Private Hospitals of Distt. Kangra Crying…Please pay our 50 Crores…दुःखद : बन्द होने वाला है आयुष्मान भारत और हिम केअर स्वास्थ्य योजनाओं के तहत ईलाज, निजी अस्पतालों के सरकार के पास करोड़ों रुपए के बिल लंबित, अकेले विवेकानंद अस्पताल के ही लगभग 10 करोड़ फंसे
कांगड़ा जिला निजी अस्पताल डॉक्टर एसोसिएशन की एक बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया है कि आयुष्मान भारत और हिमकेयर योजनाओं के तहत लंबे समय से बकाया भुगतान न करने के कारण निजी अस्पताल अब इन योजनाओं के तहत मरीज का इलाज नहीं कर सकते हैं।
बैंकों और आपूर्तिकर्ताओ दोनों का भारी कर्ज है। बड़ी राशि बकाया होने के कारण आपूर्तिकर्ताओं ने अब अस्पतालों को दवाएं और अन्य ज़रूरी सामान देना बंद कर दिया है।
इसलिए, सरकार को अभ्यावेददेने के बाद और उनसे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद, यह निर्णय लिया गया है कि यदि भुगतान का निपटाराजनवरी के महीने में नहीं किया गया तो 1 फरवरी, 2024 से आयुष्मान भारत और
हिमकेयर योजनाओं के तहत अस्पतालों द्वारा सेवाएं निलंबित कर दी जाएंगी।
एसोसिएशन ने सरकार को यह भी लिखा है कि या तो गरीबी की रेखा से ऊपर के लोगों को हिमकेयर योजना से बाहर रखा जाए या उनसे 3 साल के लिए 5 सदस्यों के परिवार के लिए 5 लाख रुपये का कवर प्रदान करने के लिए उपयुक्त प्रीमियम लिया जाए।
इसलिए एसोसिएशन के सदस्यों ने हिमाचल के लोगों के लिए इन सेवाओ को वापस लेने पर खेद व्यक्त करते हुए इन योजनाओं के तहत काम करने में असमर्थता व्यक्त की है।
भारी लंबित बिलों और बढ़ते कर्ज के कारण अधिकांश सदस्यों ने पीड़ा व्यक्त की और उन्हें डर है कि या तो उन्हें उपरोक्त योजनाओं के तहत सेवाएं वापस लेनी पड़ेंगी या अपने अस्पताल पूरी तरह बंद करने पड़ेंगे।
यहां आपको यह बात बताते चलें कि यह देनदारियां पिछली सरकार की समय से ही चली आ रही है और सरकार बदलने के बाद इसमें और अधिक इजाफा हो चुका है ।
किसी एक सरकार पर यह दोष थोपना सही नहीं है क्योंकि पहले से ही करोड़ों रुपए निजी अस्पतालों के सरकार के पास फंसे हुए हैं।
यह बात हैरान करने योग्य है कि अकेला विवेकानंद अस्पताल के ही 10 करोड़ से अधिक के बिल सरकार के पास लंबी पड़े हुए हैं।
अब देखना यह है कि इस विकट परिस्थिति में वर्तमान सरकार किस प्रकार से स्थिति को संभाल पाती है ताकि आम जनता को आयुष्मान भारत और हिम केअर योजनाओं के तहत उपचार मिलता रहे।