Gopal Rajput
सरकारी स्कूल हो रहे हैं बेहाल ये है जयराम ठाकुर सरकार। का कमाल।जोगटा।
हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों में जिस प्रकार से विद्यार्थियों का पलायन हो रहा है वो सरासर प्रदेश की भाजपा सरकार की कार्यशैली और सरकार का शिक्षा के प्रति लचर रुव्या देखते ही बनता है। कहां तो सरकार को शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करना चाहिए था ताकि बच्चों के अभिभावक खुश होकर अपने बच्चों को सरकारी सकूलों में अच्छी अर्थात वर्ल्ड क्लास सुविधाओ से लेस माहोल देखते।जैसे कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया के कई देशो ने दिल्ली सरकार की शिक्षा संबंधी क्रांति से प्रभावित होने के चलते दिल्ली मॉडल की सराहना की है।
लेकिन हिमाचल सरकार ने शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय को राम भरोसे छोड़ दिया है। प्रदेश मे स्कूल की हालत तो इतनी दयनीय है उद्धरण:स्वरूप मुख्यमंत्री के गृह जिला मंडी के रिवालसर में ही एक मिडिल स्कूल सिरधार करके है जहां 50 के करीब विद्यार्थी है जो इस चिलचिलाती गर्मी और बरसात के चलते पेड़ के नीचे खुले आसमान में बैठने को मजबूर हो रहे हैं। क्योंकि यहां पर स्कूल की जो पुरानी इमारत थी वो वन विभाग की भूमि पर बनी थी और उसे सरकार ने गिरा भी दिया और अभी तक इमारत नही बनी।जिसके चलते बच्चों के अभिभावक भी दबी जुबान से इसका भारी भरकम विरोध करते आ रहे हैं।
कहने का तात्पर्य ये है कि जब मुख्यमंत्री जी के निर्वाचन क्षेत्र में ही जनता को इस तरह की बुनियादि सुविधाओं से महरूम होना पड़ रहा है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश की दूसरी विधान सभाओं में क्या आलम होगा ये सोचने वाली बात है।इस तरह सरकार की प्रदेश के सर्वांगीण विकास न करवाने की परते दरबदर खुलती नजर आ रही है।
वहीं दूसरी ओर प्रदेश की राजधानी कहलाए जाने वाले जिला शिमला की यदि बात करें तो इस जिले में स्कूलों की हालत बहुत ही शोचनीय है। शिमला जिला में लगभग 39 प्राइमरी और 26 मिडिल सकूल ऐसे है जो आजकल बिल्कुल बंद पड़े है। कई ऐसे सकूल भी है जिसमे मुठीभर ही विद्यार्थी है । इतना ही नही इन स्कूलों में करोड़ों की इमारतो के साथ साथ इन इमारतों में करोड़ो का सामान भी उपलब्ध करवाया गया है अर्थात जनता के पैसों पर धूल की परतें चढ़ी हुई।
प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग ने अभि तक इस बाबत अभी तक संज्ञान ही नही लिया।इसका सीधा सीधा मतलब है कि प्रदेश सरकार निजी सकूलों को प्रोत्साहन दे रही है।
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि सरकार ने जानबूझ कर सरकारी सकूलों में शिक्षा के ढांचे को सुदृढ़ नही किया और न ही बच्चों के अभिभावकों को भी इस बाबत विश्वास में लिया गया।
शिमला से जारी एक प्रैस बयान में हिमाचल प्रदेश आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एसएस जोगटा ने आगे कहा है कि प्रदेश की जनता से तथा उनके मासूम बच्चों के साथ इस तरह का विश्वासघात करना सरकार को शोभा नहीं देता।
शिक्षा के साथ जिस तरह से खिलवाड़ किया जा रहा है इस बात का आदमी पार्टी विरोध करती है और सरकार से गुहार लगाती है कि दिल्ली पैटर्न के ऊपर सरकारी स्कूलों का उद्धार किया जाए और वर्ल्ड क्लास शिक्षा हिमाचल प्रदेश के बच्चों को भी निशुल्क प्रदान की जाए। अगर प्रदेश सरकार चुनावी वर्ष के अंतिम साल में इस तरह की सुविधाओं को प्रदान करने के लिए असमर्थ साबित हुई है। जिसके चलते इस चुनावी वर्ष में जनता सरकार को सबक अवश्य सिखाएगी और जनता इस बार अवश्यमेव ही आप पार्टी को तवज्जो देगी ताकि प्रदेश की जनता को बुनियादी और मूलभूत सुविधाओं को प्रदान कीया जा सके।
जिन वर्ल्ड क्लास मूलभूत सुविधाओं को भारतवर्ष ही नहीं बल्कि दुनिया के विकासशील देश भी दिल्ली मॉडल की प्रशंसा करते नही थकते। जिसे केजरीवाल मॉडल ऑफ गुड गवर्नेंस कहते हैं।
(एसएस जोगटा),
प्रवक्ता आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश।