मुख्यमंत्री ने गोरखा कल्याण बोर्ड की 15 वीं बैठक की अध्यक्षता की
संवेदनशील एवं वंचितों के उत्थान पर विशेष बल देना प्रदेश सरकार का मुख्य ध्येय है
मुख्यमंत्री ने गोरखा कल्याण बोर्ड की 15 वीं बैठक की अध्यक्षता की
INDIA REPORTER NEWS
DHARAMSHALA : Dr. K.S. SHARMA
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला से वर्चुअल माध्यम द्वारा आयोजित गोरखा कल्याण बोर्ड की 15 वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के हर वर्ग का कल्याण और संवेदनशील एवं वंचितों के उत्थान पर विशेष बल देना प्रदेश सरकार का मुख्य ध्येय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखा समुदाय देश की सीमाओं की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। उन्होंने कहा कि युद्धों और विभिन्न अभियानों के दौरान उनकी बहादुरी के किस्से युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग की पहचान के लिए हिमाचल प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का कल्याण और विकास तभी संभव है, जब समाज के हर वर्ग का कल्याण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि गोरखा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में शामिल किया गया है ताकि सरकारी सेवाओं में उनका पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।
जय राम ठाकुर ने कहा कि क्रीमी लेयर की आय सीमा 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये प्रति वर्ष की गई है ताकि विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि इससे इस श्रेणी केे युवाओं के लिए बेहतर व्यवसाय और रोजगार के अवसर सुनिश्चित होंगे। उन्होंने कहा कि इस बोर्ड का मुख्य उद्देश्य गोरखा समुदाय का विकास और कल्याण सुनिश्चित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में जिन विषयों को उठाया गया और चर्चा की गई उनका शीघ्र समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धर्मशाला में शहीद राइफलमैन अंकित प्रधान की याद में एक स्मृति द्धार बनाने के अनुरोध पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सरकारी नौकरियों में प्रथम और द्वितीय श्रेणी के पदों में 12 प्रतिशत और तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए 18 प्रतिशत आरक्षण प्रदान कर रही है।
जय राम ठाकुर ने गोरखा समुदाय से प्रदेश को देश के सबसे विकसित राज्यों में से एक बनाने के लिए राज्य सरकार को अपना पूर्ण सहयोग देने का आग्रह किया। उन्हांेने जिला प्रशासन को लोगों की शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निवारण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने कहा कि गोरखा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में रखा गया है और विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कई प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता संजय गुप्ता ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता कृतिका कुलहारी ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
वन मंत्री राकेश पठानिया और विधायक विशाल नेहरिया ने धर्मशाला से और गोरखा कल्याण बोर्ड के सदस्यों ने भी अपने-अपने स्थान से वर्चुअल माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया।
मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव जेसी शर्मा, सचिव देवेश कुमार, संदीप भटनागर, अमिताभ अवस्थी और राजीव शर्मा, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन डॉ. सविता, आयुक्त उद्योग हंसराज शर्मा शिमला में बैठक में उपस्थित रहे।