डॉ. राम कुमार सूद को हिमाचल प्रदेश के महामहिम गवर्नर श्री राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने किया सम्मानित
” जब तक सूरज चांद रहेगा,
डॉ. राम का नाम रहेगा।”
पालमपुर के उच्च कोटि के प्रख्यात समाजसेवी डॉ. राम कुमार सूद को हिमाचल प्रदेश के महामहिम गवर्नर श्री राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने समाजसेवा के क्षेत्र में दी जाने वाली उत्कृष्ट सेवाओं के लिए गत दिवस भारत विकास परिषद के कार्यक्रम में सम्मानित किया।
वैसे तो करोड़पतियों की कमी नहीं है लेकिन अपनी जेब खाली करके ज़रूरतमंदों की मदद करना बहुत ही कठिन कार्य है। लोग सारी उम्र अपना व्यापार करके अरबों रुपये कमाते हैं लेकिन जनसेवा में एक पैसा खर्चने हेतु भी उनके हाथ कांपते हैं। ऐसे कई लोगों की मिसाल सिर्फ पालमपुर और आसपास के क्षेत्रों में ही देखने को मिल जाती है।
आज के घोर कलियुग में कुछ धनाढ्य लोग जो नापाक तरीकों से अरबों रुपये कमाते हैं लेकिन दान देना तो दूर की बात, लोगों के बने-बनाये आशियानों पर भी अपनी गिद्ध दृष्टि गढ़ाए बैठे रहते हैं। किसी का भला तो क्या करना, उल्टा छीनने की ताक लगाए बैठे रहते हैं।
ऐसे कठिन समय में डॉ राम एक अवतार के रूप में इस धरती पर अवतरित होकर दींन-दुःखियों की सच्चे दिल से सेवा-सुश्रुषा कर रहे हैं। ऐसे ही महानुभावों के बल पर धरती टिकी हुई है।
“ज़रूरतमंद को दान देना सबसे बड़ा कर्म होता है,
प्यार-मोहब्बत से जीना ही सबसे बड़ा धर्म होता है।”
उल्लेखनीय है कि जब भी समाजसेवा का ज़िक्र होता है तो डॉ राम कुमार सूद का नाम सबसे पहले ज़हन में आता है।
डॉ राम वास्तव में दानवीर कर्ण के समान हैं जिनके दरबार से आज तक कोई ज़रूरतमंद खाली हाथ नहीं लौटा।
अभी हाल ही में उन्होंने कैंसर से पीड़ित बच्ची दीक्षा जोकि पंचरुखी की निवासी है, का अपनी जेब से लाखों रुपये खर्च करके पूरा ईलाज करवाया। आज वह बच्ची PGI चंडीगढ़ से पूर्णतया स्वस्थ हो कर लौटी है और शिक्षा ग्रहण कर रही है। इसके लिए दीक्षा सहित उसके पूरे परिवार ने डॉ राम को दिल से दुआएं दी हैं।
डॉ राम हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग से SMO के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।
उनकी जनसेवा की फेहरिस्त बहुत लंबी है जिसे बयान करना और सराहना करना सूर्य को दीपक दिखाने के समान है। उन्होनें दीन-दुखियों की मदद करके जनसेवा का जो इतिहास रचा है वह अवर्णनीय है।
उन्होंने अभी हाल ही में डॉ राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा, कांगड़ा को लगभग 25 लाख रुपये की लागत से दो बड़े प्रोजेक्ट समर्पित किये जिनसे मरीजों, अभिभावकों और आम लोगों को बहुत सुविधा हो गई है।
सिविल अस्पताल पालमपुर को 28 लाख रुपये की अत्याधुनिक एम्बुलेंस खरीद कर दी जोकि अत्यन्त सुविधाजनक है।
सिविल अस्पताल में लाखों रुपये की लागत से डायलिसिस यूनिट मुहैय्या करवाई।
कई लोगों की नियमित रूप से आर्थिक मदद कर रहे हैं। कई गंभीर रूप से बीमार लोगों का इलाज करवा रहे हैं।
मंदिरों में भी खूब दान देते हैं। यह सारा कार्य वह अपने पूज्य माता-पिता की पुण्य स्मृति में फूलां देवी ठाकुर दास कड़ोल ट्रस्ट के माध्यम से करते हैं।
आज तक अपनी नेक कमाईं में से करोड़ों रुपये दान कर चुके कर्णवीर डॉ राम दी पालमपुर रोटरी आई फाउंडेशन मारंडा में भी अपनी बहुमूल्य सेवाएं दे चुके हैं।
वह स्व डॉ शिव कुमार जी के साथ 1965 में जनसेवा के क्षेत्र में उतरे थे। उन्होंने तन-मन-धन से रोटरी आई हॉस्पिटल की सेवा की है।
रोटरी आई फाउंडेशन से जुड़े सभी प्रोजेक्ट्स में उन्होंने बढ़-चढ़ कर अपनी सेवाएं दीं। कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
रोटरी आई हॉस्पिटल के निर्माण और उत्थान में उनकी सेवाओं को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
डॉ राम ने रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा में लाखों रुपये खर्च करके धर्मशाला का निर्माण करवाया जिसका लोग भरपूर लाभ उठा रहे हैं।
उनकी जनसेवा में उत्कृष्ट सेवाओं को मद्देनजर रखते हुए ही गवर्नर द्वारा उन्हें यह सम्मान दिया गया है। ईश्वर उन्हें दीर्घायु व बेहतर स्वास्थ्य दें ताकि भविष्य में भी वह जनता जनार्दन की यूं ही सेवा करते रहें।