भी मत।
जागो, उठो और तब तक चैन से मत बैठो जब तक मंजिल हासिल नहीं होती। जिस जज्बे से पार्टी में आए थे, वही जजवा बनाए रखो। जीत हमारी होगी। केवल और केवल 68 कार्यकर्ता ही तो चुनाव लडेंगे। वही जीतेंगे या फिर हमारी अपनी लड़ाई में हार जायेंगे। सोचो हमारी सालों की मेहनत अधीर होने के कारण मिट्टी में मिल जाएगी।
किसी ने लिखा था,
मंजिल मिले मिले न मिले ये किस्मत की बात है।
मंज़िल की जुस्तजू में मेरा कारवां तो हो।

दोस्तो उठो और आगे बढ़ो। जीत हमारी होगी लेकिन होगी आपके और मेरे जैसे लोगों के सहयोग से ही।
नए आए कार्यकर्ताओं को साथ लेकर आगे बढ़ना है।
मैं 73 साल का बूढ़ा अभी भी कमर कस कर तैयार ही नहीं बैठा हूं। रोज़ दो घंटे के लिए पार्टी का काम करने निकलता हूं। लोगों को पार्टी की गतिविधियों बताया करता हूं। यही सोच कर कर रहा हूं कि यदि बीस लोगों से बात करने पर दो को भी ठीक से जोड़ लूंगा तो वही दो भी काम में लग जायेंगे।
पार्टी ने यदि बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी तो क्या हो गया। पार्टी केवल ओहदेदारों की थोड़ी है। हमारी तो उनसे भी ज़्यादा है।
उठो अपने सपनों को साकार करने के लिए, हिमाचल प्रदेश में एक अभूतपूर्व सफ़ल सरकार बनाने के लिए।
लोग हमारी ओर देख रहे हैं। उन्हें दिखो और साथ मांगो। कुछ महीनों को बात रह गई है
इतने साल विपरीत परिस्थितियों में लगे रहे हैं। दो चार पांच छे महीने की बात रह गई है
हिम्मत से काम लो। भागो मत। डट कर काम करो और अपनी पार्टी को जीत सुनिश्चित करो।

राजिंद्र घोघरा,
पालमपुर।

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